अपनी गर्लफ्रेंड नेहा की शादी अटेंड करने के लिए करन बना कियारा ,सच्ची मोहब्बत की कहानी
Crossdressing hindi story : Male to female Ravi
रवि को लगा के वो घर में अकेला है और मम्मी पापा ऑफिस के काम से बाहर शहर गए हैं।उसने तुरंत अपने कपडे उतारें और बहन की फेवरेट गुलाबी ड्रेस पहन ली। फ़िर सिस्टर के हिल्स जैसे तैस पैरो में डाले और फिर पैरो की उंगलियो जो हिल्स से बहार थी उन्हें नेल पेंट किया ।
उसके बाद अपनी फेवरेट पिंक टेप से अपने पैरो को लॉक किया।फिर आंखों पर एक स्कार्फ कैसे बांधा के कुछ दिखाई ना दे।और सबसे लास्ट में स्टील की हथकड़ी का प्लान था और सेल्फ बॉन्डेज को एन्जॉय करना था।
इससे पहले भी कई बार ऐसा कर चुका था।पर
शायद आज किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
मम्मी की तबीयत में खराबी हुई तो वो आधे रास्ते से ही वापस आ गई।घर में बिना आवाज के हुए घर में प्रवेश हुई और रवि को देख कर उन्हे कुछ समझ नहीं आया के क्या कर रहा है तो चुपचाप खड़ी हो गई। और रवि के हथकड़ी में ताला लगाने का इंतजार करने लगी।
तभी रवि ने अपने दोनों हाथो को पीठ के पीछे एक दूसरे से लोक् किया। लेकिन उसकी मम्मी का हाथ किसी चीज को लगने से जो आवाज हुई उससे घबराहट में हथकड़ी की चाभी रवि के हाथ से छुट गई और रवि चाभी को धुंधता उसकी मम्मी ने आगे बढ़ कर वो चाभी उठा कर अपने पास रख ली।
और बिना आवाज़ के वहा से दूसरे कमरे में चली गई ये सोच ने के लिए के वो अब रवि के साथ क्या करें।
रवि को कुछ समझ नहीं आया के आखिर चाभी गई कहा। अब उसे घबराहट हो रही है के घर में अकेले ऐसे कितनी देर रहे पाएगा दूसरी तरफ रवि की मम्मी सोच रही है के आखिर रवि के साथ आगे क्या करना है उसे खोल दे या परेशान करे ।आप को जो भी लग रहा हो वो कमेंट बॉक्स में बताओ।
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Crossdressing hindi story : Male to female Santosh
ये कहानी संतोष की है, जो अपने दोस्त रितेश के बच्चो के लिए , सोनाक्षी बना गया और फिर , अपने ही दोस्त रितेश की पत्नी बना , बहुत ही इमोशनल क्रॉसड्रेसिंग कहानी है।
जाने जैसे कल ही की बात है जब मेरे दोस्त रितेश का देर रात मेरे पास फोन आया था। बेचारा ठीक ढंग से मुझसे अपनी बात भी न कह पा रहा था। उसकी पत्नी सुलोचना उसे और उसके बच्चों को छोड़कर अपने आशिक के साथ नया जीवन बीताने घर से भाग गई थी। ये बात से उसे इतनी शर्मिंदगी का एहसास हो रहा था कि वो अपनी मदद के लिए अपने किसी रिश्तेदार से भी न कह सका। ३ साल का छोटा बेटा और ६ साल की छोटी बेटी को छोड़कर न जाने कैसे उसकी पत्नी चली गई थी। लोग तो रितेश को ही दोष देते कि वो अपनी पत्नी को खुश न रख सका।
“रितेश यार, बच्चे अपनी माँ के बगैर खाना भी नहीं खा रहे है।”, उसने रोते हुए मुझसे बस इतना ही कहा था। इसके आगे उसे कुछ कहने की जरूरत नहीं थी। मैं समझ गया था कि बच्चों को इस समय एक स्त्री की जरूरत थी जो उन्हे माँ का प्यार दे सके। रितेश मेरी क्रॉसड्रेसिंग के बारे में जानता था। शायद इसलिए उसने मुझे फोन किया था। मैंने भी तुरंत ही उस समय रात को एक सिम्पल सी साड़ी पहनकर बच्चों के पास जाना उचित समझा। रास्ते में मैंने उन सभी के खाने के लिए कुछ खरीद लिया था।
