Disclaimer

यह ब्लॉग पूरी तरह काल्पनिक है। किसी से समानता संयोग होगी। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयाँ ((जैसे स्तन वर्धक या हार्मोन परिवर्तन)न लें - यह जानलेवा हो सकता है।— अनीता (ब्लॉग एडमिन)

Crossdressing Memories long hair love

📝 Story Preview:

लोकडाउन से कुछ दिन पहले को बात है हमारे गांव में एक शादी थी जिसमे मम्मी पापा का जाना जरूरी था मेरे बोर्ड के पेपर नजदीक थे तो मैं और  भाभी घर पर ही रुक गए और भैया मां और पापा गांव चले गए और उनके जाने के दो दिन बाद लॉकडाउन लग गया


घर में मैं और भाभी थे में अपनी पढ़ाई करता और भाभी घर के काम करती भैया का ऑफिस का काम भी करती और मेरा ख्याल भी रखती भाभी पर तीन जिम्मेदारी आ गई जिससे भाभी बहुत थक जाती थी

एक दिन मैं पढ़ाई कर रहा था और मेरी बुक पर मेरे बाल गिरे हुए थे जिन्हे मैं बहुत गौर से देख रहा था तभी भाभी बोली इतनी गौर से क्या देख रहे हो मैने बोला कुछ नही शायद मेरे बाल झड़ रहे है  भाभी बोली बाल बढ़ा क्यों रखे है अगर उनकी केयर नही कर सकते कटा लो चाहो तो मैं काट देती हूं मैं  बोला भाभी वो तो आसान काम है मुश्किल है बढ़ाना और मैनेज करना आप सही कहे रही हो क्या आप मेरी हेल्प करोगे अपने बालो की केयर करने में भाभी अगर तुम मेरी ननद होते तो खुशी से मदद करती क्यों के बदले में वो मेरा घर के कामों में हेल्प करती पर तुम तो  मेरा काम ही बढ़ा रहे हो अब मैं तुम्हारे बालो की भी टेंशन अपने सिर पर ले लूं तो एक काम और बढ़ जायेगा इसलिए सॉरी नही कर सकती हूं कोई हेल्प कहेकर भाभी चली गई


मुझे भाभी की बात बहुत बुरी लगी पर थोड़ा।सोचने पर समझ आया बात तो सही कहे रही है

फिर मैंने भाभी से पूछा अगर मैं आपकी ननद।होता मान लो तो क्या हेल्प कराता मुझे बताओ

भाभी बोली बहुत सी हेल्प हो जाती जैसे मैने कपड़े धो दिया है जाकर छत पर सुखा देती 

में बोला मैं अभी सुखा के आ जाता हूं और मैं झट से कपड़े सुखा का आ गया कपड़ो में भाभी की ब्रा पैंटी पेटीकोट साड़ी थे और मेरे कपड़े।


फिर भाभी बोली ये बर्तन धो देती जब तक मैं घर में पोछा लगा देती तो मैं बर्तन धोने लगा और भाभी पोछा लगाने लगी फिर खाना बन गया हमने साथ खाया भाभी बोली अगर मेरी नंद होती तो वो बर्तन धो देती और मैं कुछ देर आराम कर लेती मैने भाभी और मेरे बर्तन किचन में ले गया और धो दिए और भाभी अपने कमरे में जाने लगी और मुझे थैंक्स बोली फिर मुझे बोली चलो मैं तुम्हारी पढ़ाई में हेल्प कर देती हूं


और मुझे एक क्वेश्चन पेपर दिया और बोली ये पेपर तुम्हे 2 घंटे में सॉल्व करना है और 90% मार्क्स लाने है अगर 90% नंबर नही आए तो सजा मिलेगी या गिफ्ट मिलेगा तुम्हारा टाइम शुरू होता है अब और मुझे पेपर  दे कर अलार्म लगाकर अपने कमरे में चली गई।


भाभी लगभग 2 घंटे बाद आई और मेरा पेपर चेक किया मेरे 70 मार्क्स आए क्यों के भाभी में एक घंटा काम दिया था मैंने भाभी को समझाने की कोशिश की  लेकिन कोई फायदा नही हुआ और मुझे भाभी  की पुनिशमेंट को मानना पड़ा

भाभी बोली तुम्हारी पनिशमेंट आसान है में हर दिन एक क्वेश्चन पेपर दूंगी किसी भी सब्जेक्ट का रैंडमली और पेपर की डिफीकलटी के बेज पर टाइम दूंगी तुम्हे 95% या उसे ज्यादा नंबर लाने है पिछले दिन की सजा को खत्म करने के लिए अगर तुम 92% से कम लाते हो सजा और घर का काम और अगर ज्यादा लाते हो तो घर का काम और सजा से बच जाओगे ।

और क्यों के आज पहला दिन है तो छोटी सी सजा है में तुम्हारे सिर में ढेर सारा ऑयल लगाऊंगी और इन्हे ब्रेड करूंगी जिससे ये टूटे कम और अच्छे से ग्रो हो फिर भाभी ने मेरे बालो में तेल डाला और फिर दोनो साइड की दो चोटी बना दी और हस्ते हुए बोली अब क्या मेकअप का इंतजार कर रहे हो जाकर छत से कपड़े ले आओ सुख गए होंगे


मैंने पूछा मैं ऐसे छत पर कैसे जाऊंगा कोई देख लेगा तो, इस पर भाभी बोली हेयरस्टायल देखने के लिए ही होती है अब जाओ लेकर आओ जल्दी से । में न चाहते हुए भी कपड़े लेने छत पर गया पर शुक्र है किसी ने मुझे देखा नही


पर अब मेरे बालो में दो चोटी थी जैसे मैं कोई छोटी लड़की हूं  बहुत ही अजीब सी फीलिंग आ रही थी बार बार मन कर रहा था के खुद को आईने में देखने का पर भाभी ने ऑर्डर दिया था पढ़ाई करने का और कल के लिए चेताया भी था के अगर कल 95% नंबर नही आए तो आज तो छोटो लड़की की हेयर स्टाइल बनाई है कल फ्रॉक भी पहेनादेगी


और जब तक मेरे 95% नही आए तब तक पिछली सजा चलती रहेगी आज तो किस्मत।अच्छी थी किसी ने नहीं देखा पर अगर कही फ्रॉक पहेन्नी पड़ गई तो क्या होगा मेरा और तब कैसे छत पर जाऊंगा। में ये सब सोच ही रहा था।तभी भाभी ने मुझे अपना फोन दिया जिसमे वीडियो कॉल पर मां थी मेरी मौसी के साथ ।

वो दोनो मेरी हेयराटाइल देख कर जोर जोर से हसने लगे और मां ने पूछा ये कैसे बाल बना रखे है तो मैने भाभी का नाम लेकर कहा के भाभी ने किया है तो भाभी हस्ते हुए बोली तो और क्या करती मैने पेपर सॉल्व करने को दिया था 70 नंबर भी नही ला पाए हजार बार समझाया मोबाइल और रील से दूर रहो पर जब देखो तब कांच के सामने पोज दे कर सेल्फी लेकर पोस्ट करनी है तो मैंने ये कर दिया अब लो सेल्फी और करो पोस्ट। 


