Train journey love story

ट्रेन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है??" 
उसने अपने बैग से एक फोन निकाला, वह नया सिम कार्ड उसमें डालना चाहती थी। लेकिन सिम स्लॉट खोलने के लिए पिन की जरूरत पड़ती है, जो उसके पास नहीं थी। मैंने हाँ में गर्दन हिलाई और अपने क्रॉस बैग से पिन निकालकर लड़की को दे दी। लड़की ने थैंक्स कहते हुए पिन ले ली और सिम डालकर पिन मुझे वापिस कर दी।

थोड़ी देर बाद वो फिर से इधर उधर ताकने लगी, मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने पूछ लिया "कोई परेशानी??"

वो बोली सिम स्टार्ट नहीं हो रही है, मैंने मोबाइल मांगा, उसने दिया। मैंने उसे कहा कि सिम अभी एक्टिवेट नहीं हुई है, थोड़ी देर में हो जाएगी। एक्टिव होने के बाद आईडी वेरिफिकेशन होगा, उसके बाद आप इसे इस्तेमाल कर सकेंगी।

लड़की ने पूछा, आईडी वेरिफिकेशन क्यों??

मैंने कहा " आजकल सिम वेरिफिकेशन के बाद एक्टिव होती है, जिस नाम से ये सिम उठाई गई है, उसका ब्यौरा पूछा जाएगा बता देना"
लड़की बुदबुदाई "ओह्ह "
मैंने दिलासा देते हुए कहा "इसमें कोई परेशानी की कोई बात नहीं"

वो अपने एक हाथ से दूसरा हाथ दबाती रही, मानो किसी परेशानी में हो। मैंने फिर विन्रमता से कहा "आपको कहीं कॉल करना हो तो मेरा मोबाइल इस्तेमाल कर लीजिए"


लड़की ने कहा "जी फिलहाल नहीं, थैंक्स, लेकिन ये सिम किस नाम से खरीदी गई है मुझे नहीं पता"
मैंने कहा "एक बार एक्टिव होने दीजिए, जिसने आपको सिम दी है उसी के नाम की होगी"
उसने कहा "ओके, कोशिश करते हैं" 
मैंने पूछा "आपका स्टेशन कहाँ है??"

लड़की ने कहा "दिल्ली"
और आप?? लड़की ने मुझसे पूछा

मैंने कहा "दिल्ली ही जा रहा हूँ, एक दिन का काम है,
आप दिल्ली में रहती हैं या...?"

लड़की बोली "नहीं नहीं, दिल्ली में कोई काम नहीं , ना ही मेरा घर है वहाँ"
तो ???? मैंने उत्सुकता वश पूछा

वो बोली "दरअसल ये दूसरी ट्रेन है, जिसमें आज मैं हूँ, और दिल्ली से तीसरी गाड़ी पकड़नी है, फिर हमेशा के लिए आज़ाद" 
आज़ाद?? 
लेकिन किस तरह की कैद से?? 
मुझे फिर जिज्ञासा हुई किस कैद में थी ये कमसिन अल्हड़ सी लड़की..

लड़की बोली, उसी कैद में थी, जिसमें हर लड़की होती है। जहाँ घरवाले कहे शादी कर लो, जब जैसा कहे, वैसा करो। मैं घर से भाग चुकी हूं..

मुझे ताज्जुब हुआ, मगर अपने ताज्जुब को छुपाते हुए मैंने हंसते हुए पूछा "अकेली भाग रही हैं आप? आपके साथ कोई नजर नहीं आ रहा? "

वो बोली "अकेली नहीं, साथ में है कोई"
कौन? मेरे प्रश्न खत्म नहीं हो रहे थे

दिल्ली से एक और ट्रेन पकड़ूँगी, फिर अगले स्टेशन पर वो जनाब मिलेंगे, और उसके बाद हम किसी को नहीं मिलेंगे..
ओह्ह, तो ये प्यार का मामला है। 
उसने कहा "जी"

मैंने उसे बताया कि 'मैंने भी लव मैरिज की है।'
ये बात सुनकर वो खुश हुई, बोली "वाओ, कैसे कब?" लव मैरिज की बात सुनकर वो मुझसे बात करने में रुचि लेने लगी

मैंने कहा "कब कैसे कहाँ? वो मैं बाद में बताऊंगा, पहले आप बताओ आपके घर में कौन कौन है?

उसने होशियारी बरतते हुए कहा " वो मैं आपको क्यों बताऊं? मेरे घर में कोई भी हो सकता है, मेरे पापा माँ भाई बहन, या हो सकता है भाई ना हो सिर्फ बहनें हो, या ये भी हो सकता है कि बहने ना हो और 2-4 गुस्सा करने वाले बड़े भाई हो"

मतलब मैं आपका नाम भी नहीं पूछ सकता "मैंने काउंटर मारा"
वो बोली, 'कुछ भी नाम हो सकता है मेरा, टीना, मीना, रीना, कुछ भी'

बहुत बातूनी लड़की थी वो.. थोड़ी इधर उधर की बातें करने के बाद उसने मुझे टॉफी दी जैसे छोटे बच्चे देते हैं क्लास में, 
बोली आज मेरा बर्थडे है।

मैंने उसकी हथेली से टॉफी उठाते बधाई दी और पूछा "कितने साल की हुई हो?"
वो बोली "18"

"मतलब भागकर शादी करने की कानूनी उम्र हो गई आपकी" 
वो "हंसी"

कुछ ही देर में काफी फ्रैंक हो चुके थे हम दोनों, जैसे बहुत पहले से जानते हो एक दूसरे को..

मैंने उसे बताया कि "मेरी उम्र 35 साल है, यानि 17 साल बड़ा हूं"

उसने चुटकी लेते हुए कहा "लग तो नहीं रहे हो"
मैं मुस्कुरा दिया
मैंने उससे पूछा "तुम घर से भागकर आई हो, तुम्हारे चेहरे पर चिंता के निशान जरा भी नहीं है, इतनी बेफिक्री मैंने पहली बार देखी"

खुद की तारीफ सूनकर वो खुश हुई, बोली "मुझे उन जनाब ने, मेरे लवर ने पहले से ही समझा दिया था कि जब घर से निकलो तो बिल्कुल बिंदास रहना, घरवालों के बारे में बिल्कुल मत सोचना, बिल्कुल अपना मूड खराब मत करना, सिर्फ मेरे और हम दोनों के बारे में सोचना और मैं वही कर रही हूँ"

मैंने फिर चुटकी ली, कहा "उसने तुम्हें मुझ जैसे अनजान मुसाफिरों से दूर रहने की सलाह नहीं दी?"
उसने हंसकर जवाब दिया "नहीं, शायद वो भूल गया होगा ये बताना"

मैंने उसके प्रेमी की तारीफ करते हुए कहा " वैसे तुम्हारा बॉय फ्रेंड काफी टैलेंटेड है, उसने किस तरह से तुम्हे अकेले घर से रवाना किया, नई सिम और मोबाइल दिया, तीन ट्रेन बदलवाई.. ताकि कोई ट्रेक ना कर सके, वेरी टैलेंटेड पर्सन"

लड़की ने हामी भरी, " बोली बहुत टैलेंटेड है वो, उसके जैसा कोई नहीं"
मैंने उसे बताया कि "मेरी शादी को 10 साल हुए हैं, एक बेटी है 8 साल की और एक बेटा 1 साल का, ये देखो उनकी तस्वीर"

मेरे फोन पर बच्चों की तस्वीर देखकर उसके मुंह से निकल गया "सो क्यूट"
मैंने उसे बताया कि "ये जब पैदा हुई, तब मैं कुवैत में था, एक पेट्रो कम्पनी में बहुत अच्छी जॉब थी मेरी, बहुत अच्छी सेलेरी थी.. फिर कुछ महीनों बाद मैंने वो जॉब छोड़ दी, और अपने ही कस्बे में काम करने लगा।" 
लड़की ने पूछा जॉब क्यों छोड़ी??