घर में सभी उदास थे और भूखे भी। एक नई आंटी को घर में देख बच्चों ने मुझे गले लगा लिया था। उस समय मैंने अपने भविष्य की न सोचकर बस उस समय बच्चों को खाना खिलाने पर ध्यान दिया था। एक – दो दिन बच्चों का ध्यान रखने के बाद भी मुझे लगा कि इन्हे मेरी जरूरत है। तभी तो मैं उनकी आंटी बनकर रुक गया। और करीब एक हफ्ते बाद न जाने कब और कैसे मैं उनकी आंटी से माँ बन गई ये पता भी न चला। शायद “मम्मी” ये शब्द पहले नितीक्षा बेटी ने कहे थे। वो शब्द सुनकर मैं भाव विभोर हो गई थी। शायद इसलिए तो उन्हे छोड़कर वापस अपनी लड़के वाली ज़िंदगी में जाने का तब खयाल ही कहीं पीछे छूट गया था। कभी मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे मम्मी होने का सुख मिलेगा। दोनों बच्चों के प्यार के सहारे मैं भी उन्हे खूब प्यार देती। कितना अच्छा लगता था जब वो मेरे पास आकर मेरी साड़ी का पल्लू खींचकर मुझसे कुछ मांगते और मैं भी उन्हे प्यार से अपनी गोद में बीठा लेती।
बच्चों के साथ रहते रहते मैं दिल और दिमाग से पूरी तरह से माँ बन चुकी थी और मुझे उनकी हर छोटी छोटी बातों का ध्यान रहता था। मैं रितेश एक लड़का हूँ … ये बात तो जैसे एक सपने की तरह हो गई थी। मेरे मन में शायद वात्सल्य की भावना इतनी भर चुकी थी कि मेरा शरीर भी धीरे धीरे बदलने लगा था और मेरे दुबले पतले शरीर पर लगातार ब्रा की बजह से बक्ष उभर उठे थे। बक्ष का मतलब डिटेल बॉक्स में लिखा है पढ़ लेना अपने बक्ष के बीच बच्चों का सर रखकर उन्हे सुलाने में एक अलग ही सुख मिलता था मुझे।इतने समय में सुलोचना ३-४ महीनों में एक बार अपने बच्चों को देखने आ जाती थी। ऐसा न था कि उसे बच्चों की याद आती थी या उसके दिल में उनके लिए तड़प उठती थी। बस फॉर्मैलिटी के लिए आती थी और जब आती तब मुझे ताना देती कि मैं एक औरत नहीं हूँ। पर मैं उससे कुछ न कहती क्योंकि मेरे बच्चे जब उसकी आँखों के सामने ही मुझे मम्मी मम्मी कहकर मुझसे लिपट पड़ते तो उसकी आँखें जलन से भर उठती।
शायद लगभग एक साल हो गया था जब सुलोचना का आशिक भी उसे छोड़ चुका था। शायद इसलिए वो धीरे धीरे फिर से रितेश और बच्चों की ज़िंदगी में वापस आना चाहती थी पर फिर भी उसके व्यवहार में कोई बदलाव न आया था। वो हर दो महीने में घर में कुछ घंटों के लिए आती थी पर उसे कोई पसंद न करता था। चाहे वो मुझे जो भी कहे पर अब मैं शरीर से भी लगभग बच्चों की माँ बन चुकी थी। मेरे बक्ष बढ़ गए थे और दो सालों में मेरे बाल भी इतने बढ़ गए थे कि मुझे अब विग की जरूरत न थी। अब तो साड़ी ब्लॉउज़ को छोड़कर कुछ और पहनना मुझे असहज लगता था। कभी कभी नितीक्षा की जिद पर मैं सलवार सूट पहन लेती थी फिर भी साड़ी मेरा पसंदीदा थी।
ऐसे ही अपना घर छोड़ने के लगभग ३ साल बाद आज सुलोचना हमारे घर आई थी। और आकर उसने मुझसे कहा कि वो मुझसे बच्चों और रितेश को छीन कर रहेगी। उसने और न जाने क्या क्या बातें कहीं जैसे उसे पहले ही शक था कि रितेश और मेरे बीच पहले से ही कुछ चक्कर था। उसकी बात सुनकर मैं भड़क गई थी क्योंकि रितेश और मेरे बीच कभी कोई शारीरिक संबंध न था। उसके साथ रहते रहते दुनिया की नजर में मैं अब उसकी पत्नी बन चुकी थी। हम दोनों एक पति-पत्नी की तरह ही घर की शॉपिंग और अन्य काम करते थे। बस कभी कभी ऑफिस जाने के पहले वो मुझे गले लगाते थे या फिर कभी कभी सोते समय पर फिर भी हम दोनों के बीच वैसा शारीरिक संबंध नहीं था जैसा सुलोचना मुझ पर आरोप लगा रही थी।
