Sameer ki crossdressing

समीर एनडीए का एग्जाम देने के लिए शहर आया था वहां उसकी दीदी और जीजा दोनों रहते थे। समीर ने सोचा था कि वह एग्जाम देने के बाद तुरंत ही वापस हो लेगा। इसलिए जैसे ही समीर का एग्जाम खत्म हुआ वह तुरंत ही अपनी दीदी के घर पहुंचा उसने हाथ मुंह धो कर फ्रेश हुआ और फिर चाय नाश्ता किया। शाम के 10:00 बज रहे थे उसने दीदी से अब मैं निकलता हूं अभी 6:00 बजे बस मिल जाएगी और रात 8:00 बजे तक मैं घर पहुंच जाऊंगा। दीदी ने कहा ठीक है तुम जा सकते हो। फिर दीदी अपनी मम्मी के लिए कुछ पुराने कपड़े और खाने पीने का सामान देने लगी। अपना बैग तैयार करके समीर जैसे ही निकलने वाला था तुरंत ही दीदी के नंबर पर फोन आ गया phone समीर के जीजा का था। जीजा कह रहे थे कि आज रात को घर नहीं आ पाएंगे सो समीर को रोक लो। फोन काट कर दीदी ने समीर से कहा देखो आज तुम्हारे जीजा नहीं आ रहे हैं i

मैं घर पर अकेली रह जाऊंगी इसलिए आज रात तुम यहीं रुक जाओ कल सुबह चले जाना। समीर ने कहा ठीक है पर यदि मैं तो अपने कपड़े लाया ही नहीं हूं। दीदी ने कहा परेशान क्यों होते हो तुम्हारे जीजा के कपड़े तो है ना वैसे भी रात में तुम कुछ भी पहन कर सो सकते हो। समीर रुकने को तैयार हो गया उसने गांव में अपनी मां के पास फोन कर दिया कि वह आज दीदी के पास रुकेगा और कल आएगा। दीदी ने कहा समीर तुम कपड़े उतार दो लाओ तब तक मैं धो देती हूं तुम बैठ कर टीवी देखो और हां जीजा जी का, टावर लपेट लो मैं अभी आकर कपड़े निकाल देती इतना कहकर दीदी बाथरूम में चली गई और समीर के कपड़े धोने लगी

।दीदी बाहर कपड़े फैला कर वापस आए तो जीजा जी का यानी अपने हस्बैंड का अलमारी खोलने लगी पर यह क्या अलमारी की तो चाबी ही नहीं थी। लगता है जीजा जी अलमारी की चाबी साथ ले गए थे। दीदी ने कहा समीर अब तो समस्या हो गई है जीजा जी तो अलमारी की चाबी ले गए हैं और उनके सारे कपड़े अलमारी में ही हैं। मैंने तो तुम्हारे सारे कपड़े धो दिये ए हैं। अब मैं क्या करूं दीदी ठंडक भी हो रही है दरअसल यह फरवरी का महीना था 6 फरवरी को काफी ठंड थी। दीदी ने कहा समीर अगर बुरा ना मानो तो एक बात कहूं तो मेरा सलवार सूट ही पहन लो वैसे भी बाहर कोई देखने वाला नहीं है। समीर ने पहले तो ना नुकुर की पर वह तैयार हो गया। दीदी ने अपना सिल्क वाला सलवार सूट निकाल कर उसको दिया पर यह क्या समीर के पैरों में सलवार का पहुंचा ही नहीं जा रहा था।दीदी यह सलवार तो मुझे को ही नहीं रही है मैं बहुत कोशिश कर रहा हूं समीर ने कहा। दर्शन बीवी के पास चूड़ीदार सलवार सूट ही थे और उनकी पैर में की सकरी य होने के कारण पैरों में नहीं जा रही थी। तब दीदी ने कहा ठंडा ज्यादा है तो मेरा पहले ब्लाउज ट्राई करो। दीदी के बूब्स काफ़ी बड़े थे शो दीदी का ब्लाउज समीर के बिल्कुल फिट आ गया कि दिदी खुश हो गई। उन्होंने समीर को बरा दी फिर समीर ने ब्रा के ऊपर से ब्लाउज पहना। फिर दीदी ने पेटीकोट पहनाया और अपने दुपट्टे को फोल्ड करके प्राप्त कब्ज के अंदर भर दिया जिससे समीर के बूब्स तैयार हो गए। आप ब्लाउज बिल्कुल फिट हो गया था समीर ब्लाउज और पेटीकोट में दीदी के सामने खड़ा था। दीदी ने पिंक कलर की साड़ी निकाली और समीर को पहना दी कंधे पर पल्लू डाल दिया।उन्होंने कहा देखो समीर जब तुमने साड़ी ब्लाउज पेटीकोट पहन ही लिया है तो मैं तुम्हारा हल्का सा मेकअप कर देती हूं तब दीदी ने समीर को लिपस्टिक क्रीम पाउडर और फाउंडेशन लगाया गले में मंगलसूत्र पहना दिया। दीदी के पास एक विग भी थी तो उन्होंने समीर को विग पहना दी। फिर चूड़ियां पायल और बिछिया भी संगीत को पहना की कुल मिलाकर अब समीर बिल्कुल दीदी का दूसरा रूप लग रहा था। पर वह खुद को इस औरत के रूप में देख कर शर्मा भी रहा था यह देखकर दीदी ने कहा। शर्माने की जरूरत नहीं है समीर आ जा मान लो कि तुम मेरे भाई नहीं बल्कि एक छोटी बहन हो। सब दीदी समीर को इसी औरत के रूप में किचन में ले गई और समीर ने दीदी का हाथ बताया दोनों खाना बनाकर डायनिंग ग टेबल पर ले आए वहां बैठकर दोनों ने खाना खाया,फिर दीदी ने समीर की औरत के रूप में कुछ फोटो खींची। समीर ने कहा दीदी प्लीज यह फोटो किसी को दिखाइएगा नहीं दीदी ने कहा घबराओ नहीं मेरी छोटी बहन मुझे भी तुम्हारी इज्जत की चिंता है। फिर दीदी ने म्यूजिक लगाया और समीर से नाचने के लिए कहा पहले तो समीर ने मना किया फिर जब दीदी ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ नाचूंगी तो सभीर तैयार हो गया। फिर समीर और दीदी दोनों ने औरतों की तरह गाने पर डांस किया और दीदी ने उस डांस की वीडियो भी बनाई। रात के लगभग 12:00 बज चुके थे अब समीर ने कहा कि दीदी नींद आ रही है तब दीदी ने कहा कोई बात नहीं आज की रात तो तुम औरत ही हो इसलिए मेरे बगल में ही सो सकती हो फिर क्या था समीर और दीदी दोनों एक ही बिस्तर में सो गए रात भर मजे से सोए सुबह समीर ने उठकर अपना गेटअप चेंज किया।ूअपना मेकअप हटाया उसके कपड़े सूख चुके थे दीदी ने कपड़े प्रेस किए और समीर पुराने मर्दानी रूप में आ गया। जीजा के आने का टाइम हो रहा था सो समीर दीदी से अलविदा कह कर जल्दी से बस स्टॉप पर आ गया। इस घटना को लगभग 2 साल बीत चुके हैं पर समीर को आज का वह दिन अभी भी याद है। जब भी वह दीदी के पास जाता है तो दीदी की मदद से वह क्रॉसड्रेसिंग जरूर करता है।।।