मैंने कहा "बच्ची को पहली बार गोद में उठाया तो ऐसा लगा जैसे मेरी दुनिया मेरे हाथों में है, 30 दिन की छुट्टी पर घर आया था, वापस जाना था, लेकिन जा ना सका। इधर बच्ची का बचपन खर्च होता रहे उधर मैं पूरी दुनिया कमा लूं, तब भी घाटे का सौदा है। मेरी दो टके की नौकरी, बचपन उसका लाखों का.."

उसने पूछा "क्या बीवी बच्चों को साथ नहीं ले जा सकते थे वहाँ?"

मैंने कहा "काफी टेक्निकल मामलों से गुजरकर एक लंबे समय के बाद रख सकते हैं, उस वक्त ये मुमकिन नहीं था.. मुझे दोनों में से एक को चुनना था, आलीशान रहन सहन के साथ नौकरी या परिवार.. मैंने परिवार चुना अपनी बेटी को बड़ा होते देखने के लिए। मैं कुवैत वापस गया था, लेकिन अपना इस्तीफा देकर लौट आया।"

लड़की ने कहा "वेरी इम्प्रेसिव" 
मैं मुस्कुराकर खिड़की की तरफ देखने लगा

लड़की ने पूछा "अच्छा आपने तो लव मैरिज की थी न, फिर आप भागकर कहाँ गए??
कैसे रहे और कैसे गुजरा वो वक्त??

उसके हर सवाल और हर बात में मुझे महसूस हो रहा था कि ये लड़की लकड़पन के शिखर पर है, बिल्कुल नासमझ और मासूम छोटी बहन सी। 
मैंने उसे बताया कि हमने भागकर शादी नहीं की, और ये भी है कि उसके पापा ने मुझे पहली नजर में सख्ती से रिजेक्ट कर दिया था।"

उन्होंने आपको रिजेक्ट क्यों किया?? लड़की ने पूछा

मैंने कहा "रिजेक्ट करने का कुछ भी कारण हो सकता है, मेरी जाति, मेरा काम,,घर परिवार,
"बिल्कुल सही", लड़की ने सहमति दर्ज कराई और आगे पूछा "फिर आपने क्या किया?"

मैंने कहा "मैंने कुछ नहीं किया,उसके पिता ने रिजेक्ट कर दिया वहीं से मैंने अपने बारे में अलग से सोचना शुरू कर दिया था। खुशबू ने मुझे कहा कि भाग चलते हैं, मेरी वाइफ का नाम खुशबू है..मैंने दो टूक मना कर दिया। वो दो दिन तक लगातार जोर देती रही, कि भाग चलते हैं। 
मैं मना करता रहा.. मैंने उसे समझाया कि "भागने वाले जोड़े में लड़के की इज़्ज़त पर पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता, जबकि लड़की के पूरे कुल की इज्ज़त धुल जाती है। भगाने वाला लड़का उसके दोस्तों में हीरो माना जाता है, लेकिन इसके विपरीत जो लड़की प्रेमी संग भाग रही है, वो कुल्टा कहलाती है, मुहल्ले के लड़के उसे चालू कहते है । बुराइयों के तमाम शब्दकोष लड़की के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। भागने वाली लड़की आगे चलकर 60 साल की वृद्धा भी हो जाएगी तब भी जवानी में किये उस कांड का कलंक उसके माथे पर से नहीं मिटता। 
मैं मानता हूँ कि लड़का लड़की को तौलने का ये दोहरा मापदंड गलत है, लेकिन हमारे समाज में है तो यही , ये नजरिया गलत है, मगर सामाजिक नजरिया यही है,

वो अपने नीचे का होंठ दांतों तले पीसने लगी, उसने पानी की बोतल का ढक्कन खोलकर एक घूंट पिया।

मैंने कहा अगर मैं उस दिन उसे भगा ले जाता तो उसकी माँ तो शायद कई दिनों तक पानी भी ना पीती, इसलिए मेरी हिम्मत ना हुई कि ऐसा काम करूँ.. मैं जिससे प्रेम करूँ, उसके माँ बाप मेरे माँ बाप के समान ही है, चाहे शादी ना हो, तो ना हो।

कुछ पल के लिए वो सोच में पड़ गई , लेकिन मेरे बारे में और अधिक जानना चाहती थी, उसने पूछा "फिर आपकी शादी कैसे हुई???
मैंने बताया कि " खुशबू की सगाई कहीं और कर दी गई थी। धीरे धीरे सबकुछ नॉर्मल होने लगा था। खुशबू और उसके मंगेतर की बातें भी होने लगी थी फोन पर, लेकिन जैसे जैसे शादी नजदीक आने लगी, उन लोगों की डिमांड बढ़ने लगी"

डिमांड मतलब 'लड़की ने पूछा'

डिमांड का एक ही मतलब होता है, दहेज की डिमांड। परिवार में सबको सोने से बने तोहफे दो, दूल्हे को लग्जरी कार चाहिए, सास और ननद को नेकलेस दो वगैरह वगैरह, बोले हमारे यहाँ रीत है। लड़का भी इस रीत की अदायगी का पक्षधर था। वो सगाई मैंने तुड़वा डाली..इसलिए नहीं की सिर्फ मेरी शादी उससे हो जाये, बल्कि ऐसे लालची लोगों में खुशबू कभी खुश नहीं रह सकती थी । ना उसका परिवार, फिर किसी तरह घरवालों को समझा बुझा कर मैं फ्रंट पर आ गया और हमारी शादी हो गई। ये सब किस्मत की बात थी.. 
लड़की बोली "चलो अच्छा हुआ आप मिल गए, वरना वो गलत लोगों में फंस जाती"

मैंने कहा "जरूरी नहीं कि माता पिता का फैसला हमेशा सही हो, और ये भी जरूरी नहीं कि प्रेमी जोड़े की पसन्द सही हो.. दोनों में से कोई भी गलत या सही हो सकता है..काम की बात यहाँ ये है कि कौन ज्यादा वफादार है।"

लड़की ने फिर से पानी का घूंट लिया और मैंने भी.. लड़की ने तर्क दिया कि "हमारा फैसला गलत हो जाए तो कोई बात नहीं, उन्हें ग्लानि नहीं होनी चाहिए"

मैंने कहा "फैसला ऐसा हो जो दोनों का हो, बच्चों और माता पिता दोनों की सहमति, वो सबसे सही है। बुरा मत मानना मैं कहना चाहूंगा कि तुम्हारा फैसला तुम दोनों का है, जिसमे तुम्हारे पेरेंट्स शामिल नहीं है, ना ही तुम्हें इश्क का असली मतलब पता है अभी"

उसने पूछा "क्या है इश्क़ का सही अर्थ?"