इसलिए मैंने उसे गुस्से में कह दिया कि वो चाहे कितनी भी कोशिश कर ले पर मैं अपने बच्चों और अपने पति को छोड़ूँगी नहीं। हाँ, ये बच्चे मेरे ही तो थे और इन बच्चों की माँ होने के नाते उनके पिता की पत्नी भी थी मैं। शायद मुझे गुस्से में सुनकर मेरे बच्चे भी अपने कमरे से बाहर आ गए और अपनी मम्मी का सहारा बनने के लिए उसकी कमर से लिपट कर खड़े हो गए। मेरे इस रूप को देखकर सुलोचना तुरंत ही उलटे पैर घर से बाहर निकल गई। आज शायद उसे समझ आ गया था कि मैं अपने घर को टूटने न दूँगी। उसने तो बच्चों को सिर्फ जन्म दिया था पर मैं उनकी असली माँ हूँ।
रात में जब रितेश घर आए तो खाना खाने के बाद हम दोनों अपने कमरे में सोने आ गए। “लगता है आज सुलोचना घर आई थी।”, उन्होंने मुझसे कमरे में मेरा हाथ पकड़ कर कहा।
“हाँ, मगर आपको कैसे पता चला?”, मैंने सर झुकाकर पूछा।
“क्योंकि आज तुम्हारा खुश चेहरा उदास दिख रहा है। वो जब भी आती है तब ऐसा ही होता है।”, उन्होंने मेरे चेहरे को उठाकर कहा।
मैं कुछ देर चुप रही और फिर उनसे कहा, “सुनिए …”
“हाँ बोलो सोनाक्षी ”
“मैं आपकी पत्नी हूँ न?”, मैंने पूछा तो वो मुस्कुराकर बोले, “हाँ, सोनाक्षी तुम मेरी पत्नी से भी बढ़कर हो।”
उनकी बात सुन मैं भावुक हो उनसे गले लग गई और उनसे बोली, “आज मैं आपकी पूर्ण रूप से पत्नी बनकर अपना तन मन आपको सौंपना चाहती हूँ।”
शायद वो मन ही मन मुस्कुरा रहे थे। शायद उन्हे इस दिन का बेसब्री से इंतज़ार था और उन्होंने अपने हाथ से मेरी पीठ पर मेरे ब्लॉउज़ पर सहलाना शुरू कर दिया। और फिर मेरे चेहरे को प्यार से उठाकर उन्होंने मेरे होंठों को चूम लिया।
शायद सुलोचना की उस बात ने मुझे एक पत्नी के रूप में अपने अधिकार का ध्यान दिला दिया था और आज मैं इनके साथ अपना सर्वस्व उन्हे सौंपने जा रही थी। मन की सारी शंकाएँ दूर हो गई थी। हाँ, मैं एक माँ हूँ … मैं एक पत्नी हूँ… मैं मिसेज सोनाक्षी रितेश शर्मा हूँ।
Crossdressing Hindi Story : Black Magic MTF
व्हाट्सएप चैट
राहुल - हे सुरेश केसा है मेरे दोस्त, कल मैंने तुम्हें एक वीडियो भेजा था, मुझे आशा है कि तुम्हें पसंद आया होगा, कृपया उसे शेयर करना
सुरेश - हाय राहुल, हा मैंने वो वीडियो देखा जिसमे तुम्हारे पिता भूत/आत्मा को बुला रहे थे, मुझे बड़ी हसी आई, सच में आज कल के जमाने में ऐसा काला जादू पे कौन भरोसा करता है भला, ये सब बकवास है
राहुल - यार ऐसा मत बोल, बड़ी महेनत से डैड ने ये वीडियो बना है, कृपया अपने इंस्टा। पेज पे शेयर कर दे
सुरेश - आरे तुम तो पीछे ही पड़ गए, ऐसा भला होता है क्या, ये मेरे इंस्टा पर 50 हजार फॉलोअर्स हैं लेकिन उसका मतलब ये नहीं के में कुछ भी डाल दू, हा तुम्हारी जैसी प्रतिष्ठा है कॉलेज में उस टाइप का वीडियो डाल सकता हूं, बोलो
राहुल- किस टाइप की रेपुटेशन?
