मेरा नाम संजय है, सभी प्यार से मुझे संजू कहते है,
मैं अपने माता पिता की इकलौती औलाद हूँ इसलिए वो मुझसे बहोत प्यार करते है और मेरी हर ज़िद को पूरा करते है,
पापा अपने काम मे बिजी रहते है और माँ हाउस वाइफ है,
मैं 22 साल का लड़का हूँ, अभी मैं ने ग्रेजुएशन की परीक्षा दी है जिसका नतीजा नही आया लेकिन मुझे विश्वास है के मैं आसानी से पास हो जाऊँगा, और उसके बाद कोई जॉब ढूंढूं लूँगा,
मुझे 2 साल से क्रॉस ड्रेसिंग करने की आदत लगी हुई है,मेरी माँ को नई साड़ियां पहनने, गहने पहनने और मेकअप करने का बहोत शौक़ है, वो हर रविवार को शॉपिंग करने जाती है और कई बार मुझे भी ले जाती है, और वापस आने के बाद ट्रायल कर के मुझसे पूछती है के ये साड़ी कैसी लगी ?
ये हेयर स्टाइल कैसा है ? वो हर बार टीवी सीरियल की एक्ट्रेस वाली ड्रेसेस साड़ियां और ज्वेलरी लाती है और फिर मुझे उनसे compare करने कहती है, हम साथ मे टीवी सीरियल देखते है और इन सब के बीच कब मेरा मन ड्रेसिंग करने की तरफ पलटा पता ही नही चला,
पहले तो बहोत डर लगा के अगर माँ पिताजी को पता लगा तो क्या होगा ?
पर फिर मन करने लगा के चुपके से एक बार ड्रेसिंग करना चाहिए, और ये विचार इतना बड़ा के एक दिन जब घर पर कोई नही था तो मैं ने ड्रेसिंग करने की ठान ली और अंदर से सारे डोर लॉक कर के माँ की एक पुरानी ड्रेस निकाली जो मुझे फिट आ जाये फिर मैं ने वो शलवार सूट दुपट्टा लिया और कुछ मैचिंग चूड़ियां और लिपिस्टिक ले कर अपने रूममे आ गया और अपने कपड़े उतार कर पहले शलवार पहनी, फिर सूट पहन कर चूड़ियाँ पहनी और मिरर में देख कर लिपिस्टिक लगाई, आखिर में सर पर दुपटटा ओढ़ कर अपने छोटे बालों को छुपा लिया,
क्रॉस ड्रेसिंग कर के मुझे बहोत मज़ा आया, मैं ने बार बार अपने आपको मिरर में देखा और खूब एन्जॉय किया, पर डर भी लग रहा था के कहीं माँ ना आ जाये, इसलिए आधा घंटा एन्जॉय करने के बाद मैं ने लड़कियों वाले कपड़े उतार के अपने कपड़े पहने और उस ड्रेस को अपने रूम में छुपा कर रख दिया, कुछ देर बाद माँ आ गयी,
मैं ने रात होने का इनतेज़ार किया और जब मुझे विश्वास हो गया के माँ पिताजी सो गए होंगे तब मैं ने शलवार सूट निकाल कर पहन लिया,
उस के बाद से मुझे इसका चस्का लग गया, जब भी मैं घर पर अकेला होता तो माँ की कोई अच्छी ड्रेस पहन कर मेक अप कर के मैं लड़की बन जाता, मैं ने अपना नाम संजना रख लिया,
मैं ने अपने बालों को बढ़ाना शुरू कर दिया क्यों के छोटे बालों से मेरी सुंदरता अच्छी नही लगती थी, माँ ने मुझे बाल काटने को कई बार कहा लेकिन मैं नही माना और इन्हें काफी बढ़ा लिया, फिर मैं ने अपने दोनों कानो में छेद करवा लिए, माँ ने इस पर भी आपत्ति जताई पर कुछ नही कर पाई,
मैं अब ड्रेसिंग और मेकअप में काफी एक्सपर्ट हो गया था, और मैं अब साड़ी ब्लाउज भी पहनने लगा, ब्लाउज के अंदर ब्रा पहन कर मानो मैं सच मे खुद को संजना समझने लगता, माँ के साथ मैं हर बार शॉपिंग के लिए जाने लगा और अपनी पसंद की ड्रेसेस और साड़ियाँ माँ को खरीदने को कहता, जिसे बाद में मैं चुपके से पहन कर वापस वहीं रख देता जिस से माँ को कोई शक नही हुआ,
अब ये आदत काफी बढ़ चुकी थी और मैं चाहता था के मैं माँ को सब कुछ बता दूं के मुझे लडक़ी की तरह सजना सँवरना है और एक लड़की की तरह आपकी बेटी बन कर रहना है पर मेरी कभी हिम्मत नही हुई,
ये सब यूँही चलता रहा और माँ अब मेरी शादी करने के लिए लड़की को ढूंढने लगी, मैं ने मना किया पर माँ नही मानी, वो रिश्ते के लिए लड़की खोजने लगी,
कुछ दिन बाद एक दिन माँ मुझे बोली के चलो आज शॉपिंग को चलते है,
मैं तो घर मे बेकार ही बैठा था मैं ने कहा ठीक है माँ चलते है पर आज अचानक शॉपिंग को क्यों जाना है आज तो रविवार नही बुधवार है ?