मैंने कहा "तुम इश्क में हो, तुम अपना सबकुछ छोड़कर चली आई ये सच्चा इश्क़ है, तुमने दिमाग पर जोर नहीं दिया ये इश्क है, फायदा नुकसान नहीं सोचा ये इश्क है...तुम्हारा दिमाग़ दुनियादारी के फितूर से बिल्कुल खाली था, उस खाली जगह में इश्क का फितूर भर दिया गया। जिन जनाब ने इश्क को भरा क्या वो इश्क में नहीं है.. यानि तुम जिसके साथ जा रही हो वो इश्क में नहीं, बल्कि होशियारी हीरोगिरी में है। जो इश्क में होता है वो इतनी प्लानिंग नहीं कर पाता है, तीन ट्रेनें नहीं बदलवा पाता है, उसका दिमाग इतना काम ही नहीं कर पाता.. कोई कहे मैं आशिक हुँ, और वो शातिर भी हो ये नामुमकिन है।मजनूं इश्क में पागल हो गया था, लोग पत्थर मारते थे उसे, इश्क में उसकी पहचान तक मिट गई। उसे दुनिया मजनूं के नाम से जानती है, जबकि उसका असली नाम कैस था, जो नहीं इस्तेमाल किया जाता। वो शातिर होता तो कैस से मजनूं ना बन पाता। फरहाद ने शीरीं के लिए पहाड़ों को खोदकर नहर निकाल डाली थी और उसी नहर में उसका लहू बहा था, वो इश्क़ था। इश्क़ में कोई फकीर हो गया, कोई जोगी हो गया, किसी मांझी ने पहाड़ तोड़कर रास्ता निकाल लिया..किसी ने अतिरिक्त दिमाग़ नहीं लगाया..चालाकी नहीं की ।
लालच ,हवस और हासिल करने का नाम इश्क़ नहीं है.. इश्क समर्पण करने को कहते हैं, जिसमें इंसान सबसे पहले खुद का समर्पण करता है, जैसे तुमने किया, लेकिन तुम्हारा समर्पण हासिल करने के लिए था, यानि तुम्हारे इश्क में लालच की मिलावट हो गई

लकड़ी अचानक खो सी गई.. उसकी खिलख़िलाहट और खिलंदड़ापन एकदम से खमोशी में बदल गया.. मुझे लगा मैं कुछ ज्यादा बोल गया, फिर भी मैंने जारी रखा, मैंने कहा " प्यार तुम्हारे पापा तुमसे करते हैं, कुछ दिनों बाद उनका वजन आधा हो जाएगा, तुम्हारी माँ कई दिनों तक खाना नहीं खाएगी ना पानी पियेगी.. जबकि आपको अपने आशिक को आजमा कर देख लेना था, ना तो उसकी सेहत पर फर्क पड़ता, ना दिमाग़ पर, वो अक्लमंद है, अपने लिए अच्छा सोच लेता।
आजकल गली मोहल्ले के हर तीसरे लौंडे लपाटे को जो इश्क हो जाता है, वो इश्क नहीं है, वो सिनेमा जैसा कुछ है। एक तरह की स्टंटबाजी, डेरिंग, अलग कुछ करने का फितूर..और कुछ नहीं।

लड़की का चेहरे का रंग बदल गया, ऐसा लग रहा था वो अब यहाँ नहीं है, उसका दिमाग़ किसी अतीत में टहलने निकल गया है। मैं अपने फोन को स्क्रॉल करने लगा.. लेकिन मन की इंद्री उसकी तरफ थी।

थोड़ी ही देर में उसका और मेरा स्टेशन आ गया.. बात कहाँ से निकली थी और कहाँ पहुँच गई.. उसके मोबाइल पर मैसेज टोन बजी, देखा, सिम एक्टिवेट हो चुकी थी.. उसने चुपचाप बैग में से आगे का टिकट निकाला और फाड़ दिया.. मुझे कहा एक कॉल करना है, मैंने मोबाइल दिया.. उसने नम्बर डायल करके कहा "सोरी पापा, और सिसक सिसक कर रोने लगी, सामने से पिता भी फोन पर बेटी को संभालने की कोशिश करने लगे.. उसने कहा पिताजी आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं घर आ रही हूँ..दोनों तरफ से भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा"

हम ट्रेन से उतरे, उसने फिर से पिन मांगी, मैंने पिन दी.. उसने मोबाइल से सिम निकालकर तोड़ दी और पिन मुझे वापस कर दिया

कहानी को अंत तक पढ़ने का धन्यवाद।
देश की सभी बेटियों को समर्पित- 
ये मेरा दावा है माता पिता से ज्यादा तुम्हें दुनिया मे कोई प्यार नहीं करता। 
कहानी पढ़कर, शेयर अवश्य कीजिएगा, शायद कोई परिवार, कोई बेटी और उनका भविष्य इससे बच जाए 🙏❣️