सुरेश - वही औरतो वाली, याद नहीं क्या, सब लड़की तुझे दीदी कहके बुलाती है तू दिखने में बिलकुल लड़कियों जैसा जो है, बस तू ब्रा पहनने ले और थोड़ा मेकअप कर ले तो तेरा वीडियो रोज डाल दूंगा । हेहेहे
राहुल- स्टॉप इट प्लीज, तू ऐसा सब मत बोल, अच्छा नहीं होगा वर्ना, मैंने सोचा था के तू अच्छा इंसान है पर तू भी दसरे लोगो जैसा निकला
सुरेश - ओह साले 'sissy ' चुप कर वरना वही आके ऐसा मारुंगा के सच में बस ब्रा पहनने ने के लायक रहेगा
व्हाट्सएप संदेश समाप्त होता है
अगले दिन सुरेश जाग गया और उसे बहुत अजीब लगा, जैसे ही वह अपने बालों तक पहुँचा, वह लंबे थे , जबकि उसके हाथ बहुत पतले और हैरलेस थे, और नाखून में नेलपेंट थी और जैसे ही उसने नीचे देखा, असली झटका लगा , उसने 36 साइज की ब्रा को अपने असली भरे हुए स्तन के ऊपर पहना था, वह पूरी तरह सदमे में था और नहीं जानता था कि वह एक लड़की कैसे बन गया
अचानक एक व्हाट्सएप मैसेज आया, वह राहुल का था
राहुल - हाय समीरा दीदी, कैसी हो आप? आपने कल मुझे कल बोला था के अगर में ब्रा पहन लू तो मेरा वीडियो डालोगे तो मैंने मैंने अपने पिता को बोलके आपको ही एक लड़की बना दिया ताकी आप रोज अलग अलग वीडियो ब्रा पहन कर डाल सको और कोलाज की सारी लड़कियों तुमको देख के जलन महसूस करे.. विंक विंक
ये है समीरा की एक तस्वीर -
Crossdressing story Hindi :Naukar Biwi ka
मैं एक पच्चीस वर्ष का नवयुवक हूं, मेरा शरीर दुबला पतला है। और बदन पर बाल भी न के बराबर हैं। मेरी कलाइयां भी लड़कियों जैसी पतली हैं। मैं एक क्रॉस ड्रेसर हूं। मैं अकेला हूं और एक कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर हूं।दिन भर ऑफिस में रह कर शाम को अपने फ्लैट पर आता हूं। फिर रोज की तरह नहा धो कर साड़ी ब्लाउस पहन कर अपना काम करता हूं। मेरे हाथ पैर के नेल्स भी नेचुरली लड़कियों जैसे है, जो मेरी उंगलियों के पोरों से आधा सेंटीमीटर बड़े हैं। मुझे नेल पॉलिश का बड़ा शौक है, इसीलिए मेरे पास कई रंगों की नेलपॉलिश है। मेरी कलाइयों मैं चूड़ियां भी पहनना मुझे पसंद है। जब मैं चूड़ियां पहन कर काम करता हूं तो उनकी खनक मुझे एक औरत होने का अहसास कराती है रात को भी में नाइटी पहन कर ही सोता हूं। मेरे पास मेकअप का भी इंतजाम है।
एक दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी, और मैं सुबह से फ्लैट पर लड़की की वेशभूषा में था। उस दिन मैंने एक सुंदर सा लहंगा चोली पहन रखा था। मेरे नेल्स रेड कलर की पॉलिश से दमक रहे थे, हाथों में ढेर सारी चूड़ियां डली हुई थी। मेरी आइब्रो भी नेचुरल बारीक थी बस उनको डार्क कर दिया गया था। गाल पर ब्लश और रेड लिपस्टिक लगाई थी। मेरे कानों में क्लिप ऑन इयररिंग्स डाल दी थी। सिर पर एक लंबे बालों वाली विग लगी थी। मैं आराम से एक पैर को दूसरे पैर पर रख कर टीवी देख रहा था। तभी कॉल बेल की आवाज़ सुनाई दी। मेरा ध्यान टूटा। मैंने सोचा, “ कौन हो सकता है ? ”
मुझे पता था कि मेरा कोई भी दोस्त नहीं है। अब मैंने सोचा शायद कोई शरारती बच्चा बेल बजा गया होगा। तभी फिर से बेल बजी। अब मैंने सीसीटीवी कैमरे में देखा, तो मेरे होश उड़ गए। बाहर मेरी पर्सनल असिस्टेंट पायल खड़ी थी। अब मैं क्या करता, इस वेश भूषा में उसके सामने जाने कि हिम्मत नहीं हुई। तभी मेरे फोन की घंटी बजी। मैंने डरते हुए फोन उठाया।
“ हैलो.. कौन?? ”
“ सर, मैं पायल.. दरवाजा तो खोलो।” उसने कहा।
मैं बड़ा चक्कर में पड़ गया। क्या करूं??