मां और मौसी दोनो एक।साथ बोली सही किया मेरी तो एक बात नही सुनता था हमारी तरफ से पूरी छूट है अगर।पढ़ाई ना करे तो जो मर्जी हो वो सजा दो मुझे कोई परेशानी नही है। और फिर भाभी और मां आपस में बात करने लगे और मैंने खुद को फोकस करके पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया

भाभी अपनी पनिशमेंट में बिल्कुल स्ट्रिक्ट थी ,मैने लाख बार रिक्वेस्ट की , माफी भी मांगी , प्रोमिस भी किए के , कल से पनिशमेंट दे, पर आज मेरे बाल खोल दो, पर भाभी कहा मानने वालो में से है, उल्टे हर बार कोई न कोई काम करवाती रहती।


पूरा दिन खत्म हो गया, रात को भी, मुझे ऐसे ही सोना पड़ा ।अगले दिन जब मैं भाभी के पास गया, अपने  बालो से चोटी खुलवाने के लिए, क्यों के पहेली बार बालो की चोटी बनी थी, तो बहुत दर्द हो रहा था सिर में जैसें सिर की नस खीच रही हो।


पर भाभी ने मुझे कल वाला ही पेपर दे दिया, समय दो घंटे से भी कम दिया, मैंने तो कल से कुछ पढ़ा नही था, वोही हुआ जो होना था, कल से भी कम नंबर आए।


अब भाभी कुछ बोलती मैने ही बोला भाभी मैं कोई फ्रॉक नही पहेनूंगा बस मैं पहले ही कहे रहा हूं। भाभी बोली अच्छा बाबा डर क्यों रहे हो। आज मैं तुम्हे एक एक्सरसाइज दूंगी, जो तुम्हे पूरा दिन जोर जोर से बोल कर करनी है , सिर्फ जब तुम पढ़ाई नही कर रहे होगे, और नियम पता है ना, अब तुम्हारी दो पनिशमेंट तब तक चलेगी, जब तक तुम कल के पेपर में 95% नही ले आते याद है ना। मैने अपना सिर हां में हिलाया। अब भाभी बोली ये गुरु मंत्र जो तुम पूरे दिन बोलोगे जोर जोर से मुझे सुनाई देना चाहिए पूरा दिन, फिर भाभी बोली,


आज से मेरा नाम मोरनी है,क्यों के मेरा मन मोरनी जैसा चंचल है, इसलिए आज से में मोरनी की तरह कलरफुल कपड़े  जैसे साड़ी ब्लाउज पेटीकोट, सलवार कमीज, या जो भी, भाभी मेरे लिए चुनेगी, वो ही पहेनुंगा, जिससे मेरा अंदर और बाहर एक जैसा हो सके। में अगर कल के पेपर में कम नंबर लाया तो मैं भाभी से रिक्वेस्ट करूंगा के मुझे अपने हाथो से चूड़ियां पहेनाये ।


भाभी बोली, कल अगर पढ़े बिना कम नंबर लाए, तो क्या होगा वो पता चल गया न ,अब फटाफट मेरे लिए चाय बनाओ मैं झाड़ू लगा देती हूं घर में , फिर तुम अपनी पढ़ाई करो। और हां चाय बनाते समय ये मंत्र मुझे सुनाई देना चाहिए खास कर लास्ट वाली लाइन। और हस्ते हुए चली गई दो तीन बार मुझे टोका के जोर से बोलू सुनाई नही दे रहा क्या बोल रहे हो। में बोला और कितना तेज बोली पड़ोसियों को सुनाना है क्या । फिर मैं थोड़ा सा तेज बोला मैं भाभी से रिक्वेस्ट करूंगा के मुझे अपने हाथो से चूड़ियां पहेनाये।

भाभी के बताए मंत्र को, दिन भर रटने से बचने के लिए, मैने सारा दिन पढ़ाई की। और भाभी को जब टाइमपास करना होता, मुझे कोई न कोई काम बता देती, और काम करते हुए, मुझे भाभी का मंत्र बोलना पड़ता, और खास कर लास्ट लाइन भाभी की फेवरेट थी।


आज से मेरा नाम मोरनी है,क्यों के मेरा मन मोरनी जैसा चंचल है, इसलिए आज से में मोरनी की तरह कलरफुल कपड़े  जैसे साड़ी ब्लाउज पेटीकोट, सलवार कमीज, या जो भी, भाभी मेरे लिए चुनेगी, वो ही पहेनुंगा, जिससे मेरा अंदर और बाहर एक जैसा हो सके। में अगर कल के पेपर में कम नंबर लाया तो मैं भाभी से रिक्वेस्ट करूंगा के मुझे अपने हाथो से चूड़ियां पहेनाये ।


मैं जब भी लास्ट लाइन बोलता, भाभी जोर जोर से हसने लगती,मैं भी कम थोड़े ही था फटाफट काम करता और लास्ट लाइन आने से पहले काम खत्म करके ,पढ़ाई करने बैठ जाता, भाभी की शकल देखने वाली हो जाती थी, ऐसे ही दिन खत्म हुआ, रात काटी दिन हुआ, सुबह भाभी को चाय बनाकर दी, फिर नहा धो कर फ्रेश हुआ , पूरे फ्रेश मूड से भाभी को बोला अब पेपर दो, आज मैं कोई चांस नहीं लेना चाहता था और भाभी की मुझे चूड़ियां पहेनाने की इच्छा इतनी आसानी से पूरी नही होने दे सकता था।


भाभी ने मुझे अपनी समझ से कठिन पेपर दिया, पर आज किस्मत मेरे साथ थी , मुझे पेपर में सब आता था, में बहुत खुश था और पेपर को सबसे अच्छी तरह लिखना शुरू किया, भाभी मुझे पेपर देकर नहाने चली गई अपने कमरे में। में पेपर लिख रहा था, तभी डोर बेल बाजी, कोई डिलीवरी बॉय था, गलत एड्रेस पर आ गया था, पहले तो मुझे अजीब तरह से देख रहा था, जो मुझे अजीब लग रहा था पर मेरे बालो और क्लीन सेव फेस की वजह और मेरी आवाज से शायद कंफ्यूज था, तो उसे रास्ता बताया और रफादफा किया।