साड़ी में आनंद: एक क्रॉसड्रेसर का दिन भाभी के साथ मनोरंजन


मेरा नाम समीर है, मेरी उम्र 24 साल है, में कॉलेज में BSC 3rd ईयर में पढ़ता हूँ,मेरे परिवार में माता पिता है और एक बड़ा भाई है जिसकी उम्र 31 साल है उसकी शादी हो चुकी है और उसे एक बेटा है, भाभी का नाम पूजा है वो 26 साल की है बहोत ही खूबसूरत और प्यारी सी, ये कहानी शरू होती है जब महिला दिवस यानी 8 मार्च का दिन महिला दिवस था, भैय्या मार्केटिंग की जॉब करते है जिसके लिए उन्हें हफ्ते में 2 से 3 दिन दूसरे शहर में जाना होता है,माताजी और पिताजी 2 दिनों के लिए शादी में गए हुए थे भैय्या भी घर पर नही थे केवल मैं ,पूजा भाभी  और उनका 3 साल का बेटा रोहन ही थे, सुबह जब मैं नाश्ता करने रूम में गया तो देखा भाभी ने नाश्ता बना कर टेबल पर रखा हुआ था,वो नहा कर तैयार हो चुकी थी, मैं ने भाभी को गुड़ मॉर्निंग बोला और अचंभे से पूछा, भाभी क्या बात है आज तो आप दुल्हन की तरह सझ धज के तैय्यार हुई हो कहीँ जा रही हो या आज आपका Wedding Anniversary है ? भाभी मुस्कुराई और बोली ना तो आज मेरी Wedding Anniversery है ना मैं कहीं जा रही हूँ लेकिन आज एक खास दिन है ? मैंने पूछा ऐसा क्या स्पेशल दिन है के आप दुल्हन की तरह तैय्यार हुई हो?  भाभी बोली के आज Womens Day (महिला दिवस) है, मैं ज़ोर से हँसा और बोला भाभी तो इसमें क्या दुल्हन बनने का कोई कॉम्पिटिशन है क्या ? मेरे हंसने पर भाभी की मुस्कुराहट गायब हो गयी, बोली इसमें हंसने की क्या बात थी ? महिला दिवस पर महिलाएँ सजती संवरती है , कई प्रोग्राम और कॉम्पिटिशन होते है ड्रामे प्ले होते है लेकिन आज भी तुम्हारे भैय्या घर पर नही, और तुम मेरा मज़ाक़ बना रहे हो ? मैं शर्मिंदा हो गया और बोला सॉरी भाभी, मैं आपका दिल नही दुखाना चाहता था मुझे इसकी जानकारी नही थी इसलिए गलती हो गयी, भाभी का गुस्सा कम हुआ वो बोली अगर किसी बात की जानकारी नही तो ऐसे मज़ाक़ नही बनाना चाहिए,पहले जानकारी लेनी चाहिए,मैं ने बात खत्म करने कहा ठीक है भाभी, भाभी ने पूछा क्या ठीक है,मैं बोला जो आपने कहा, और हाँ महिला दिवस की शुभकामनाएं, भाभी ने कहा सिर्फ शुभकामनाएं देने से कुछ नही होगा तुम्हे  मेरी बात माननी पड़ेगी, मैं ने पूछा कौनसी बात मैं तैयार हूँ, भाभी बोली आज महिला दिवस है और में उसे एन्जॉय करना चाहती हूँ, मैं बोला ठीक है भाभी , अचानक भाभी की आँखों मे चमक आई और वो बोली तुम्हे एक महिला बनना पड़ेगा मैं तुम्हे एक औरत की तरह तैय्यार करूँगी और एक महिला की तरह तुम्हें दिन भर रहना होगा, मैं चौंक गया और बोला , भाभी ये कैसे हो सकता है ? मैं एक पुरुष हूँ मैं महिला नही बनना चाहता प्लीज किसी दूसरी तरह एन्जॉय करते है हम बाहर कहीं जाते है या कोई मूवी देखने जाते है, पर भाभी अब ठान चुकी थी के मुझे औरत बनाना है वो बोली तुमने मेरा दिल दुखाया और सारी महिलाओं का अपमान किया है इसके बदले तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी,मैं मना करने लगा पर भाभी नही मानी, कभी प्यार से तो कभी गुस्सा से, आखिर में मैं तैय्यार हो गया और बोला सिर्फ एक 2 घंटे के लिए ही करना और घर पर कोई भी आ सकता है भाभी बोली तुम चिंता मत करो मैं किसी को नही बताऊँगी और कोई आ भी गया तो तुम्हे छुपा दूंगी,मैं शर्माते हुए बोला पर भाभी मेरे पास तो महिलाओं के कपड़े नही है, भाभी मुस्कुरा के बोली तुम चिंता ना करो मैं आज तुम्हे भी अपनी तरह सजाऊँगी अपना दुल्हन का ड्रेस पहना कर मेकअप करूँगी, मैं घबरा कर बोला भाभी प्लीज ऐसा मत करो मैं आपका दुल्हन वाला ड्रेस नही पहनना चाहता, आप कोई शलवार सूट पहना कर बात खत्म करो, भाभी बोली आज महिला दिवस है तुम्हे मैं आज पूरी महिला बनाऊंगी, एक दुल्हन बना कर महिलाओं की फीलिंग का तुम्हे एहसास करूँगी, ये कह कर भाभी बोली तुम नहाने चले जाओ मैं अंडर गारमेंट्स लाती हूँ, मैं बाथरूम नहाने चला गया,भाभी वहां आकर बोली अच्छे से शेविंग करो और एक रेड नई पैंटी मुझे देकर बोली नहाने के बाद इसे पहन कर टॉवल लपेट कर मेरे रूम में आजाओ मैं तब तक कपड़े ज्वेलरी और मेकअप का सामान तैय्यार करती हूँ, मैंने अच्छे से शेविंग कर के नहाया फिर जब पैंटी हाथ मे ली तो एक अजीब एहसास हुआ, इतनी छोटी और लाल रंग की पैंटी पहनते हुए मुझे शर्म आने लगी,पैंटी पहन कर टॉवल से अपने बदन को छुपाए मैं भाभी के रूम में गया,जहाँ भाभी सारा सामान तैय्यार कर के बेचैनी से मेरा रास्ता देख रही थी मुझे यूं शर्माते देख वो हँस पड़ी, मैं बोला प्लीज भाभी मुझे जाने दो, वो बोला अभी तो शरू भी नही हुआ, 2 घंटे बाद जाने दूँगी चलो जल्दी आओ कह कर मुझे खींचा और मेरा टॉवल निकाल दिया, मैं शर्मा कर नीचे देखने लगा, भाभी हँसते हुए गयी और कपड़ो से एक रेड ब्रा मुझे देकर बोली इसे पहनो, मैं शर्माकर धीमी आवाज़ में बोला भाभी मुझे ब्रा पहनना नही आता आप हेल्प करो, भाभी बोली इस बार तो मैं हेल्प करूँगी लेकिन अगली बार खुद से पहनना, फिर उन्होंने मुझे ब्रा पहनाई, ब्रा के स्ट्रैप को सेट किया फिर ब्रा के कप में कॉटन डालकर फेक बूब्स बनाए और हँसने लगी, फिर एक रेड पेटीकोट पहनाया और कस के उसे बंधा, फिर भाभी ने दुल्हन वाला रेड ब्लाउज पहनना स्टार्ट किया, ब्लाउज थोड़ा टाइट था पर साइज परफेक्ट फिट आया,क्लीवेज उभर कर दिखने लगे, फिर ब्राइडल लहँगा पहनाया जो बहोत भारी था, उस पर काम भी बहोत सारा किया हुआ था, अब मैं खुद को महिला के टाइट और वेटेड कपड़ो में फील कर सकता था, अब भाभी ने एक लांग हेयर विग लाई और मेरे सर पर इसे फिक्स किया,इसके बाद मेकअप की बारी आई, मेरे चेहरे पर पता नही कौन कौनसे क्रीम लगाने लगी, ऑय ब्रो को सेट किया, काजल लगाया और एक डार्क लाल रंग की लिपिस्टिक होंठों पर लगाई, मैं चुप चाप बैठा रहा, भाभी बहोत खुश लग रही थी अब बारी आई ज्वेलरी की, पहले भाभी ने चूड़ियां और कंगन से कलाइयां भर दी, फिर पाऊँ में भारी पायल पहनाई, उसके बाद कानो में लम्बे (Clipon) झुमके पहनाए क्यों के मेरे कानों में छेद नही थे, फिर भाभी ने हैवी नेकलेस गले मे पहना दिया और कुछ ज्वेलरी बालों से लेकर कान के झुमकों तक पहनाई, फिर दुपट्टा लेफ्ट शोल्डर पे सेट किया, मैं एक दुल्हन बन चुका था,मुझे यकीन नही हो रहा था के ये दुल्हन मैं हूँ, आखिर में भाभी ने मेरी नाक में एक बड़ी से नथनी पहना दी,जिसके चैन मेरे होंठो को टच होकर कान के झुमकों को टच थी,मेरे होंठो पर टच होती नथनी से जैसे एक करंट लग रहा था, मैं हैरानी से बोला भाभी ये तो आपने कमाल कर