‘अब जो होगा देखा जाएगा।’ मैंने मन ही मन सोचा। और दरवाजा खोल दिया।
बाहर पायल ब्लू साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही थी।पतला बदन, नाज़ुक कलाइयों में ढेर सारी चूड़ियां, लिपस्टिक से मैच करती नेलपॉलिश। एक दम अप्सरा लग रही थी।
“सर..आप..?” मुझे देख कर पायल का मुंह फटा रह गया।
“अं..हां, अंदर आओ।” मैंने उसको अन्दर बुलाया।
अब मैंने गेट लॉक किया और आकर पायल के सामने बैठ गया। मेरा सर झुका हुआ था में बेचैनी से अपनी चुनरी से खेल रहा था, मेरी चूड़ियों की खनक कमरे में साफ सुनाई दे रही थी।
“सर,ये सब.. आपने ये क्या भेस बना रखा है?” पायल ने पूछा।
“पायल पहले तुम वादा करो कि किसी को मेरे बारे में नहीं बताओगी।” मैंने पायल के हाथ पकड़ कर कहा।
“प्रोमिस सर, अब आप बताओ।” उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा।
“ मैं.. मैं एक क्रॉस ड्रेसर हूं,” मेरे मुंह से बस इतना निकला।
“मतलब?” उसने आश्चर्य से पूछा।
“ मुझे औरतों की तरह रहना, उनके कपड़े पहनना, सजना संवरना अच्छा लगता है।” मैंने सर झुकाकर कहा।
“ओह!” उसने मुस्कराहट दबाते हुए कहा।
“ वैसे एक बात कहूं,” वो बोली।
“हां,कहो ”
“आप इस रूप में भी अच्छे लगते हो, और आपके ऊपर ये कपड़े जंच रहे हैं।” वो हंसते हुए बोली।
“अब आज से मैं आपको सर नहीं मैडम बोला करूंगी।” वो मेरा हाथ पकड़ कर मेरे करीब बैठ गई।
“तो, क्या तुम मुझसे नाराज़ नहीं हो।?” मैंने पूछा।
“नहीं, नाराजगी कैसी? मुझे तो खुशी है कि अब मैं आपके साथ अपने कपड़े मेकअप, चूड़ियां सब कुछ शेयर कर सकती हूं।” वो खुश होकर बोली।
“By the way, आपकी नेल पॉलिश बड़ी सुंदर लग रही है, और ये क्या, आपके नेल्स रियल है या फिर आर्टिफिशल..? ”
“ये रियल हैं, मैंने खुद बढ़ाए हैं।” मैंने अपने हाथों को देखते हुए कहा।
“वाह! वैसे भी आपका शरीर मर्दों जैसा नहीं है, सच बताऊं तो आप सबके सामने भी साड़ी, चूड़ियां पहन कर रहा करो। मस्त लगोगी ” वो हंसते हुए बोली।
“लगोगी? क्या मतलब है तुम्हारा ?” मैंने बनावटी गुस्से से कहा।
“अरे औरत हो तो वैसे ही बोला जाएगा ना।” उसने कहा।
“औरत क्यूं, मैं तो मर्द हूं ” मैंने कहा।
“अच्छा..? लहंगा चोली पहनते हो, अपनी नाज़ुक कलाइयों में ढेर सारी चूड़ियां पहनते हो, लिपस्टिक,नेलपॉलिश लगाते हो, और फिर अपने आप को मर्द कहते हो..? क्या असली मर्द ये सब पहनते हैं? ”
“ ??? ” में चुप! क्या कहता। वाकई में, मैं मर्द कहलाने लायक नहीं था।
“चलो जाने दो, अब मैडम बन गए हो तो एक कप चाय तो पिला दो।” पायल ने आंख मारते हुए कहा।
“अभी लेे आता हूं, बस चेंज करके आता हूं।” मैंने उठते हुए कहा।
“नो वे, ऐसे ही जाओ मैडम। हम भी तो देखें कि हमारी मैडम कैसे घर का काम करती हैं।” पायल बोली।
मैं क्या करता, जैसे तैसे अपना लहंगा संभाला और किचेन कि ओर चल पड़ा। चाय बनाते हुए मेरी चूड़ियां बहुत आवाज़ कर रही थी। एक प्लेट में कुछ बिस्किट्स रखे और दो कप चाय ट्रे में टेबल पर रखकर वापस पायल के पास बैठ गया।
पायल बड़े गौर से मुझे देख रही थी।
“एक बात बताओ, औरत बन कर तुमको कैसा लगता है, क्या तुमको अपनी मर्दानगी पर शर्म नहीं आती?”