पर तभी याद आया अरे पेपर का टाइमर चल रहा है और मेरा फोकस मिसिंग था पेपर से अब टाइम कम था और क्वेश्चन ज्यादा तो फटाफट पेपर सॉल्व करने लगा पर हाथ से निकला हुआ समय दुबारा वापस नहीं आ सकता तो कम समय में ज्यादा काम हमेशा गलतियों के चांस को बढ़ा देता है।मैने भी पूरी मेहनत करके पूरा पेपर सॉल्व किया । पर रिचेक करता टाइम खत्म हो गया , भाभी ने मुझे ही अपना पेपर चेक करके नंबर देने को दिया और खुद अपने बालो को ड्रायर से सुखा ने लगी। मैने पेपर को चेक किया, नंबर दिया खुद को, फिर भाभी ने रीचेक किया और बोली गुड तुमने पेपर ईमानदारी से चेक किया है, तुम्हारी ईमानदारी के लिए मैं तुम्हे चाय बना कर देती हूं। 

हम दोनो जब चाय पी रहे थे तब भाभी बोली ईमानदारी तो ठीक है, पर नंबर तो 94 ही आए, तो अब आज नई सजा तो नही है, पर पुरानी दो तो आज भी चालू ही रहेनी है, तो रटते रहो मंत्र।


मैं बोला भाभी सिर्फ एक नंबर कम आया है, वो भी उस डिलीवरी वाले की वजह से । एक सजा तो कम कर दो प्लीज।


ठीक है तो एक बार पेपर और देती हूं  सॉल्व कर लो ले आओ 95 नंबर । तो मैं बोला ठीक है मंजूर ।पर अगर मैं 96 ले आया तो मेरी दोनो सजा खत्म हो जायेगी। मैं पूरा कॉन्फिडेंट था, के आज मेरा दिन है और मैं दोनो सजा खत्म करा लूंगा और ये गेम खेलूंगा ही नही दुबारा।  भाभी कुछ सोच कर बोली ठीक है पर अगर नंबर कम आए तो सजा भी दो और बढ़ जाएगी। अब मैं सोच में पड़ गया, तो भाभी बोली क्या हुआ डर गए, मैं बोला नहीं मैं तैयार हूं । तो भाभी बोली ठीक है , दो घण्टे पढ़ाई करो, में पेपर सेट करती हूं,  क्यों के तुम्हारे खूबसूरत हाथो के लिए चूड़ियां मैने निकाल रखी है, तुम्हारे हाथो में बहुत अच्छी लगेगी, और हस्ते हुए बोली है ना मोरनी,और कैसा रहेगा अगर मैं तुम्हारे चूड़ी पहिने हुए फोटो को अपनी सहेली को भेजू जिसे तुम अपनी सेल्फी भेजते रहते हो, मैं डर गया और भाभी से बोला प्लीज़ ऐसा मत करना, तो भाभी हस्ते हुए बोली अरे तुम तो सच में मोरनी बन गए , तुम भूल गए क्या तुम मेरे देवर हो स्ट्रॉन्ग देवर, जिसने अभी खुद मुझसे शर्त लगाई है 96 लाने की , कॉन्फिडेंट कहा है तुम्हारा। तुम तो पहले ही हार गए। डरो मत मुझे पूरा यकीन है के तुम 96 नंबर ले आओगे।


मैने भाभी को थैंक्यू बोला, पर भाभी को स्माइल देख कर लग नही रहा था के वो मुझे 96 इतनी आसानी से लाने देने वाली है, क्यों के वो खुद पेपर बनाने वाली है कोई क्वेश्चन पेपर बुक से रैंडम पेपर नही देने वाली। पर मुझे खुद पर यकीन था के मैं 96 ले आऊंगा।


दो घंटे में मैने जितना हो सके वो रिवीजन किया, म्यूजिक सुना, दिमाग शांत किया , फॉक्स किया अपनी पढ़ाई पर, अब ठीक दो घंटे बाद भाभी आई एक पेपर दिया और बोली टाइम स्टार्ट, अब तक भाभी मुझे पेपर दे कर अपने काम में लग जाती थी पर इस बार वो मेरे सामने किसी स्ट्रिक्ट चेकर की तरह बैठ गई और जब भी मैं इधर उधर देखता वो मुझे अपनी चूड़ियां दिखा रही हो ऐसे चूड़ियों पर हाथ फिराते दिखती।


लगभग एक घंटे के बाद वो अपने कमरे में गई और एक बॉक्स ले आई उसमे ढेर सारी चूड़ियां थी अलग अलग डिजाइन और पैटर्न को। शायद वो मेंटल गेम खेल रही थी मुझे डिस्ट्रैक्ट करने का। पर मैं पेपर लिखता रहा। 2 घंटे हो गए पर भाभी अपने काम में लगी रही ।3 घण्टे जब हुए तब भाभी बोली टाइम खत्म। मैने तुम्हे पूरे तीन घंटे दिए, अब जाओ चाय बना कर लो जाकर, मैं थक गई हूं, मैं बोला भाभी मैं पेपर लिख रहा था, आप बैठी थी खाली तो आप कैसे थक गई, मैं बोली वो रिजल्ट के बाद बात करेंगे अभी जाओ अपना मंत्र याद है ना, रटते हुए चाय बनाओ,


क्या करता जो भाभी बोली वो किया, चाय बनाकर लाया भाभी का मंत्र पढ़ते हुए, जब चाय ले कर आया तब तक मैने देखा भाभी ने मेरी कॉपी चेक कर ली है और रिजल्ट किसी कॉपी में लिखा है । मुझसे चाय लेकर बोली मोरनी अब ये अपनी कॉपी चेक करके खुद को नंबर दो मैं चाय खत्म करूं उसके पहले।


मैने खुद को नंबर दिए और बहुत खुश हो रहा था पर एक क्वेश्चन पर मेरी आंखे फटी रहे गई मैंने गलत आंसर किया था वो भी 10 नंबर का। मैने दुबारा भी चेक किया पर वो मैने गलत कर दिया था अब कुछ नही हो सकता था, मैने कॉपी चेक की नंबर दिए और भाभी की चाय खत्म होने का वेट किया।


भाभी बोली क्या हुआ मोरनी कोई बहाना नही बनाना , कुछ तो सोचो बहाना, और नही मिले तो फिर आ जाओ मैं एक मिनिट भी वेट नही कर सकती तुम्हे बिना चिड़ियों के देखे।पर उससे पहले एक बार बोलो जरा तो मंत्र।

में अगर कल के पेपर में कम नंबर लाया तो मैं भाभी से रिक्वेस्ट करूंगा के मुझे अपने हाथो से चूड़ियां पहेनाये ।


और भाभी हसने लगी फिर मुझसे बोली यहां मेरे सामने घुटने पर बैठो और बोलो। क्या करता जब गलती है तो है अब रोने से क्या होगा तो मैं भाभी के सामने घुटने पर बैठ कर बोला भाभी मैं रिक्वेस्ट करता हूं के मुझे अपने हाथो से चूड़ियां पहेनाओ।


अब भाभी ने एक एक करके जब तक मेरे हाथो।में एक भी एक्स्ट्रा चूड़ी न चढ़ पाए जितनी जगह नहीं बची तब तक चूड़ियां पहेनायी। फिर भाभी बोली ये तो हुई एक सजा, अब और क्या किया जाए, भाभी बोली अगर बुरा न मानो तो अपनी सहेली को वीडियो कॉल करके पूछ लूं । मैने भाभी के पैर पकड़ लिए भाभी आपने जो कहा मैने किया आपको काम में हेल्प मांगी मैने की जिससे आपको हेल्प हो सके पर प्लीज ये मत करना।