दिया, कोई मुझे देख कर कह नही सकता के मैं एक महिला नही पुरुष हूँ, भाभी मुझे निहार रही थी और कुछ सोच रही थी, मैं खुद को बार बार आईने में देख रहा था, मेरे हाथों की चूड़ियां खनखन कर रही थी, मेरे पाऊँ की पायल छनछन कर रही थी, मेरे लंबे बाल पीठ पर लहरा रहे थे, कानों के झुमके गले के नेकलेस अपना एहसास दिला रहे थे, सब कुछ बदला बदला सा लग रहा था, तभी भाभी के बेटे रोहन के रोने की आवाज़ आयी तो भाभी ने उसे झूले से बाहर निकाला और उसे चुप कराने लगी, अब तक वो सो रहा था, नाश्ते के बाद नहाने और तैय्यार होने में करीब 2 घंटे हो गए थे अब भूख लगने लगी थी भाभी रोहन को गोद मे लिए बोली चलो नानंदजी किचन में चलते है,मैं तो शर्म से लाल हो गया एक हाथ से लहँगे को उठाये मैं भाभी के पीछे किचन में जाने लगा, मुझे चलने में दिक़्क़त हो रही थी, पायल के घुंगरू की आवाज़ चूड़ियों की आवाज़ से मुझे अब आनंद आने लगा था, किचन में पहोंच कर भाभी बोली आज दोपहर का खाना हमारी ननंद पकाएगी, रोज़ हमारे हाथ का पकाया खाना खाती हो आज अपने हाथों से पका कर हमें खिलाओ नानंदजी ये कह कर भाभी खिल खिला कर हंसने लगी, मैं धीमी आवाज़ में बोला मुझे खाना पकाना नही आता भाभी, अचानक भाभी गुस्से से बोली, बहु रानी को खाना पकाना नही आता  ?क्या माता पिता ने कुछ सिखाया नही ऐसे ही ससुराल भेज दिया, मैं परेशान होकर बोला भाभी ये क्या कह रही हो ? भाभी बोली महिलाओं को ऐसे ही ताने दिए जाते है, मैं जब घर मे आयी थी सब काम करने के बावजूद तुम्हारी माताजी और मेरी सासूमाँ ऐसे ही बातें सुनाती थी, क्या अब एहसास हो रहा है के एक महिला को क्या क्या सहन करना पड़ता है ? मैं सर झुकाए चुप खड़ा रहा , भाभी बोली मैं जैसे जैसे बताऊँ वैसे कर के खाना बनाओ, मैं चुप चाप वही करने लगा जैसे भाभी कह रही थी, मुझे काम करने में बहोत दिक़्क़त आ रही थी, कभी मेरे लंबे बाल चेहरे पर आते, हाथों की चूड़ियों पाऊँ की पायल की आवाज़ से लग रहा था के कोई महिला काम कर रही है, खाना तैय्यार होने के बाद मैंने टेबल पर खाना लगाया, भाभी खाने खाते हुए बोली ये कैसा घटिया खाना है ? अब तक खाना बनाना नही सीखा ? अब मुझे एहसास हो रहा था के महिलाओं को क्या कुछ सहना पड़ता है मैं चुप था, खाना खाने के बाद भाभी ने मुझसे बर्तन धुलवाए अब 4 बजने को थे, मैं चाहता था के मैं ऐसे ही रहूँ पर डर रहा था के भाभी क्या सोचेगी, मैं भाभी से बोला के मुझे इजाज़त दें, अब मैं अपने पुरुष के रूप में आना चाहता हूँ, भाभी बोली अभी नही आज तो तुम्हें ऐसे ही रहना है मैं एन्जॉय करना चाहती हूँ, चाय बना कर लेकर आओ फिर रात का खाना भी बनाना है, मैंने चाय बना कर लायी, फिर कुछ देर हम गपशप करने लगे, भाभी बोली के तुम बहोत खूबसूरत लग रही हो तुम्हारा नामकरण करना होगा, फिर कुछ सोच कर बोली मेरे बेटे का नाम रोहन है तुम्हारा नाम आज से रोहिणी होगा, मैं शर्मा गया भाभी हँस कर बोली शर्माओ मत कोई दूसरा नाम पसंद हो तो वो रख दूँ ? मैं चुप रहा, भाभी बोली खाना बना लो खाना खाने के बाद मैं तुम्हे एक कम्पलीट महिला बना दूँगी, मैं ने पूछा भाभी आपने तो मुझे एक दुल्हन बना दिया है अब क्या कमी है मुझमे ?
भाभी मुस्कुरा कर बोली थोड़ी देर में पता चल जायेगा,
रात का खाना खाने के बाद भाभी ने रोहन को सुलाया और मुझसे बोली, मैं आवाज़ दूँगी तब आ जाना, ये कह कर मुझे बाहर जाने को कहा मेरे बाहर आने के बाद दरवाज़े को अंदर से बंद किया, मैं सोचने लगा के पता नही भाभी अब क्या करना चाहती है, कुछ देर बाद भाभी की आवाज़ आई रोहिणी, आ जाओ, अंदर जा कर देखा तो मैं हैरान रह गया, भाभी ने अपने कपड़े चेंज कर लिए थे इस समय वो भैय्या के कोट पैंट में थी, अपने लंबे बालों को छुपा कर बॉयज कट हेयर स्टाइल बनाई हुई थी, वो एक पुरुष लग रही थी और अपने पलंग को उन्हों ने फूलों से सजाया था, खुशबू आ रही थी, भाभी के हाथ मे एक प्लेट थी जिसमे एक डिब्बी और मंगलसूत्र रखा हुआ था, मैं हैरानी से बोला, भाभी ये सब क्या है ?
भाभी मुस्कुरा कर बोली यही सरप्राइज है, मैं एक मर्द की तरह हूँ और तुम्हें अपनी पत्नी बना कर तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा, अभी तुम एक लड़की हो, और लड़की से औरत बनाने के लिए पहले मैं तुम्हारी माँग में सिंदूर भरूँगा और तुम्हारे गले मे मंगलसूत्र पहनाऊंगा, उसके बाद सुहागरात होगी तभी तुम एक औरत बनोगे, यही मुझे तुमसे महिला दिवस पर गिफ्ट चाहिए के तुम मेरी पत्नी बनो, मैं हैरान व परेशान था, अंदर से मेरा मन हां और ना कर रहा था, आखिर भाभी आगे आई डिब्बी खोली और मेरी मांग में सिंदूर भर दिया, फिर मेरे गले मे अपने नाम का मंगलसूत्र पहना दिया, मंगलसूत्र पहनते ही मुझे जैसे करंट लगा, ऐसा लगा जैसे अब से मैं किसी और दुनिया का वासी हूँ, भाभी बोली अपने पति का आशीर्वाद लो, मैंने आशीर्वाद लिया, भाभी बोली जाओ किचन से हमारे लिए दूध का ग्लास लाओ, मैं झट से किचन की ओर चला गया, मैं अब खुद को एक औरत और भाभी की पत्नी मान चुका था, मैं ने कमरे में जाकर शर्माते हुए दूध का गिलास देकर बोला, पीजिए ना, भाभी बहोत खुश हुई और आधा गलास दूध पीकर मुझे पीने को कहा, मैं ने दूध पी लिया, अब वो बोले रोहिणी मेरी रानी ज़रा करीब तो आओ, मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था, सांसें तेज़ी से चलने लगी,मैं ने घूंघट बना कर अपना चेहरा छुपा लिया, वो करीब आकर बोले कब तक मुझसे छुपोगी आज तो सुहागरात है करीब आओ कह कर प्यार से घूंघट हटाया, फिर मेरे रसीले होंठों को चूसना शरू किया, मैं दिल से खुश था ऊपर से बचाव का नाटक करने लगा, वो होंठो को चूसने लगे  फिर मेरा दुपट्टा निकाल दिया, फिर हौले हौले मेरा ब्लाउज के ऊपर से बूब्स को प्रेस करने लगे,मेरे neck पर किस करने लगे कभी मेरे बैक पर किस करने लगे, मेरी आहें निकलने लगी आह, आह, अब उन्हों ने मेरा ब्लाउज उतारा और मेरा लहँगा और पेटीकोट उतार दिया, अब मैं केवल लाल ब्रा और पैंटी में था, उन्हों ने मेरे सारे जेवेलेरी को भी उतार दिया केवल चूड़ियां और मंगलसूत्र रहने दिया, अब वो मेरे सारे शरीर को किस करने लगे, नाभि को और बूब्स को प्रेस करने लगे, मैं ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहा था आह, आह, अहा, ऐसे ही वो 2 घंटों तक मेरे साथ करते रहे अब हम दोनों थक चुके थे वो उठे और अलमारी से पिंक नाइटी देकर बोले इसे पहन कर सो जाओ अपने रूम में, मुझे नींद आ रही है, मैंने वो सेक्सी पिंक नाइटी पहनी और अपने रूम में जा कर सो गया,