पायल ने चाय का कप उठाते हुए पूछा।
“???” मैं चुप। मेरे हाथ कांप रहे थे, मेरी चूड़ियां शोर मचाने लगी।
“ अच्छा, एक बात बताओ क्या तुम किसी मर्द से शादी करने की तो नहीं सोच रहे हो ना ? ”
“ पायल मैं गे नहीं हूं, मैं एक क्रॉस ड्रेसर हूं, एक ऐसा मर्द जो सिर्फ औरतों के कपड़े पहनना पसंद करता है, उनकी तरह सजना संवरना चाहता है। ” मैंने धीरे धीरे बताया।
“ ठीक है, अगर औरत से शादी करोगे तो तुम पति तो नहीं बन सकते लेकिन पत्नी बन सकते हो। पर ऐसी लड़की कहां से मिलेगी जो तुमको इस रूप में स्वीकार कर सके।”
पायल बोली।
“ ये तो सबसे बड़ी समस्या है, मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं कि मैं किसी का पति बन सकूं।” मैंने दुख से कहा।
“ मुझसे शादी करोगे ? ” अचानक उसने धमाका किया।
“ क्या????” मेरे मुंह से निकला।
“ हां, मैं तैयार हूं, लेकिन मेरी भी कुछ शर्तें हैं? ”
वो अर्थपूर्ण मुस्कराहट से बोली।
“ वो क्या है?” मैंने पूछा।
“ सुनो, पहली शर्त, शादी के बाद तुम सिर्फ औरतों वाले ही कपड़े पहनोगे। दूसरी शर्त, शादी के बाद तुम्हारी सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम में होगी। तीसरी शर्त, तुम अपने नाक और कान भी छिदवाओ जिससे तुम भी कान में झुमके और नाक में नथ पहनो। चौथी शर्त, अब तुम अपने बाल और नाखून बड़े करोगे, जिससे तुम्हारी चोटी बन सके और हमेशा तुम्हारे नेल्स पॉलिश से रंगे हुए हों। और पांचवीं शर्त, तुम इसी रूप में मेरे मायके चलोगे, बोलो मंजूर है कि नहीं?” उसने अपनी शर्तें बताकर कहा।
मैं अब चक्कर में पड़ गया। अगर न करूं तो पोल खुलने का डर, अगर हां की तो बची खुची मर्दानगी भी चली जाएगी। बड़ी मुश्किल हो गई थी।
“ क्या सोच रही हो मैडम ?” वो हंसते हुए बोली।
“ जैसा तुम ठीक समझो।” मैंने धीरे से कहा।
“ लेकिन एक काम तो रह गया ” वो बोली।
“ क्या ? ” मैंने पूछा।
“ जरा अपनी होने वाली बीबी की कुछ फोटोज तो ले लूं, घर में पूछेंगे तो बता दूंगी कि यही मेरी बीबी है। ” इतना कह के उसने मेरे अलग अलग पोज में कई तस्वीरें अपने मोबाइल कैमरे से खींच ली। और मोबाइल को पर्स में डाल लिया।
वो इसी शहर में एक अपार्टमेंट मैं किराए पर रहती थी।
फिर एक दिन हम दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली। अब मैं अपने फ्लैट पर उसे भी ले आया।
सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं उठ कर बाथरूम में जाकर फ्रेश हुआ और किचेन से दो कप चाय बना कर ले आया।
“ गुड मॉर्निंग,” मैंने चाय का कप उसे देते हुए कहा।
“ गुड मॉर्निंग,” इतना कह कर वो मुस्कराई।
“ चलो, अब नहा धोकर आओ और ध्यान रखना तुम्हारे बदन पर सिवाय सिर और आइब्रो के कहीं भी एक बाल नहीं होने चाहिए।” उसने मुझे आदेश दिया।
जब मैं बाथरूम से बाहर आया तो मेरा बदन एक दम लड़कियों की तरह चिकना हो गया था।