माँ मुस्कुरा कर बोली के मैं जानती हूँ के आज रविवार नही है पर कल महिला दिवस है और मैं ***** सीरियल की हेरोइन जैसे तैय्यार होना चाहती हूँ, कल के भाग में आगे महिला दिवस का सीने दिखाया गया था ना बिल्कुल वैसा ही मुझे तैयार होना है,
मैं ने कहा ठीक है हम जाते है, पर पहले बैठिए मुझे आपसे कुछ बात करनी है,
मैं ने हिम्मत कर के सोचा के आज माँ से कह ही दूँ के कल महिला दिवस पर वो मुझे लड़की बनाएं, इस के लिए मैं ने उन्हें समझाना शुरू किया,
माँ बैठ गयी और बोली,बताओ बेटा क्या बात है ?
मैं ने कहा के माँ क्या आप की इच्छा नही थी के आपको बेटी हो ?
माँ की आँखों मे आँसू गए, वो बोली के मेरी तो बहोत इच्छा थी के मुझे बेटी भी हो, पर कोई भगवान के आगे नही जा सकता, भगवान ने तुम्हारे अलावा हमे कोई संतान नही दी, मेरी तो इच्छा है के मेरी बेटी हो जिसे मैं अपने हाथों से तैय्यार करूँ, इस लिए तो मैं अपने लिए बहु तलाश कर रही हूँ ताके बेटी की कमी को पूरा कर सकूँ,
मैं ने कहा के पता नही बहु कब आएगी , लेकिन मैं चाहता हूँ के आपकी इच्छा किसी तरह पूरा करूँ जो आप कह रही हो के अपनी बेटी को आप अपने हाथों से सजाना संवारना चाहती हो,
माँ बोली के मैं समझी नही तुम कहना क्या चाहते हो ? साफ साफ कहा,
मैं ने हिम्मत कर के कहा के अगर आप मेरे बारे में गलत नही सोचेंगे और मुझसे नाराज़ नही होंगे तो बताता हूँ,
माँ हैरानी से बोली, ऐसी क्या बात है जिसे सुन कर मैं तुमसे नाराज़ हो जाऊँगी ?
मैं ने कहा के पहले आप प्रॉमिस करो उसके बाद ही मैं बताऊँगा,
माँ ने प्यार से मेरे गाल को सहलाया और बोली के मैं तुमसे बहोत प्यार करती हूँ, तुम तो मेरी जान हो , मैं तुमसे नाराज़ नही हो सकती कभी, चलो अब बताओ,
मैं ने झिझकते हुए कहा, के मैं कल महिला दिवस पर एक दिन के लिए आपकी बेटी बन कर आपकी सेवा करना चाहता हूँ,
ये सुन कर माँ चुप हो गयी,
मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा के पता नही अब माँ मेरे बारे में क्या सोंचेगी, और डर के कारण में उनकी ओर देख भी नही पा रहा था,
माँ कुछ देर बाद बोली, मेरी इच्छा पूरी करने के लिए तुम मेरी बेटी बन कर मेरी सेवा करना चाहते हो, मुझे विश्वास नही हो रहा के तुम मुझसे इतना प्यार करते हो,
फिर माँ ने मुझे गले से लगा लिया और बोली के ज़रूर मेरी इच्छा पूरी करो, मैं खुद तुम्हें अपने हाथों से तैय्यार करूँगी, पर तुम्हें अचानक ये विचार कैसे आया ?