सुबह नींद देर से खुली, कुछ अजीब लग रहा था, फिर अपने फेक बूब्स और ब्रा की टाइटनेस से कल का दिन याद आया तो मैं एक झटके से उठ बैठा, मैं अभी भी पिंक नाइटी में लाल चूड़ियां और गले मे मंगलसूत्र पहने हुए था

भाभी द्वारा साड़ी पहनाई और मेकअप करवाकर घर के काम करवाये


मेरा नाम अनिल है, मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ, मेरे परिवार में माता पिता है मैं और एक बड़ा भाई है, मैं कॉलेज में पढ़ाई करता हूँ, पता नही कब और कैसे मेरी इच्छा होने लगी के मैं महिलाओं के कपड़े पहन कर मेकअप करू, और मेरी ये इच्छा बढ़ती ही जा रही थी, पर मुझे घर में कभी चांस नही मिलता था, मैं कभी कभी माँ की ब्रा पैंटी छुप कर बाथरूम ले जाकर पहन लेता, साड़ी पहनना मुझे नही आता था इसलिए मैं ने यूट्यूब पर देख कर साड़ी पहनना सीखना शुरू किया, परंतु साड़ी पहनने के लिए उतना समय मुझे ना मिलता,मैं ने अपने बाल बढ़ाने शुरू किए और कानों में छेद करवा कर बॉयज वाली बाली कभी कभी पहनने लगा, इस लुक से मेरे परिवार वाले खुश नही थे, पर किसी तरह मैं ने लंबे बाल करने के निर्णय पर अड़ा रहा, मैं हमेशा क्लीन शेव रहने लगा, लम्बे बाल और क्लीन शेव से चेहरा अजीब लगता इसलिए मैं ने हैट पहनना शुरू किया जिसमें मैं अपने बाल छुपा लेता,
कुछ महीनों बाद भैय्या की शादी हो गयी, और श्वेता भाभी हमारे घर आ गयी,वो बहोत सुंदर थी, और उनका सारे घर वालो के साथ व्यवहार अच्छा था, सब उनसे खुश थे, भाभी के पास बहोत सुंदर सुंदर कपड़े थे, और वो मेकअप करना भी जानती थी और जब वो मेकअप कर के तैय्यार होती तो बहोत ही सुंदर लगती, उन्हें देख कर मेरी इच्छा होती के मैं भी भाभी जैसे सज संवर कर तैय्यार हो जाऊं,मैं उन से ज़्यादा बात नही करता था, और उनसे दूर दूर ही रहने की कोशिश करता क्यों के जब वो करीब रहती तो मेरी नज़र उनकी खूबसूरत साड़ी ब्लाउज,चूड़ियों पर जैसे चिपक जाती, मैं नही चाहता था के कोई इस बात से गलत ना सोचे,
भैय्या की शादी को अब 4 महीने हो गए थे, मेरे कॉलेज की छुट्टियाँ थी तभी गाँव से शादी का न्योता आया, मेरे मामा के लड़की की शादी थी तो सभी को शादी के लिए गाँव बुलाया था, सब जाने की तैय्यारी करने लगे, जाने से एक दिन पहले अचानक मैं बीमार हो गया, सब परेशान हो गए के अब क्या करें, डॉक्टर ने आराम करने को कहा है, अब 4 दिन तक अनिल के खाने का कैसे इनतज़ाम होगा माँ बोली, अगर आप कहें तो मैं घर पर अनिल के साथ रुक जाऊँ ? भाभी ने पूछा, पर भैय्या ने तुम्हें भी लाने को कहा है, अगर तुम नही गयी तो शायद वो नाराज़ हो जाएंगे माँ बोली, मैं चाहता था के भाभी भी चली जाए तो मुझे क्रॉस ड्रेसिंग करने का समय मिलेगा इसलिए मैं ने कहा के भाभी आप चिंता ना करें, मैं किसी तरह रह लूँगा 4 दिन की ही तो बात है आप जाइये शादी अटेंड कीजिये वरना मामाजी को अच्छा नही लगेगा, पर किसी को तो तुम्हारे लिए घर पर रुकना पड़ेगा, मुझे या तुम्हारी भाभी को, मेरा जाना भी ज़रूरी है, ठीक है बहु अगर तुम यहाँ रुकना चाहो तो रुक जाओ चलना चाहो तो चलो तुम्हारी मर्ज़ी, माँ बोली, भाभी ने भैय्या की ओर देखा तो भैय्या बोले, तुम क्या चाहती हो बताओ, भाभी बोली, मैं भी थोड़ी बीमार हूँ इसलिए रुकना चाहती हूँ, अगर आप चाहो तो,भैय्या बोले ठीक है रुक जाओ और मुझसे कहा भाभी का ध्यान रखना, घर में ही रहना बाहर कहीं मत जाना और आराम करना, मैं ने कहा ठीक है,
दूसरे दिन सब गाँव चले गए घर पर अब मैं और भाभी ही थे, मैं भाभी पर गुस्सा था के काश ये भी चली जाती तो मुझे माँ की साड़ी ब्लाउज पहनने और सजने धजने का मौका मिलता , खुद का रूम तो ये लॉक कर के जाती है,यही सोच के मैं थोड़ा अपसेट था, भाभी ने खाना दिया फिर पूछा, अब कैसे लग रहा है ? अब ठीक हूँ मैं बोला, पर इतने अपसेट क्यों हो ? भाभी ने पूछा, कुछ नही, सच बताओ क्या बात है ? क्या मैं तुम्हें अच्छी नही लगती ? ऐसी बात नही है भाभी आप बहोत अच्छी हो और साड़ी में तो बहोत ही सुंदर लगती हो, तो फिर मुझसे दूर क्यों भागते हो मैं ने नोटिस किया है और आज भी मेरा यहाँ घर पर रुकना तुम्हें पसंद नही आया ऐसा मुझे लग रहा है, भाभी जैसे मेरे चेहरे से मेरे मन की बात पढ़ रही थी, ऐसी कोई बात नही है भाभी मैं ऐसे ही रहता हूँ कॉलेज में भी, मेरे ज़्यादा फ्रेंड्स भी नही है, ओ हो, फिर तो मैं ने बेकार ही यहाँ रुकना पसंद किया, मुझे इतने सारे लोगों में रहने का मन नही था , और ट्रेवल करना नही था, इसलिए मैं यहाँ रुकी, मुझे क्या पता था के घर में 4 दिनों तक बोर होना पड़ेगा, वहाँ बहोत सारे लोग बातें कर के परेशान कर देते और यहाँ पर तुम चुप रह कर मुझे बोर करोगे, काश मुझे देवर की जगह नंद होती तो मैं उसके साथ खूब एन्जॉय करती,  खूब मस्ती करती, ये सुन कर मैं चौंक गया, क्या भाभी जानती है के मुझे क्रोसड्रेसिंग करना पसंद है, क्या उन्हों ने मुझे देखा है ? उन्हें कैसे पता चला यही मैं सोचने लगा, क्या सोच रहे हो, अगर तुम लड़की होते तो कैसे लगते यही सोच रहे हो ना भाभी हँस कर बोली, भाभी आप भी ना, मज़ाक़ अच्छे से कर लेती हो, मैं सोचने लगा कैसे भाभी को बताऊँ के वो 4 दिनों के लिए मुझे अपनी नंद बना दें पर मेरी हिम्मत नही हो रही थी,
मज़ाक़ नही, तुम केवल लेडीज के कपड़े और ज्वेलरी पहन लो और अपने बालों को अच्छी हेयर स्टाइल दे दो तो दिख जाएगा के तुम लड़की होते तो कैसे लगते, भाभी फिर मज़ाक़ से बोली, अगर तुम चाहो तो मैं हेल्प कर सकती हूँ,
