शुक्रवार की सुबह, आशीष को अंकिता और विशाखा ने जगाया ,और कहा कि, ,आखिरकार दुल्हन उठ गई। उसने आशीष से कहा कि,, दुल्हन बनने की तैयारी अभी से शुरू होती है, इसलिए उसकी नई दीदी को ,अपने पूरे शरीर के बाल शेव करने है, वरना मेरे पास वैक्सिंग स्ट्रिप भी है , लेकिन यह दर्दनाक होगा। आशीष ने पूछा कि ,उसे शेव या वैक्स क्यों कराना है, तो विशाखा ने उससे कहा कि, ,दुल्हन होने के लिए ,वह उसके हाथों या पैरों पर मेहंदी लगाएगी ,इसलिए यह जरूरी है। आशीष ने कहा कि, ,उसे मेहंदी नहीं लगवानी है । तभी किरण ने आकर कहा कि,, जीजू बस ये मेहंदी ही तो है , और आपने कभी किसी दुल्हन को, बिना मेहंदी के देखा है।
आशीष ने कहा कि, ,यह बहुत ज्यादा हो रहा है। सभी महिलाओं ने कहा कि,, यह सामान्य चीजें हैं, और बहुत अधिक क्या है ये तो ट्रांसफॉर्मेशन के के बाद आपको पता चलेगा । विशाखा ने उससे कहा कि,, जीजू यह एक सजा है, इसलिए इन दो दिनों में आप जो कुछ भी सामना करोगे , वह आपकी सोच से बहुत अधिक होने वाला है। और हम आपको वह सब कुछ पहनाएंगे जो एक दुल्हन पहनती है। साथ ही हर चीज का मतलब सब कुछ होता है और अगर आप हमारा साथ नहीं दोगे तो वह माता-पिता को फोन करेगी। ऐसा लगता है कि कोई विकल्प नहीं है, आशीष ने उसकी शर्तों पर सहमति व्यक्त की और उससे कहा कि, इन दो दिनों के लिए उसने जैसा कहेगी वैसा ही करेगा ।
विशाखा ने मुझसे कहा कि,, यह आज्ञाकारी पत्नी होने का पहला संकेत है, इसलिए बाथरूम में जाकर ,पूरे शरीर के बाल सेव करो , और उसके बाद पूरे शरीर पर बॉडी लोशन लगाओ । नहाने और शरीर के सारे बाल सेव करने के बाद मैं बाथरूम से बाहर आया। मेरा शरीर बहुत चिकना लग रहा था। फिर विशाखा ने मुझे लेस पिंक पैंटी और ब्रा पहनने को दी। मैंने खुद से पैंटी पहनी और मैं अपने बालों के बिना के पैरों पर सनसनी महसूस कर रहा था। लेकिन ब्रा मेरे लिए रहस्य थी इसलिए मैंने विशाखा से मदद मांगी और उसने भी मेरी मदद की उसने कप भरने के लिए दो बड़े कॉटन बॉल का इस्तेमाल किया। इसके बाद मुझे गुलाबी रंग का लहंगा पहनाया गया। मैंने इसे पहना तो पाया कि, यह पारदर्शी चोगा था और उसमें मेरी ब्रा और पैंटी दिखाई दे रही थी, और वह इतनी छोटा था था , कि वह केवल मेरी जांघ तक ही पहुंचता था ।
अब 10 बजे का समय था ,और अंकिता ने मुझसे कहा कि, हमें 12 बजे खाना है, इसलिए विशाखा और किरण मुझे मेहंदी लगाएंगी । मैं स्टूल पर बैठ गया और दोनों मेहंदी लगाने लगे, विशाखा मेरे हाथ में और किरण मरे पैरों पर महेंदी लगा रही थी । किरण ने मुझे बताया कि मुझे मेहंदी की चिंता, नहीं करनी चाहिए क्योंकि, यह झटपट मेहंदी है, और रविवार को यह साफ़ हो जाएगी । मैं ष देख रहा था, कि दोनों बहनों ने पूरी तरह से मेहंदी लगाई, यानी पैरों की मेहंदी मेरे घुटनों पर सिर्फ एक इंच नीचे से लगाई गई है, और हाथों की मेहंदी भी कोहनी से लगी है। मैं सोच रहा था कि मैं इन बहनों के बीच कहां फंस गया।
मेहंदी का काम पूरा होने पर आशीष और महिलाएं लंच करती हैं। लंच के बाद सभी महिलाओं ने कहा कि, वे एक घंटे आराम करें और फिर आशीष का मेकओवर शुरू होता है। एक घंटे के बाद cऔर विशाखा ने आकर आशीष से कहा कि, वे एक दुल्हन के रूप में उसका मेकओवर शुरू करेंगे , और इसमें चार से पांच घंटे का समय लगेगा। और आशीष अपनी शादी के बाद रात में ही खा पी पायेगा । तो प्यास लगी हो तो उन्हें बता दे। किरन ने उससे कहा कि, आशीष अपने परिवर्तन को नहीं देख सकता है, इसलिए उसकी आंखों पर पट्टी बांध देगी , क्योंकि वो चाहती है , कि परिवर्तन पूरा होने के बाद, वह खुद को लहंगे में देखे ,और दूसरी बात यह थी कि, वे विग और ब्रेस्टफॉर्म को ग्लू से चिपका देगी , जिसे रविवार को हटाएगी ।
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