पहले तो मुझे विश्वास नही आया के माँ मान गयी है, फिर बात को बनाते हुए कहा के माँ वो मैं ने एक मूवी देखी थी जिसमे एक लड़का अपनी बीमार माँ की सेवा बेटी बनकर करता है क्यों के उस माँ की बेटी किसी वजह से मर जाती है तो वो अपनी माँ के लिए खाना बनाता है, कपड़े बर्तन साफ करता है, यहाँ तक के उसकी बेटी को याद कर के माँ जब रोटी है तो माँ को शांत करने के लिए वो अपनी बहन के कपड़े पहन कर उस माँ की बेटी बन जाता है,
आपकी आँखों मे नमी और बेटी की कमी देख कर मुझे उस मूवी का सीन याद आ गया और मैं ने ये सब कह दिया,
चलो अब आपकी शॉपिंग के लिए चलते है,
माँ मुस्कुरा कर बोली, सिर्फ मेरी ही नही आज तो मेरी बेटी के लिए भी शॉपिंग करेंगे और वो भी उसकी पसंद से, फिर हम दोनों हंसने लगे और शॉपिंग के लिए चले गए,
मैं ने माँ से पूछा के माँ आप कोनसा ड्रेस लोगी ?
माँ बोली के मैं ने कहा था ना के उस एक्ट्रेस जैसा ड्रेस लूँगा, लाल लहँगा चोली और ज्वेलरी,
मैं ने थोड़ा शर्माते हुए कहा, और आपकी बेटी के लिए क्या लोगी ?
माँ मुस्कुरा कर बोली, वैसे तो हर माँ की इच्छा होती है के अपनी बेटी को अपने हाथों से दुल्हन बनाये, मेरी भी वही इच्छा है, अगर तुम कुछ और चाहते हो तो बताओ,
मैं ने सर झुका कर कहा के जो माँ की इच्छा है उसे के अनुसार आप शॉपिंग करो,
माँ मुस्कुरा कर बोली तो ठीक है एक जैसा लहँगा चोली लेते है,
फिर माँ ने अपने लिए एक रेड लहँगा चोली लिया और मुझे पिंक कलर का लहँगा चोली पसंद आया तो मैं ने माँ को दिखाया,
माँ ने सेल्स गर्ल को कहा के वो पिंक वाला लहँगा चोली देना, सेल्स गर्ल ने साइज पूछा तो माँ थोड़ा चौंक गयी, फिर सेल्स गर्ल को बोली, मुझे किसी को गिफ्ट देना है पर वो साथ मे नही है, फिर मेरी तरफ इशारा कर के बोली के बिल्कुल इसी की तरह शरीर है, इसे जो साइज आ जाये वही दे देना,
मैं शर्म के मारे ज़मीन में गड़ा जा रहा था, सेल्स गर्ल भी मुस्कुरा कर मेरे शरीर पर चोली लगा कर बोली के ये साइज परफेक्ट है,
फिर माँ ने वहाँ से अंडर गारमेंट्स अपने और मेरे लिए ले लिए,और हम ज्वेलरी शॉप पर गए,
वहाँ पर माँ ने अलग अलग तरह की ज्वेलरी ली, सारी हैवी ज्वेलरी थी, साथ ही चूड़ियाँ भी ली,
उसके बाद मेकअप किट ली जिसमे कई सारी क्रीम लिपिस्टिक नेल पॉलिश व दूसरी चीजें थी, उसके बाद ब्राइडल शूज लिए मेरे साइज के, एक लेडीज पर्स लिया और आखिर में महेंदी के कोन लिए और हम घर आ गए,
यूँ तो हर बार माँ के साथ शॉपिंग जाने में मज़ा आता था लेकिन इस बार तो मेरी खुशी का ठिकाना नही था, क्यों के इस बार मैं ने खुद के लिए भी शॉपिंग की थी,
सारे काम होने के बाद रात में जब पिताजी सोने के लिए अपने रूम में चले गए तो माँ मेरे रूम में आई और बोली के चलो जल्दी से महेंदी लगा लो,