भाभी बोली ठीक है, तो दूसरी सजा क्या दूं वो तुम मुझे बताओ। मैं बोला माफी दे दो। भाभी आपको हल्के में लेना मेरी गलती थी।भाभी बोली छत पर कपड़े सुख गए होंगे जाओ जाकर लेकर आओ, मैं बोला भाभी भगवान से डरो अगर किसी ने मुझे देख लिया तो क्या होगा पता है आपको। भाभी बोली ठीक है तो एक काम करो आज तुम्हारी घर के काम की जिम्मेदारी बढ़ाती हूं । एक काम करो आज तुम पूरे घर में पोछा लगाओ। तब तक मैं कुछ सोचती हूं के दूसरी सजा क्या हो सकती है।


अपनी भाभी के हाथो से, चूड़ियां पहनने के बारे में सोचना भी, किसी देवर के लिए कितना मुश्किल होगा। और एक मैं हूं जो भाभी के हाथो से चूड़ियां पहेंने खड़ा हूं, अभी मैं इस सदमे से निकला भी नही हूं , और भाभी ने मुझे पूरे घर में पोछा लगाने को बोल दिया, आज पहेली बार मुझे पता चला, के मेरा घर कितना बड़ा है।


एक एक कमरे में बैठ बैठ कर पोछा लगाना, बिस्तर के नीचे पोछा लगाना सच में बहुत मुश्किल काम है, कमर की तो जो हालत होती है, शायद वो शब्दो में बताना भी मुमकिन नहीं है, पर  बहुत मुश्किल से गिरते पड़ते, फाइनली मैने पोछा लगाने का काम, कर ही लिया।


में सोफे पर लगभग गिरा हूं, और लेट गया हूं, कमर दर्द इतना ज्यादा हो रहा था, तभी भाभी बोली अरे मोरनी, पोछा हो गया क्या, बोर हो रही हूं, एक काम करो मेरे लिए चाय बना दो, सिर दर्द हो रहा है, मुझे भाभी पर इतना गुस्सा आया, के क्या बताऊं, पर कुछ सोच कर कुछ बोला नहीं। फिर याद आया के मैं, भैया पापा हम सब मर्द ऐसे ही तो करते है, बस चाय बना दो , ये करदो , वो कर दो, ऑर्डर करते रहते है, बिना ये देखे के ये भी तो थक ती होगी।


चलो क्या किया जा सकता था मैने चाय बनाई भाभी को दी और हम दोनो ने चाय पी, फिर भाभी बोली क्या हुआ गुस्सा आ रहा है क्या, मैं बोला नहीं ऐसा कुछ नही है, आदत नही है ना घर के काम करने की। भाभी हस्ते हुए बोली कोई बात नही हो जायेगी आदत। फिर भाभी बोली मुझे पता है के मोरनी को उसकी दोनो सजा नही मिल पाई मैने सिर्फ एक ही सजा दी है , पर चिंता मत करो मैं वो सजा कल दूंगी, तो मैं बोला अरे भाभी चल क्या रहा है आपके दिमाग में, भाभी बोली कुछ नहीं , बस सोच रही हूं । मैं बोला मुझे बताओ , आप क्या सोच रही हो।


भाभी बोली, तुमने कभी किसी नई बहू, या दुल्हन को देखा है, मैं बोला हां देखा है, तो भाभी बोली कैसी दिखती है, जरा बताना। मैं बोला ये कैसा सवाल है, नही बहू घूंघट में होती है, सबको सेवा करती है। भाभी बोली कभी सोचा है कैसा लगता है ऐसे रहेंना, हो सकता है ना के वो लड़की जो नही बहू बनी है उसने अपने घर में कभी काम न किया हो, साड़ी ना पहनी हो, घूंघट ना किया हो। और बस एक दिन में सब चेंज। साड़ी पहनना घूंघट में रहेना कितना मुश्किल होगा , किसी के लिए भी।


मैं बोला, क्या भाभी इसमें क्या बदलता है,बेकार में बढ़ा चढ़ा के बोल रही हो, तो भाभी बोली ठीक है मैं तुम्हे एक कहानी सुनाती हूं, उसके बाद एक क्वेश्चन पूछूंगी, अगर तुमने सही आंसर किया , तो तुम्हारी एक सजा माफ। पर अगर हार गए तो फिर एक सजा ऑलरेडी पेंडिंग है एक और बढ़ जाएगी, मैं बोला ठीक है,अब चूड़ियां पहनने से बुरा क्या होगा।


भाभी बोली ठीक है सुनो, मैं तुम्हे एक कहानी सुनाती हूं , ये कहानी है सुहैल और बुशरा की, सुहैल एक सीधा साधा गरीब घर का लड़का था, रंग गोरा , लंबा और पतला , लंबे घुंघराले बाल थे, नीली आंखे थी । वो भी तुम्हारी तरह पढ़ाई करता था , एक दिन वो घर में पढ़ाई कर रहा था ,तभी उसके घर के बाहर एक बड़ी सी गाड़ी आकर रूकी, जिसमे से एक खूबसूरत लड़की और उसके अब्बा , जो की सुहैल के अब्बा से कुछ बात कर रहे थे , थोड़ी देर बाद सुहेल को महेमानो के लिए, चाय और पानी लाने को कहा गया।  उससे जो कहा गया सुहेल ने वोही किया।


महेमानों के जाने के बाद, सुहेल को पता चला के, वो लड़की सुहेल से निकाह करना चाहती थी, और बदले में उसके अब्बा को 5 लाख देगी , बस शर्त ये थी के निकाह के बाद वो सुहैल के घर नही , बल्कि सुहैल को उसके घर जाना है , और उनके साथ ही रहेना है। पहले तो सोहैल को अजीब लगा , पर बाद में ये सोच कर खुश हो गया के , बैठे बिठाए करोड़पति बन गया है, दोनो की धूम धाम से निकाह हुआ , निकाह के बाद सोहैल बुशरा के घर शिफ्ट हो गया, कुछ दिन बाद दोनो लंदन में शिफ्ट हो गए।


पर लंदन जाकर पता चला, सोहैल को समझ आया के विदेश में रहेना इतना भी आसान नहीं है , बहुत ठंड पड़ रही थी और सुहैल के ठंड के कपड़े लंदन की ठंड में कही भी नही टिक रहे थे , उसने बुशरा से कपड़े दिलाने को कहा , तो बुशरा बोली, मैं अभी लंबी छुट्टी के बाद आई हूं, तो मुझे अभी ऑफिस से छुट्टी नही मिलने वाली है, तो कुछ दिन मैनेज करो , पर सोहैल को ठंड में हालत देख कर बुशरा बोली , वैसे भी हमारे घर कोई नही आता, और तुम कही जाने भी वाले नही हो, तो कुछ दिन मेरे कपड़े पहन लो, क्या फर्क पड़ जायेगा।