सच में भाभी ? अचानक मेरी ज़ुबान से निकला, मेरा मतलब है किसी हेल्प भाभी मैं ने पूछा ?  यही, लड़की जैसे तैय्यार करने में हेल्प कर सकती हूँ, क्या तुम रेडी हो ? भाभी ने पूछा , मैं सोच में पड़ गया कि कहीं मैं हाँ बोल दूँ तो भाभी मेरा मज़ाक़ ना बनाएं, पर भाभी आप क्यों चाहती हो मुझे लड़की के कपड़े पहनाना ? अरे बाबा तुम मुझसे खुल के बात कर सको, और मैं देखना चाहती हूँ के मैं मेकअप करने में कितनी एक्सपर्ट हूँ, क्या मैं मेकअप से लड़के को लड़की का रूप दे सकती हूँ या नही, मैं ने बीयूटी पार्लर की क्लास में सीखा था वो तुम पर प्रयोग करूँगा, इससे हमारा समय अच्छे से बीत जाएगा, भाभी आपका आईडिया तो अच्छा है पर आप कभी मेरा मज़ाक़ तो नही उड़ाओगी अगर मैं तैय्यार हो गया तो ? बिल्कुल नही, मुझे तो नंद के रूप में एक सहेली मिल जाएंगी, वैसे क्या तुम तैय्यार हो ?
क्या आपको अच्छा लगेगा अगर मैं तैय्यार हुआ तो ? हाँ, मुझे खुशी होगी भाभी बोली, तो ठीक है भाभी मैं आपकी खुशी के लिए लड़की बनने तैय्यार हूँ पर पहले वचन दीजिये के किसी को ये बात नही बताओगी, अच्छा बाबा मैं वचन देती हूँ, भाभी बोली, ठीक है तो मैं रेडी हूँ, पर मेरे पास कपड़े नही है और माँ के कपड़े शायद मुझे ना आये, अब हम क्या करें ?
तुम चिंता ना करो, मैं सब कर लूँगी, तुम बाथरूम जाकर अच्छे से नहाओ , मैं तुम्हें अंडर गारमेंट दूँगी, वो पहन कर मेरे रूम में आना मैं सब तैय्यार रखूँगी, ठीक है भाभी मैं ने कहा और नहाने बाथरूम चला गया, कुछ देर बाद भाभी आयी और मुझे एक नई लाल रंग की पैंटी दी और बोली, इसे पहन कर आना,
नहाने के बाद मैं ने सॉफ्ट पैंटी पहनी, बदन में थरथरी होने लगी, इतनी सॉफ्ट पैंटी मैं ने पहले कभी नही पहनी थी, टॉवल लपेट कर मैं भाभी के रूम में गया तो मैं हैरान रह गया, भाभी ने अपना ब्राइडल लहँगा चोली निकाल कर रखा था,  मुझे देख कर भाभी मुस्कुराकर बोली आजाओ सब तैय्यार है, मैं शर्माते हुए गया तो भाभी ने एक रेड ब्रा थमा दी, इसे पहन लो, मैं ने कहा के मुझे पहनना नही आता आप पहना दो, भाभी ने मुझे हाथ ऊपर उठाने कहा, मैं ने हाथ उठाये तो भाभी ने ब्रा की स्ट्रैप मेरे हाथों में डालकर पीछे से ब्रा के हुक लगा दिए और ब्रा के स्ट्रैप को सेट करने लगी, भाभी ये टाइट है मैं ने कहा, ब्रा टाइट होगी तभी तो ब्लाउज फिट आएगा, भाभी बोली, फिर ब्रा के कप में कुछ कॉटन डालकर शेप बना दिया और हँसने लगी, उसके बाद लहँगा पहनाया और उसे कस कर कमर पर बांध दिया, ये तो बहोत हैवी है मैं ने कहा, हाँ ये मेरी शादी का लहँगा है मैं चाहती हूँ के तुम मेरे सबसे पसंदीदा सूट को पहन कर सुंदर लगो, और हाँ अब चुप रहो मुझे मेरा काम करने दो, फिर भाभी ने उसका ब्लाउज पहनाया और पीछे से उसका हुक लगा दिया, ये भी रेड कलर का था जिस पर काम किया हुआ था, ब्लाउज बहोत टाइट था, मेरी नाभी दिख रही थी, क्लीवेज भी गहरा बन गया था और पीठ पर एक डोरी थी जिसे भाभी ने केस कर बांध दिया, फिर मेरे हाथों और पैरों पर नेल पेंट लगाया और हाथ पर रेडी मेड महेंदी लगाई और सूखने के लिए छोड़ दिया, फिर मेरे बालों को सुलझाने लगी, मेरे बाल अब काफी लंबे हो चुके थे जो कंधे से नीचे आने लगे थे, उन्हें जुड़ा बना कर सामने से एक अच्छी लेडीज हेयर स्टाइल बना दी, उसके बाद मेरे चेहरे का मेकअप शुरू किया, पहले मेरी ऑय ब्रो को सेट किया, फिर चेहरे पर कुछ क्रीम लगाए, फिर मेकअप किट से पता नही कौन कौनसे लोशन निकाल कर मेरा मेकअप करने लगी, आखिर में मेरे चेहरे पर लाल लिपिस्टिक लगाई,
फिर ड्रावर से लाल रंग की कांच की चूड़ियाँ निकाली और दोनों हाथों की कलाइयों को चूडियों से भर दिया, हैवी नेकलेस और हार गले मे पहनाए, कानो में झुमके पहनाए जो काफी हैवी थे, फिर एक बिंदिया माथे पर लगाई, पाऊँ में पायल पहनाई,हाथों में कुछ रिंग पहनाए और सर पर दुपट्टा उड़ा दिया, फिर मुझे देख कर खुशी से बोली, अब नंद जी तैय्यार है,वाह नंद जी आप कितनी सुंदर हो बस एक कमी रह गयी कह कर एक नाथ पहनाई जिसकी चैन मेरे होंठों को छूते हुए मेरे झुमकों के पीछे बालो में लगी थी, नथनी पहन कर मैं ने अपने शरीर में मानो करंट जैसा झटका महसूस किया, अब मैं तैय्यार था, भाभी खुशी से मुझे निहार रही थी, 
मेरा ब्यूटिशियन का कोर्स बेकार नही गया, तुम इतने सुंदर लग रहे हो के कोई नही कह सकता के तुम लड़के हो, तुम्हें देख कर कोई भी आदमी लटटू हो सकता है,भाभी शरारत से बोली,
मैं हैरानी से अपने आपको आईने में देख रहा था, मुझे विश्वास नही हो रहा था के ये दुल्हन बनी लड़की कोई और नही मैं हूँ, 
अरे कुछ तो कहो ननद जी, क्या अपने राजकुमार के सपनो में खो गयी, भाभी मुझे छेड़ने लगी,
क्या कहूँ भाभी आप तो कोई जादूगरनी है जो मुझे एक लड़की बना दिया, मुझे तो विश्वास नही हो रहा के ये सुंदर सी लड़की मैं हूँ, ये तो आपने कमाल कर दिया,
क्या तुम्हें अच्छा लग रहा है ?
ब्लाउज थोड़ा टाइट है,
थोड़ी देर में आदत हो जाएगी, ये बताओ इससे पहले कभी ऐसा तैय्यार हुए थे ?
नही भाभी, पर आपने तो मेरे विचार बदल दिए, आपने मेरे बारे में जो कहा था उसमें से बहोत कुछ सच था,
कौनसी बातें,
यही के मैं नही चाहता था के आप यहाँ घर पर मेरे साथ रुकें, मैं चाहता था के आप सभी के साथ गाँव शादी में चली जाएं, 
और अब क्या विचार है भाभी ने पूछा,
अब ये विचार है के अगर भाभी यहाँ ना रुकती तो 4 दिन कैसे गुज़रते, थैंक यू भाभी,
देखा मेरा कमाल, देवर की ज़ुबान तो कभी खुलती ना थी लेकिन ननद तो बोलती ही जा रही है, वैसे ननदजी का नाम कुछ तो रखना होगा ना , किस नाम से बुलाऊँ तुम्हें ?
आपने ननदजी को बनाया है तो आप ही उसका नाम भी रखें, 
ओ हो, तो मेरी ननद का नाम होगा मोहिनी, क्यों के वो बहोत मनमोहिनी और सुंदर है,
ठीक है भाभी,
चलो अब समय हो गया है डिनर बनाने का , किचन के काम सीखना हो तो सीख लो, ससुराल में काम आएगा, भाभी मुझे छेड़ने के लिए बेचैन थी, मैं भी अब खुश था इसलिए बोला, ठीक है भाभी जैसे आप कहो, आप चाहो तो 4 दिनों तक अपनी ननद मोहिनी के साथ किचन के और घर के दूसरे काम करने में हेल्प ले सकती है,
अरे वाह, मैं तो यही चाहती हूँ, चलो अब बातें कम करो और काम मे हेल्प करो कह कर भाभी किचन में चली गयी,