फिर माँ ने मेरे दोनों हाथों और दोनों पैरों पर महेंदी का डिज़ाइन बना दिया जैसे दुल्हन लगाती है और खुद को महेंदी लागते हुए कहा के कल पापा के जाने के बाद बाहर आकर अपनी महेंदी धो लेना और फिर मैं अपनी बेटी को सजाऊँगी, फिर माँ चली गयी,
और मैं भी कल के बारे में सोचते हुए सो गया,
दूसरे दिन मैं देर से उठा, पिताजी ऑफिस जा चुके थे, मैं ने फ्रेश हो कर अपनी महेंदी धो दी, महेंदी का रंग गहरा आया था, माँ ने मुझे नाश्ता करने को कहा,
मेरे नाश्ता करने तक वो तैय्यार हो चुकी थी , लाल लहँगा चोली,ज्वेलरी में वो बहोत अच्छी लग रही थी, मैं ने कहा माँ आप तो उस एक्ट्रेस से भी अच्छी लग रही हो, माँ खुश हो कर बोली, तू भी जल्दी से नहा कर आ जा, तुझे मैं अपने से ज़्यादा अच्छे से तैय्यार करूँगी, और मुझे पिंक ब्रा पैंटी दे कर बोली, के इसे पहन कर आ जाना, और फिर मुझे ब्रा पहनने का तरीका बताने लगी, मैं चुप चाप सुन कर बोला ठीक है ऐसे ही पहन लूँगा,
माँ थोड़ा समझाते हुए बोली, लड़के ब्रा नही पहनते और अब से तुम आज दिन भर के लिए लड़की हो तो कहो के ऐसे ही पहनूँगी,
मैं ने झिझकते हुए कहा, ठीक है माँ, मैं ऐसे ही पहनूँगी, ये सुन कर माँ हॅंस पड़ी और मैं बाथ रूम में चला गया,
नहा कर मैं ने सेक्सी ब्रा पैंटी पहन ली जो बहोत टाइट थी, अब तक मैं ने माँ की ब्रा पैंटी पहनी थी जबकि ये मेरी खुद के साइज की थी तो मज़ा आ रहा था,
फिर मैं ने अपने लंबे बालों को ड्राई किया और टॉवल लपेट कर रूम में गया,
माँ ने मेरे इतने लंबे बाल देखे तो आश्चर्य से बोली, ओह, तुम्हारे बाल तो काफी बड़े और सुंदर है, अच्छा, तो इन्हें छुपाने के लिए तुम हूडि और हैट पहनते हो ?
मैं चुप चाप खड़ा रहा,
ब्रा तो परफेक्ट फिट है, माँ मुझे ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोली, फिर लहँगा दे कर उसे पहनने को कहा,
मैं ने लहँगा पहना और उसे कस कर कमर पर बांध दिया, लहँगा बहोत हैवी था,
फिर माँ ने मुझे चोली पहनाई और पीछे से उसका हुक लगा दिया, चोली यूँ तो अच्छी थी पर क्लीवेज कम था तो मैं ने माँ को कहा के चोली थोड़ी लूस लग रही है,
माँ ने देख कर कहा के वैसे तो परफेक्ट है पर तुम्हें लूस लग रहा है तो ब्रा के कप में कुछ कॉटन दाल दो, मैं ने वैसा ही किया, अब चोली टाइट हो गयी थी और क्लीवेज भी गहरा बन गया था, अब अच्छा लग रहा था,
माँ ने मेकअप किट निकाली और चेहरे का मेकअप शुरू किया,
मेकअप कर के माँ ने मेरे होंठों पर मैचिंग पिंक लिपिस्टिक लगाई और हाथों और पाओ के नेल्स पर नेल पेंट लगा दिया,
उसके बाद दोनों हाथों में चूड़ियाँ पहनाई और पाऊँ में हैवी पायल पहना दी,
उसके बाद मेरे कानों में झुमके और गले मे एक हार पहना दिया,
उसके बाद मेरे लंबे बालों को कोम्ब कर के जुड़ा बना लिया और माथे पर बिंदिया लगाई, नाक में नथनी पहनाई और आखिर में सर पर ओढ़नी पहना दी,