और फिर सुहैल के लाख मना करने पर भी, सुहैल को अपनी गरम ड्रेस पहिना दी,सुहैल को बहुत शर्म आ रही थी , तो बुशरा बोली , में तुम्हारी प्रोब्लम समझ सकती हूं , पर मेरे पास इसका भी एक हल है, और फिर अलमारी से बुर्खा और हिजाब ले आई और सोहैल को पहले बुर्खा पहेनया फिर उस पर हिजाब बांध दिया , अब ठंड में तो आराम था, पर सोहैल को लगा के, ये कुछ दिन की बात है, पर छुट्टियां आती और चली जाती, पर बुशरा उसे कपड़े दिला ही नही रही थी, और सुहैल को लगा जैसे उसके कपड़े धीमे धीमे काम हो रहे है, एक दिन बुशरा उससे बोली चलो, आज तुम्हे कपड़े दिला देती हूं, सोहैल खुश हो गया पर बुशरा बोली एक शर्त है , तुम्हे मेरे साथ बुरखे और हिजाब में ही बाहर चलना पड़ेगा , क्यों के मैं नही चाहती के कोई तुम्हे पहचाने या तुमसे कोई गोरी मैम फ्लर्ट करे, सोहैल बोला ठीक है , अब दोनो मॉल में थे , सुहैल को बहुत अजीब लग रहा था क्यूं के बुशरा ने उसे तो काले बुरखे और हिजाब में ढांक दिया था और खुद खुले ब्लॉन्ड हेयर ,शॉर्ट स्कर्ट, व्हाइट शर्ट ,ब्लेजर और व्हाइट सॉक्स एंड ब्लैक हाई हील्स में कयामत लग रही थी. पर सुहैल ने सोचा ठीक है कम से कम घर से बाहर तो आया , जब से दोनो लंदन आए थे घर में ही बंद था।


बुशरा अपने लिए कुछ ड्रेस पसंद करती है, और चेंजिंग रूम में ट्राई करने जाति है सुहैल को अपना पर्स और मोबाइल दे कर, और सोहैल बाहर उसका इंतजार कर रहा था ,तभी उसे लगा किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और जैसे उसकी पीठ पर कोई धारदार चीज लगा दी ,सुहैल को एक कोने में ले गया,  सुहैल बहुत ज्यादा डर गया था, उस आदमी ने सुहैल के हाथ से, बुशरा को मोबाइल और पर्स छीन लिया, और सुहैल के हाथ उसकी पीठ के पीछे करके, हथकड़ी लगा दी जो की स्टील की थी , और इससे पहल के सुहैल हेल्प के लिए चिल्लाता , सुहैल के लिप्स पर एक टेप चिपका दिया और आंखों पर एक काली पट्टी बांध कर उसका बुरखा और हिजाब ठीक कर दिया , वैसे भी उसे कम ही दिख रहा था अब उसे बिलकुल भी नहीं दिख रहा था, जब बुशरा चेंजिंग रूम से आई तो सोहैल को अपने पास आने का इशारा किया पर सुहैल ने कुछ रिस्पॉन्स नही किया , क्यों के उसे कहा कुछ दिख रहा था , फिर बुशरा सोहैल के पास गई ,और बोली मैं कब से तुम्हे अपने पास बुला रही हूं , इग्नोर क्यों कर रहे थे , मेरा पर्स और मोबाइल कहा है, सुहैल कुछ भी बोलता कैसे , फिर बुशरा ने सोहैल के हाथ देखे जो की लॉक्ड थे, बुशरा समझ गई के क्या हुआ है, फिर बुर्खे में उसकी आंखो से कपड़ा हटाया, सुहैल बहुत डरा हुआ था,बुशरा उसे उसी हालत में घर ले गई।


घर पहुंच कर बुशरा सोहैल पर बहुत गुस्सा हुई के, आखिर वो इतना लापरवाह कैसे हो सकता है , उसके पर्स में पूरे महीने की सैलरी थी , अब घर कैसे चलाएगी, ऊपर से ये हथकड़ी लगवा कर बैठे हो ये खुलेगी कैसे , बुशरा को कुछ समझ नहीं आ रहा था, के वो किसे बुलाए हेल्प के लिए और अगर बुलाती भी है तो क्या बोलेगी , कौन मानेगा उसकी बात को , सोच सोच कर उसका दिमाग फटा जा रहा था और फिर लास्ट में खुद बोली , अब रहो ऐसे ही पूरा मूड ऑफ कर दिया। और जल्दी बाजी में ये भी ध्यान नहीं दिया के सुहैल के सिर्फ हाथ नही मुंह भी बंद है।


कुछ देर बाद जब बुशरा का गुस्सा शांत हुआ उसका हिजाब उतारा और जब उसके लिप्स से टेप हटा रही थी उसकी मूछ के बाल भी साथ में खीच गए जिससे उसका चहेरा अजीब सा लगा रहा था , तो बुशरा बोली क्या हो रहा है आज मेरे साथ, और फिर सोहैल के ना चाहते हुए भी सोहैल की दाढ़ी बनाई ,क्लीन सेव करना पड़ा, सुहैल के पास ऑप्शन भी नही थे हाथ तो लॉक्ड थे , और फिर उसके लंबे बालो में हेयर बैंड लगा दिया।


अगले कुछ दिन सोहैल को ऐसे ही  रहना पड़ा फिर एक दिन बुशरा अपने साथ एक लॉक वाले को लाई जिसने सोहैल के लॉक को खोला और सोहैल ने चैन की सांस ली पर ये कुछ दिन बुशरा और सोहैल के बीच की दूरी और फसलों को कम करने में बहुत काम आए, बुशरा ने सोहैल का पूरा ख्याल रखा , अपने हाथो से खाना खिलाया पानी पिलाया और सब कुछ जो जरूरी था करना वो किया, दोनो कपल से ज्यादा फ्रेंड बन गए, हा कुछ चेंज जरूर हुआ , जैसे अब सुहैल ज्यादा तर समय सुहाना बन कर रहता,क्लीनसेव , लाइट मेकअप, और बुशरा के मॉडर्न कपड़े भी पहन लेता , दोनो जब एक साथ मार्केट में निकलते , शॉपिंग करते , एक दूसरे को टिप्स देते , और कभी कभी लडको की बाते भी करते, सुहैल घर संभालता , और बुशरा ऑफिस।


ये बोल कर  भाभी चुप हो गई तो मैं बोला आगे क्या हुआ, तो भाभी ने पूछा , सोहैल के साथ मॉल में जो हुआ , उसमे किसकी गलती थी,मैंने कुछ देर सोचा और बोला के इसमें उस चोर की गलती थी और किसकी गलती थी। भाभी हसी और बोली गलत ,