“ आओ, अब कपड़े पहनो ” इतना कह कर उसने मुझे एक ब्रा और पैंटी दी।
अब मैंने ब्रा पैंटी के ऊपर एक टी शर्ट और एक टाईट जीन्स पहन ली। ब्रा तो टी शर्ट में दिखाई नहीं दे रही थी पर जीन्स से पैंटी की लाइन अवश्य दिख रही थी। मेरे पैरों के नेल्स रूबी रेड कलर से चमक रहे थे।
“ एक काम करो, हाथों के नेल्स से पॉलिश साफ करलो और पैरों के लिए स्पोर्ट्स शूज पहन लो। कोई देख नहीं सकेगा। ” उसने कहा।
कार मैं चालाऊंगी, उसने कहा, मैंने भी हां कर दी। ब्रा और पैंटी की वजह से कुछ असहज सा महसूस हो रहा था लेकिन मुझे ये नहीं पता था कि अब जो होने वाला है वो मेरी जिंदगी को कितना असहज बना देगा।
कार एक आलीशान ब्यूटीपार्लर के सामने रुकी। मेरा दिल धड़कने लगा। अजीब सी आशंका होने लगी।
“ अब चलो भी, क्या यहीं बैठने का इरादा है। ” उसने मेरे को कार से लगभग खींचते हुए कहा।
हम लोग अंदर पहुंचे। एक सुंदर सी लड़की ने हमको एक कोने में चेयर पर बैठने को कहा।
थोड़ी देर बाद एक लड़की हमको एक दूसरे कमरे में ले गई।एक डेंटिस्ट जैसी कुर्सी पर मुझे बैठा दिया। तभी एक बेहद खूबसूरत लड़की अंदर आई और पायल ने उसके कान में कुछ कहा। वो भी मुस्कराई। फिर पायल बाहर चली गई।उस सुंदर लड़की ने मेरे हाथ और पैर चेयर के स्ट्रैप से बांध दिए। अब मैं हिल भी नहीं सकता था। अब एक मार्कर से उसने मेरे दोनों कानो पर तीन तीन निशान लगाए। फिर एक गन उठाई। वो पियर्सिंग गन थी।
“ देखो, स्वीटी घबराना मत, ये सेकंड में काम करती है, कोई दर्द नहीं होगा। ” इतना कहकर उसने एक कॉटन मैं स्प्रिट लेकर दोनों कानो मैं लगाया और तीन तीन बार केवल पॉप की आवाज़ आई और मेरे कानों में छेद हो चुके थे। तीन तीन रिंग्स मेरे दोनों कानो में डल चुकी थी। अब उसने मेरी लेफ्ट साइड की नाक पर मार्क किया और अब मेरी नाक में भी नोजरिंग पहना दी। नाक कान के बाद अब मेरा मेकअप शुरू हुआ। मेरी आइब्रो भी सेट कर दी। फिर पेडीक्योर, मैनीक्योर अंत में मेरे नेल्स मेरी लिपस्टिक के कलर से मैच किए गए।
तभी पायल अंदर आई। मुझे देख कर हैरान रह गई।
“ ओह, माई गॉड ! यार तुमने तो कमाल कर दिया।”
वो पार्लर वाली से बोली।
“ थैंक्स,”
“ वैसे ये मेकअप कितने दिन के लिए है?” पायल ने पूछा।
“देखो,लिपस्टिक और नेलपॉलिश तो कमसे कम एक हफ्ते तक चलेगी, बाकी वॉटरप्रूफ मेकअप है, कम से कम पंद्रह दिन तक रहेगा।” वो बोली।
पार्लर वाली को पेमेंट करने के बाद हम लोग एक कैफे मैं गए मुझे बड़ी शर्म आ रही थी क्यूं की जीन्स, टी शर्ट के साथ कानो में इयररिंग्स और नाक में नोजरिग बड़ी अजीब लग रही थी। दोनों हाथों के नेल्स भी पॉलिश से चमक रहे थे।
जैसे तैसे कॉफी पी कर हम घर पर पहुंच गए।
“ ऐसा करो जल्दी से कुछ हल्का फुल्का बनालो।” पायल नाइटी पहन कर बोली।
“ मैं चेंज तो कर लूं ” मैंने कहा।
“ ये लो तुम भी नाइटी पहन लो।” उसने एक ब्लैक कलर की नाइटी देते हुए कहा।