अब मैं संजू से संजना बन चुका था,
मैं ने अपने आप को मिरर में देखा, मैं परफेक्ट ब्राइड लग रहा था, मन मे खुद कप इस तरह देख के जो आनंद आ रहा था, बताना मुश्किल है,
आज मेरी बिटिया बिल्कुल गुड़िया लग रही है, प्यारी से गुड़िया, माँ की आवाज़ आई तो मैं ने उनकी ओर देखा, उनकी आँखों मे खुशी के आँसू थे,
वो फिर बोली, आज मेरी बरसो पुरानी इच्छा पूरी हो गयी, मुझे मेरी बेटी मिल गयी,
मैं ने माँ को गले लगा लिया, हम दोनों आज खुशी से झूम रहे थे,
महिला दिवस हम दोनों के लिए ढेर सारी खुशियाँ लाया था,
फिर माँ और मैं काफी गपशप करते रहे, उस के बाद लंच का समय आ गया था,
माँ बोली के आज तो लंच बनाने में बहोत समय लगेगा, आज भी तुम्हें किचन में मेरी सहायता करनी होगी,
मैं ने कहा माँ, आप हमेशा हमारे लिए काम करती हो, आज अपनी बेटी को कर्तव्य निभाने दो, आज मैं अपनी माँ के लिए लंच तैय्यार करूँगी,
माँ ने ये सुन कर खुशी से मुझे गले लगा लिया,
फिर मैं ने किचन में जल्दी जल्दी लंच तैय्यार किया और हम दोनों लंच कर के फिर गपशप करने लगे,
तभी डोर की बेल बजी, हम दोनों चौंक गए, पता नही कौन आया था, मैं झट से उठ कर अपने रूम में चला गया और डोर को अंदर से बंद कर दिया, क्या आज पिताजी जल्द वापस आ गए,
माँ ने डोर खोला तो उनकी सहेली माधवी आंटी थी,
वो माँ से मिलने आई थी, माँ से कहा के चलो हम बाहर प्रीती के घर जाते है,
माँ ने जाने से मना कर दिया तो माधवी आंटी हैरान हो कर बोली के तुमने तो 4 दिन पहले कहा था के महिला दिवस पर हम प्रीती के घर जाएंगे तो क्या बात हुई जो नही चल रही हो ?
माँ बोली कोई खास बात है,
आंटी ने पूछा के ऐसी क्या बात है जो मुझसे भी छुपा रही हो ?
माँ ने कहा, तुमसे तो मैं कुछ नही छुपा सकती, पर ये बात किसी को मत बताना, फिर माँ ने आंटी को बताया के आज का दिन मैं अपनी बेटी के साथ बिताना चाहती हूँ,
ये सुनकर माधवी आंटी हैरानी से बोली, पर तुम्हें तो केवल एक बेटा है संजू, तो ये तुम्हारी बेटी कौन है ?
माँ ने बता दिया के आज महिला दिवस पर संजू ने मेरी इच्छा पूरी करने के लिए संजू से संजना मेरी बेटी बन गया है,मैं ने अपने हाथों से उसे दुल्हन जैसे सजाया है,
आंटी हैरानी से बोली, कहाँ है वो, मैं भी तो देखूँ कैसा दिख रहा है वो तुम्हारी बेटी बन कर,
माँ ने मुझे आवाज़ दे कर बुलाया, बेटी संजना, आँटी के लिए एक ग्लास पानी लाना,,
मैं ने किचन मे जाकर एक ग्लास पानी लिया और उसे ट्रे मे रख कर धीरे धीरे जाकर आँटी को दिया,
आँटी मुझे देख कर हैरान हो गयी, फिर बोली के मुझे विश्वास नही हो रहा के ये संजू है, इतनी सुंदर लड़की तो मै ने आज तक नही देखी, फिर आँटी ने मेरी खूब तारीफ की और चली गयी,
उस के बाद मै ने माँ के साथ यूँही सारा दिन बिताया, माँ अपनी बेटी को पा कर खुश थी और मै अपनी इच्छा पूरी कर के,