सारी गलती सोहैल की है , क्यों की अगर बुशरा स्कर्ट पहन कर मार्केट जा सकती है तो क्या सोहैल अपने नॉर्मल कपड़े नही पहन सकता था, पर उसने ऐसा नहीं किया बल्कि बुशरा पर ट्रस्ट किया और उसे ऐसा इसलिए करना पड़ा क्यों के उसने भी तुम्हारी तरह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया और जल्दी बाजी और अपनी शॉर्ट कट तो सक्सेस के लिए बुशरा से निकाह के लिए तैयार हो गया। 


भाभी बोली अब तुम अपनी नेक्स्ट सजा के लिए तैयार रहो। और भाभी हसने लगी

भाभी अपनी बात करके सोच रही थी के मैं उनकी सजा को मान लूंगा पर शायद वो मुझे अब तक जान नही पाई थी। आखिर मैं एक टॉपर हम ग्रुप डिस्कशन में । मैं भाभी की बात का अलग,अलग तर्क देता रहा, काफी देर के बाद जब, भाभी मुझसे जीत नही पाई 


भाभी बोली:

 चलो मैं तुम्हे दो ऑप्शन देती हूं, या तो तुम मान लो के, तुम बस अपनी सजा से भागने के लिए, बेकार की वहेश कर रहे हो, तो तुम अपनी गलती मान लो मुझसे माफी मांग कर सजा स्वीकार कर लो छोटी छोटी दो सजा जो तुम्हे पता भी नही चलेगी, या दूसरा ऑप्शन है, मैं कहानी सुनाती हूं, तुम आंसर करो के किसकी गलती है, सजा 8 हो जायेगी और मेरा यकीन मानो तुम अपने आपको कलीवरी वाला था उसने मुझे ऐसे चूड़ियां पहेने देख लिया, तो मैने कॉलेज ड्रामा का बहाना बना दिया, पर वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा। ये सच कर घबरा गया था,भाभी हसने लगी और बोली बस।इतनी सी बात से घबरा गए, अभी तो कुछ बचा है, चलो मुंह धो कर पोछा खत्म करके, किचन में आओ , खाना बनाते हुए एक कहानी सुनाती हूं, तुम्हे कहानी के बाद बताना है , के गलती किसकी है, अगर सही आंसर दोगे तो तुम्हारी किस्मत, वरना कल कही वोही डिलीवरी  बॉय आया तो बहाना भी नही बना पाओगे


हस्ते हुए वहा से चली गई।भाभी का कॉन्फिडेंस देख कर तो मुझे भी डर लगने लगा था, पता नही, भैया इन्हे कैसे झेलते होंगे, क्या क्या चलता है इनके दिमाग में, कहा फस गया हूं मैं तो, फटाफट पोछा लगा कर, भाभी के पास गया और बोलाभी माफ नहीं कर पाओगे इस ऑप्शन को चुनने के लिए,जल्दी नही है सोच लो आराम से, एक काम करो चाय बना लाओ मेरे लिए।उसके बाद पूरे घर में झाड़ू लगाओ, उसके बाद पोछा लगाओ, तब तक मैं कहानी सोचती हूं,यार क्या दिन है, आज सुबह से काम कर रहा हूं, कमर दर्द होने लगा है, घर में पोछा लगाते हुए पर, एक बात है जब आपके पास बड़ी प्रॉब्लम होती है, तो आप छोटी प्रॉब्लम को भूल जाते हो, अब देखो मैं चाय, झाड़ू, पोछा और भाभी के मंत्र रटने की टेंशन में ये भूल गया हूं, के मेरे बाल लड़कियों की तरह दो चोटी में बंधे है, मेरे दोनो हाथो में दो दो दर्जन से ज्यादा चूड़ियां है, और उससे भी बड़ी बात मैं एक लड़का हूं, और इसी सब उलझनों के बीच देखो क्या हो गया, मैं पोछा लगा रहा था, तभी डोर बेल बजी,और मैने जल्दी बाजी में गेट खोल दिया, सुबह वाला ही डिलीवरी वाला था, जिसकी वजह से मेरे नंबर कम आए थे , मुझे देख कर ऊपर से नीचे देखने लगा , जैसे भूत देख लिया हो, मैं बोला क्या हुआ, तो बोला कुछ नही आपका ऑर्डर था, और जब मैंने पार्सल लेने के हाथ आगे बढाया, मेरे हाथो में दर्जनों चूड़ियां थी, जिसे वो लड़का देख रहा था, मैं घबरा गया, पर खुद की फीलिंग पर काबू करके , जैसे ये आम बात हो , मैं बोला कॉलेज ड्रामा की रिहर्सल के लिए है, और उससे फटाफट पार्सल लिया और उसे भगाया, और धड़ाम से गेट बंद करके वोही जमीन पर बैठ गया, मेरी धड़कने बहुत तेज चल रही थी, डर के वजह से पसीना छूट रहा था, मेरी हालत देख कर भाभी जल्दी से मेरे लिए पानी लाई।


भाभी बोली, अरे क्या हो गया, इतना पसीना क्यों आ रहा है, गेट पर कौन था, इतना घबराए हुए क्यों हो, भूत देख लिया क्या, कुछ बोलो भी डॉक्टर को कॉल करूं क्या। में बोला नही मैं ठीक हूं, कुछ नही वो डि, पहले मुझे सजा बता दो, जिससे मैं बता सकूं के कहानी सुननी है या नही,भाभी बोली घबरा क्यों रहे हो, डर के आगे जीत है, अब ज्यादा सोचो मत, बस ऑप्शन बताओ क्या चुना है तुमने, वैसे मुझे पता है तुम हार मानने वालो मे से नही हो, तो मैं कहानी सुनाती हूं। में बोला भाभी ये क्या बात हुई, आप कहानी सुनाओ, आप ही डिसीजन लो जीत और हार का, आप कहानी सुनाओ, हम दोनो अपने  आंसर बुक में लिखेंगे सेम टाइम पर जिससे मेरा आंसर सुन कर अपना अंदर बदल ना लो, साथ ही  कॉमेंट में लोग बताएंगे के ,हमारे आंसर सही है या नही, फिर भाभी ने कहानी सुननी शुरू की,


ये कहानी है जुड़वा भाई और बहन की, शक्लें दोनो की सेम थी, बचपन में दोनो में अंतर करना बहुत मुश्किल था , पर बड़े होने पर, दोनो के रहने सहने का तरीका बदलता है, भाई जो हमेशा बाहर खेलता , दोस्तो के साथ घूमता , बहन घर में रहती , खिलोने से खेलती , मां के कामों में हाथ बाटती, पर वो हमेशा सोचती, के जब दोनो की शकल सेम है, दोनो घर के बच्चे है तो उसके साथ भेद भाव क्यों हो रहा है, ऐसा भी कुछ नही है जो भाई कुछ अलग करता हो, इसलिए कई बार तो वो अपने भाई के कपड़े पहन लेती , शायद इन में ही कुछ हो , जो उसे आजादी देता हो, इस भेदभाद की,


