चाहत बनी मुसीबत
दोस्तों ये कहानी है कविता की ,जिसकी क्रॉसड्रेसिंग करने की चाहत ने उसे एक ऐसी मुशीबत में डाल दिया, जहा से वापसी करना बहुत मुश्किल हो जाता है , ये कहानी कविता की जुबान से सुनते है।
घर में छिपकर क्रॉसड्रेसिंग करते हुए पता ही नहीं चला कब चाहत जरूरत बन गयी .... जब मैं घर से बाहर पढ़ने गया तो .. मुझे ड्रेसिंग में समस्या आने लगी .. मैं जब भी किसी महिला को देखता तो क्रॉसड्रेसिंग की चाहत जैसे उफान मारने लगती , इसलिए मैंने कॉलेज के बाद छोटे मोटे काम करके पैसे जमा किये और अपने लिए साड़ी मेकअप का सामान और फीमेल इनर वियर जैसे ब्रा पैंटी खरीदी | अब मैं अपने हॉस्टल के कमरे में अपनी क्रॉसड्रेसिंगको एन्जॉय करती लेकिन अकेले क्रॉसड्रेसिंग का क्या मजा जो कोई देखे ही नहीं तो मेरे अंदर क्रॉसड्रेसस करके बहार जाने की इच्छा होने लगी और समय बीतने के साथ ये इच्छा इतनी बढ़ गयी के मैं पढाई पर ध्यान ही नहीं दे पा रही थी हर समय बस क्रॉसड्रेसस करके बहार घूमने जाना है और ये एक्सपीरियंस करना है के कैसा फील होता है एक औरत होना मेरे अंदर की औरत मुझे सोते जागते बस यही आवाज लगाती रहती थी और अब मैंने मन बना लिए था क्रॉसड्रेसस करके बहार जाने का
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