मैंने जल्दी से जीन्स, टी शर्ट उतार कर नाइटी पहन ली। “ ये लो दोनों हाथों में चूड़ियां डाल लो। सुनी कलाइयां अच्छी नहीं लगती।” पायल ने कुछ चूड़ियां मुझे देते हुए कहा।अब मैंने कुछ सैंडविच तैयार किए और कॉफी भी। सब सामान लेकर मैंने बेड पर रख दिया। फिर जाकर किचेन की सफाई की। दोनों ने मिलकर खाया पिया। नाक में नोजरींग की वजह से काफी दिक्कत हो रही थी और पायल मेरी मजबूरी पर हंस रही थी।
“ क्यूं कैसा लगता है, नोज रिंग पहन के? ”
उसने हंसते हुए पूछा।
“ अब चिढ़ाओ मत, चैन से खाना भी नहीं खा पा रही हूं।”
मैंने लड़कियों कि तरह कहा।
“ आए हाए! बिल्कुल सोलह साल की कन्या लग रही हो।”
वो मेरे गाल खींच कर बोली।
“आउच! क्या करती हो?” मैंने गुस्से से कहा।
“ अरे अभी तो गाल ही खींचे हैं, मेरी ब्रा की तरफ देखते हुए बोली ये थोड़ी न खींचे।”
मैंने जल्दी से झूठे बर्तन उठाए और किचेन मैं लेजाकर धो दिए। अब दोबारा बेडरूम में आ गया।
“ चलो अपना चेहरा ठीक कर लो।” वो बोली।
“ जानते हो, जो मर्द अपनी बीबी को संतुष्ट नहीं कर सकता उसके साथ क्या किया जाए? ” उसने पूछा।
“ उसको बीबी अपना गुलाम बना सकती है। ” मेरे मुंह से निकला।
“ अरे,गुलाम ही नहीं बल्कि ऐसे पति को मर्द कहलाने का कोई हक नहीं है। उसको चूड़ियां पहन लेनी चाहिए और नाक मैं नथ कानो में झुमके पहना कर उसको घर में एक पत्नी की तरह रहना चाहिए। ” उसने मेरे हाथों कि चूड़ियों को देखते हुए कहा।
“ सही कहती हो, शायद मैं इसी लायक हूं।” मेरे मुंह से निकला।
चलो अभी सो जाओ फिर कल तुमको अपने मायके ले चलती हूं, वहां मेरी भाभी और मेरी बहन से मिलना। वो तुमको औरत जैसा चलना, बोलना, व्यवहार करना सिखाएंगी। मेरी मां भी अपनी बहू को देख कर खुश होंगी।” इतना कहकर वो करवट लेकर सो गई।
सुबह उठ कर हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया। फिर कमरे में आकर उसने मेरे पूरे शरीर पर लोशन लगाया।वॉटरप्रूफ मेकअप होने की वजह से ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। फिर मेरी नाक में एक डायमंड की नथ पहनाई और कानों में बड़े बड़े झुमके पहना कर मेरे बालों पर एक विग लगा दिया। और एक लम्बी चोटी बनाकर मेरे कंधे के बगल से डाल दी। अब बारी थी कपड़ों की। ब्रा पैंटी के बाद एक गुलाबी अनारकली सूट पहना दिया। सूट के मैचिंग का एक दुपट्टा मेरे दोनों कंधों पर डाल दिया। पैरों में पायल और फिर लेडीज सैंडिल पहना दिए। अब मैं एक नवयुवती की तरह तैयार थी।पायल ने भी रेड ब्लैक कलर की अनारकली पहनी थी। हम दोनों की चूड़ियां, लिपस्टिक और नेलपॉलिश एक ही कलर की थीं। फिर उसने मेरी आंखों में बारीक काजल लगाया और माथे पर एक काली बिंदी चिपका दी।
हम दोनों एक साथ बाहर निकले, पायल ने चारों तरफ देख कर गेरेज से कार निकाली, मुझे पीछे बैठाया, और वो खुद कार ड्राइव कर घर निकाल पड़ी।