बहन हमेशा सोचती रहती , फिर एक दिन उसे लगा शायद दोनो के बाल अलग है , भाई के छोटे और उसके बड़े है , जिसकी वजह से ये भेदभाव है तो ,एक दिन जब घर में कोई नही था उसने कैची से अपने बाल काट दिए, अपने भाई के तरह पर उससे भी कुछ नही बदला, वो हमेशा सोचती रहती , एक दिन उसने अपनी मां से , बाप से भी अलग अलग समय पर ये क्वेश्चन पूछा पर कोई खास आंसर नही मिला, बल्कि सब उस पर हस्ते और उसकी बात को मजाक में उड़ा देते, बहुत कन्फ्यूजन थी, भाई उस पर बहुत हस्ता और बोलता , पागल कही की , बाल काट लिए,


समय बीता दोनो बड़े हुए बहन के बाल लंबे हो गए , भाई ने भी अपने बाल लंबे किए लगभग कंधे तक , किसी एक्टर को देख कर, लड़ाई अब भी चलती भाई बहन में, सब भाई का ही साथ देते , एक दिन भाई का एक्सीडेंट हुआ और भाई के पैर और हाथ में फैक्चर हो गया , हाथ और पैर दोनो में प्लास्टर लग गए, अब सारा दिन बिस्तर पड़े रहना और ऑर्डर करना यही भाई का काम था. कुछ ही महीनो में भाई के बाल कंधे से भी ज्यादा बढ़ गए, अब मैनेज करना मुश्किल हो रहा था , तो मां अक्सर बोलती थी के लाओ में बाल काट देती हूं , पर भाई हमेशा मना कर देता , एक दिन मां ने फिर से भाई को बोला बाल काटने को पर भाई ने बहुत गुस्से में मना कर दिया , उस समय पर बहन पोछा लगा रही थी , उसे अपने भाई पर बहुत गुस्सा आया , पर वो कुछ बोली नही ,चुपचाप पोछा लगाया , उसी समय पर मां बोली के वो मार्केट जा रही है , कुछ सामान लेने , थोड़ी देर में मां चली गई अब घर में सिर्फ भाई और बहन थे , भाई ने ऑर्डर किया पानी दो, बहन पानी लाई और सामने टेबल पर रख दिया , भाई बोला मुझे पानी पिलाओ, बहन बोली मेरे पास और भी काम है, एक बात और हाथ में प्लास्टर है मुंह में नही , मैंने ग्लास रख दिया है खुद से पी लो,   सामने टेबल पर रख दिया , भाई बोला मुझे पानी पिलाओ, बहन बोली मेरे पास और भी काम है, एक बात और हाथ में प्लास्टर है मुंह में नही , मैंने ग्ला seस रख दिया है खुद से पी लो, भाई गुस्से में बोला मुझे पानी पिलाओ , अगर मुझे गुस्सा आ गया ना तो ठीक नही होगा, अब बहन बोली अच्छा क्या कर लोगे, अगर आ गया गुस्सा तो, आज मुझे जानना है , अपने हाथ से पानी तो पी नही पा रहे हो , और मुझे आंखे दिखा रहे हो।


आज में तुम्हे दिखाती  हूं के में क्या कर सकती हूं, फिर वो गुस्से में गई और कैची ले कर आई, और बोली तुम्हे बाल लंबे करने है ना , और कटवाने भी नही है , देखो आज में तुम्हारा क्या हाल करती हूं और भाई के लाख कोशिश के बाद भी उसके बाल लेयर कट में बॉब कट कर दिए, दाढ़ी मूछ थी नही और अब हेयर कट लड़कियों वाला हो गया ,तो कही से भी वो लड़का नही लग रहा था , भाई को अपनी बहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था पर कुछ करने की हालत थी नही तो बस गुस्से में अपनी बहन को कोशने लगा , गली देने लगा, बहन बोली तुझे पता नही होगा पर ये मैंने बहुत दिन से करना चाहती थी, और फिर उसने अपना हाथ में एक चीज दिखाई और भाई बोला सोचना भी मत, बहन बोली मजे की बात यही है के आज सोचने का नही कुछ करने का दिन है मां घर पर नही है तुम्हारी हालत ऐसी है नही के तुम कुछ कर पाओ, 


फिर भाई के पास धीमे धीमे आगे आने लगी और भाई के होठ पर पर्पल लिपस्टिक लगा दी , और आंखो में बड़ा बड़ा काजल लगा दिया , भाई रोने लगा , और ये सब पोछने की रिक्वेस्ट करने लगा , तो बहन बोली रिमूव कर दूंगी पर मेरी एक शर्त है , भाई बोला मुझे सब मंजूर है , तो बहन बोली ,दस बार बोली के आज से तुम्हारा नाम रोशनी है , और तुम एक लड़की हो, और घर में तुम हमेशा मेरी और मां की हर बात मानोगे, भाई कुछ बोला नही उसका इगो हार्ट हो रहा था , तो बहन बोली कोई बात नही कुछ मत बोलो, और फिर अपने साथ एक डिब्बा लाई जिसमे बहुत सारे इयरिंग और कुछ नोज रिंग भी थे , फिर बहन ने एक सुई भाई को दिखाई और सुई गैस पर गरम होने के लिए रखी और बोली तुम्हे पता है अब में क्या करने वाली हूं तुम्हारे पास 2 मिनट है जब तक सुई गरम हो रही है अब भी समय है माफी मांग लो वरना तो जो होना है वो हो कर ही रहेगा। सुई धीमे धीमे गरम हो रही थी , भाई की धड़कने तेज हो रही थी , बहन को भाई की सिचुएशन देख कर मजा आ रहा था और दिल को सुकून भी जो कई दिनों से वो करना चाहती थी , आज वो दिन आया है , और बहन के दिल में भी कही ना कही डर भी था के जब मां आएगी तो वो कितना चिल्लाने वाली है , सब उसे पागल समझने वाले है , 


पर बहन ने सोचा लोगो का क्या है सोचने दो , पर उसके पास यही एक मौका है , अगर ये मौका चला गया तो शायद दुबारा कभी लौट कर नही आने वाला है और कुछ महीने में जब इसका हाथ सही हो जायेगा सबसे पहल मेरी क्लास लगाएगा, गरम गरम सुई लेकर जब बहन भाई की तरफ बढ़ने लगी भाई डर कर बोला प्लीज ऐसा मत करो में तैयार हूं तुम जो बोलोगी जिसके सामने बोलोगी में बोलने के लिए तैयार हूं , तुम चाहो तो मेरा मेकअप भी मत उतारो पर प्लीज मेरे कान नाक मत छेदों.भाई को जब कुछ नहीं सूजा तो तोते की तरह रटने लगा आज से मेरा नाम रोशनी है , और में एक लड़की हूं और घर में हमेशा तुम्हारी  और मां की हर बात मानूंगा, बोलते बोलते डर कर उसकी आंखो से आंसू आने लगे, और जब बहन उसके एक दम नजदीक पहुंच गई , भाई ने लगभग अपने डायपर में मूत दिया था , ये देख बहन हसने लगी एक मिनट के लिए रोक गई , जब हैं रुक गई तो भाई बहुत खुश हुआ और चैन की सानएस ली , पर कुछ ही देर में बहन फिर से भाई के पास गई और बोली, तुम्हे ऐसे डरते हुए देख कर बहुत मजा आ रहा है 


सच में , पर सिर्फ डरने से काम नही चलेगा आज , क्यों के आज तुम्हे मुझसे कोई नई बचाने वाला है, और फिर बहन भाई के पास आई और भाई के दोनो कानो में छेद करके झुमके पहना दिए और फिर नाक पर भी दया नही की , एक ही झटके में भाई की नाक भी छिद गई थी और उसमे नोज पिन था,

भाई की किस्मत आज सच में बहुत खराब थी जैसे ही बहन ने उसकी नाक में नोज पहेनायी डोर बेल बज गई, मां थी , बहन बोली शायद मां आ गई है , भाई बोला जाओ जाकर गेट खोलो अब मैं मां को सब बताऊंगा के तुमने मेरे साथ क्या  किया है , बहन बोली ज्यादा खुश मत हो, क्यों के आज से तुम्हारे बुरे दिन शुरू हो गए है , ज्यादा बोलने के चक्कर में कही ऐसा ना हो के में फेवीक्विक तुम्हारे लिप्स पर लगा दूं, मेरी बात को ध्यान रखना मां को कैसे संभालना है वो मेरा काम है तुम्हे बस चुप रहना है और मेरी हां में हां हां मिलाना है , अब चुप चाप तमाशा देखो , में गेट खोलती हूं,


Chapter 7


बहन ने गेट खोला और मां के हाथ से सामान लेकर किचन में रख दिया, और बोली में पानी लाती हूं, ,मां बोली राकेश क्या कर रहा है , सो रहा है क्या, तो रोशनी बोली नही रो रहा है , मां डर गई क्या हुआ , तो रोशनी हस्ते हुए बोली , क्या मां कितना डरती हो , वो क्यों रोने लगा, सो रहा होगा,


फिर मां ने पानी पी, चाय पी और राकेश को देखने कमरे में गई, राकेश चद्दर ओढ़ कर सोने की एक्टिंग कर रहा था, मां ने चद्दर हटाया ,उसकी चीख निकल गई, मां बोली राकेश ये क्या हाल बना रखा है , तेरे बाल , ये कैसे कटे है , और ये मेकअप किसने किया ,और कान में तेरे क्या है, ये क्या तेरे कान में इयरिंग और नाक में नोजरिंग दिख रही है,

राकेश कुछ भी बोलता उससे पहले ही रोशनी कमरे में आ गई और बोली, मैंने किया है , मां बोली अरे लड़की तु पागल जो गई है क्या, लड़के को तेरे भरोसे छोड़ कर गई थी तूने उसका क्या हाल कर दिया है, बहन हस्ते हुए बोली, कुछ नही मां भैया के बाल बहुत झड़ रहे थे पूरे बिस्तर पर गिरे पड़े थे , में पूछा ट्रिम कर दूं , भैया बोले कर दो , तो मैंने थोड़े से ट्रिम किए पर वो सेट नही हो रहे थे तो थोड़े थोड़े करते हुए ये हो गया, 


मान बोली पर ये मेकअप, इयरिंग नोजरिंग क्यों की, रोशनी बोली , जब बाल सेट हो गए तो मैंने भाई को आइना दिखाया तो मेरे पर गुस्से में चीखने लगे और बोले ये क्या कर दिया मेरे बालो को , ये तो लड़कियों के जैसे दिख रहे है , मैने बोली में लड़की हूं तो लड़कियों जैसे ही काटूंगी ना , फिर मैंने ही कहा के बात तो सही है अब आप दिख तो लड़की ही रहे हो , बस एक कमी है , तो बोले क्या , में बोली अभी बताती हूं फिर मैंने राकेश के होठ पर लिपस्टिक लगा दी और आंखो में काजल, फिर मैंने राकेश से कहा के वो बिलकुल मेरी क्लास की सोनल जैसे दिख रहे है बस एक कमी है , ये बोले अच्छा क्या कमी है तो मैंने इनके कान और नाक में इयरिंग और नोजपिन पहिना दी, खुद बताओ कितने अच्छे लग रहे है , राकेश गुस्से में बोला मुझे ये सब पसंद नही है चुपचाप ये सब निकालो मेरे कान और नाक से, 


तो रोशनी बोली , चिल्ला क्यों रहे हो , निकाल दूंगी कल , पर आज तो तुम्हे ऐसे ही रहेना पड़ेगा ही, राकेश के दोनो हाथ में प्लास्टर था तो बेचारा कुछ कर भी नही पा रहा था , रात को सबने खाना खाया राकेश अब भी मेकअप में ही था , किसी ने किसी से बात नही की बस मां और बहन एक दूसरे को देख कर खुसुर पुशुर हस्ते रहे, राकेश को पता था के दोनो उसी पर है रहे है पर कर क्या सकता था , अगले दिन सुबह मां आई राकेश का मुंह पानी से पोछा मेकअप छुटाया, पर इयरिंग और नोजरिंग अब भी राकेश ने पहन रखी थी , राकेश आराम से बैठ कर टीवी देख रहा था, थोड़ी देर बाद रोशनी आई और बोली बिना एक बात कहूं बिना मेकअप बहुत खराब लग रहे हो सच में, कल कितने अच्छे लग रहे थे फिर मां से बोली , अच्छा सच सच बताना भाई कल अच्छा लगा रहा था या आज , मां बोली सच बताऊं तो कल ही अच्छा लग रहा था आज तो आंखे सूजी हुई सी लग रही है , काजल लगने से आंखे बड़ी लगति है, तो बहन बोली तो सोच क्या रही हो ये लो मां अपने हाथो से लगाओ, और राकेश के लाख मना करने पर भी ,मां ने काजल लगा दिया, मां हस्ते हुए चलो गई तब बहन आई और बोली अब जब मान ने काजल लगा ही दिया है तो लिपस्टिक से इनकार क्यों, राकेश ने मां को आवाज दी पर मां जब तक आती तब तक तो राकेश के होठों पर लिपस्टिक लग चुकी थी ,  मां ने जब ये देखा बहन को मरने दौड़ी , थोड़ी देर बाद मां एक स्कर्ट ले कर आई और बोली बेटा ये तौलिए को धोना है तब तक ये पहन लो , में बोला ये तो स्कर्ट है , तो मां बोली ये प्लास्टर के वजह से और कुछ तुम्हे फिट आएगा नही, इसलिए पहन लो और फिर मां ने राकेश को स्कर्ट पहना दी, बेचारा राकेश,

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