मैं भी हौले हौले किचन की ओर चल पड़ा, हैवी लहँगा हाथों में उठाये जब मैं कदम बढ़ाता मेरे पाऊँ की पायल के घुंगरू से छनछन की आवाज़ आने लगी, मेरे टाइट ब्लाउज और ब्रा की स्ट्रैप और हुक मेरे लड़की होने का एहसास दिला रहे थे,
किचन जाकर मैं ने कहा मैं आ गया भाभी, बताओ क्या करना है ?
भाभी बोली, तुम्हारे पाऊँ की पायल और हाथों की चूडियों से मुझे पता चल गया है के तुम आ गई हो, जब तक मोहिनी हो तब तक लड़की जैसी बात करो समझी ?  चलो अब ये डिश बनानी है सब्ज़ी को धोकर काटो और मुझे दो, 
मैं ने वैसे ही किया, कुछ देर में हमने डिनर तैय्यार किया, डिनर के बाद मैं ने अपनी दवाइयाँ ली, कुछ देर हमने टीवी देखी, अब सोने का समय था, भाभी बोली चलो अब ड्रेस चेंज कर लो, मैं लड़को के कपड़े नही पहनना चाहता था इसलिए मैं ने कहा भाभी अभी रहने दो कल दूसरा ड्रेस दे देना अभी मन नही कर रहा चेंज करने का, भाभी बोली, अरे वाह ननद जी, मेरा लहँगा खराब करोगी क्या ? इसे पहन कर सो जाओगी तो ये खराब हो जाएगा, मुझे ये करवाचौथ के समय पहनना है, ठीक है भाभी मैं ने थोड़ा उदास हो कर कहा, अरे मोहिनी चिंता मत करो, कल मैं तुम्हें एक अच्छी सी साड़ी पहनाऊँगी, अभी क्या पहनोगी नाइटी या अपना पुरुष वाला कोई नाईट ड्रेस ?
एक्सट्रा नाइटी है मेरे पास चलो खुद ही पसंद कर के ले लो कह कर भाभी अपने रूम में चली गयी,
मैं ने जाकर देखा तो भाभी ने अपनी कपबोर्ड दिखाई जिसे वो लॉक रखती थी, उसमे एक से बढ़कर एक साड़ी ब्लाउज और पेटिकोट प्रेस कर के रखे हुए थे, कुछ स्पेशल ड्रेसेस और कुछ सिंपल डेली यूज़ के ड्रेसेस अलग से रखे थे, और ज्वेलरी और अंडर गारमेंट शायद ड्रावर में थे, नीचे 4 पाँच नाइटी थी, इतनी सारी खूबसूरत ड्रेसेस देख कर तो मैं दंग था, क्या बात है मैडम किन विचारों में गुम हो ?
इतनी सुंदर साड़ीयां और ड्रेसेस देख कर कोई भी इनमें खो सकता है,आपकी चॉइस बहोत अच्छी है भाभी,
चलो बातें ना बनाओ नाइटी निकालो,
 मैं ने देखा देखा लाल, नीली, गुलाबी, और ग्रे नाइटी थी मैं ने रेड कलर की नाइटी ली तो फिर भाभी ने छेड़ा, वाह, ये तो मेरी हनीमून वाली नाइटी तुमने पसंद की, ये पहन कर सोने के बाद हनीमून के सपने आते है मोहिनी जी,
भाभी, आप भी ना कुछ भी कहती रहती हो, मैं ने शर्मा कर कहा, 
चलो चेंज कर लो, भाभी ने मेरा दुपट्टा निकालते हुए कहा , यहीं ? क्यों क्या हुआ मैडम यहाँ तो हम दोनों महिलाएँ ही है चेंज कर लो,
मैं ने अपनी नथनी ,बिंदिया और नेकलेस उतारे, उसके बाद लहँगा और ब्लाउज उतारा, अब मैं केवल ब्रा पैंटी में था, वाह क्या शरीर है भाभी फिर मुस्कुराई, मैं ने झट से नाइटी पहनी, जिसके अंदर से मेरी ब्रा और पैंटी साफ दिखाई दे रही थी और ये केवल घुटनो तक ही लम्बी थी, मैं अब नाइटी में था, बालों का जुड़ा मैं ने खोल दिया था जिससे मेरे लंबे बाल हवा में लहरा रहे थे, हाथों में चूड़ियां और पाऊँ में पायल थी, भाभी बोली, चूड़ियां और पायल रहने दो, अपने कानों से झुमके उतार दो तुम्हें आदत नही है इसलिए सोते समय तकलीफ होगी, मैं ने वैसा ही किया फिर भाभी के ड्रेस बदलने तक मैं बाहर चला गया, कुछ समय बाद भाभी ने अंदर बुलाया, वो भी अब पिंक नाइटी में थी, ऊपर से उन्हों ने गाउन भी पहना हुआ था, चलो अब बताओ आज का दिन कैसा रहा ? भाभी ने पूछा, बहोत ही सुंदर सच कहूँ तो मुझे विश्वास ही नही हो रहा, मुझे लग रहा है के मैं कोई सपना देख रहा हूँ, आँख खुलेगी और सपना टूट जाएगा, ओ हो, इसका मतलब है मोहिनी जी का कोई सपना आज सच हुआ है, चलो बताओ क्या इससे पहले कभी तुम ने ऐसे ड्रेसिंग की है ?
ड्रेसिंग तो नही की पर कई बार मैं ने सपने में खुद को ऐसे देखा था, मैं ने कहा, तो क्या तुम्हें ये  सब पसंद आया ? जी हाँ, बहोत पसंद आया, मेरे चेहरे की खुशी बता रही थी के मेरी कोई इच्छा पूरी हो गयी हो,
अच्छा भाभी आप बताओ आपका दिन कैसा गुज़रा ?
Superb, मुझे तो नंद मिल गयी, जो घर के कामो में मेरा हाथ भी बंटा रही है, और साथ ही मेरी मेकअप की स्किल को बढ़ा रही है, भाभी मुस्कुराई,
अच्छा भाभी बताओ शादी के पहले और शादी के बाद के जीवन मे क्या अंतर आया ?
शादी के पहले माता पिता और भाई का प्यार मिला, और शादी के बाद पहले पहले तो थोड़ा डर था के पता नही कैसे लोग होंगे पर समय के साथ प्यार करने वाले पति, और सास ससुर का माता पिता जैसा प्यार मिला, बस एक देवर थोड़ा अकड़ू था इसलिए मुझे उसको ननंद बना कर बात करना पड़ा, भाभी हँसने लगी,
भाभी शादी के पहले आपका कोई बॉय फ्रेंड था ? आप तो इतनी सुंदर है कोई ना कोई तो होगा जिससे आप प्यार करती होगी सच बताना,
नही ऐसी कोई बात नही, हाँ कॉलेज में कई लड़को ने मुझे Gf बनाने की कोशिश की पर मैं ने सब को नकार दिया क्यों के मुझे अपना परिवार और उसकी इज़्ज़त प्यारी थी, भाभी थोड़ा सीरियस थी, एक बात कहूँ, अगर तू मेरी ननद होता तो ये सवाल मुझसे ज़रूर पूछता, मुझे तो लग रहा है के सच मे मेरी एक प्यारी सी सुंदर सी ननद है, भाभी ने फिर मुझे छेड़ा, चल अब अपने बारे में बता तेरे कितने BF है ? तू तो मुझसे भी ज़्यादा सुंदर है, कम से कम तेरे 10 आशिक़ तो होंगे ही, भाभी फिर हंस पड़ी, फिर हम ऐसे ही कई बातें करने लगे, मैं ने कल के बारे मे पूछा, कल का क्या प्लान ही भाभी ?
प्लान तो कुछ खास नही, कल तुम्हें साड़ी ब्लाउज पहना कर मेकअप करूँगी, फिर घर में कुछ काम है,
भाभी कल मुझे भी मेकअप करना सिखाओ, 
ओ हो, मोहिनी जी को मेकअप करना सीखना है, ठीक है मैडम हो जाएगा और कुछ ?
मुझे साड़ी पहनना नही आती वो भी सीखा देना, फिर पूरा दिन इसमें गुज़र जाएगा,
क्यों मैडम, आपको आगे भी साड़ी ब्लाउज पहन कर जीवन बिताना है क्या ? वैसे अब मेरी भी इच्छा हो रही है के तुम ऐसे ही लड़की बनकर रहो, कम से  मेरे साथ अच्छे से बात तो होगी, इससे पहले तुमने इस तरह मुझसे खुल कर कभी बात नही की, ना कोई हँसी मज़ाक़ किया,
चलो अब जाकर सो जाओ, अब मुझे नींद आ रही है, और मैं जा कर अपने रूम में सो गया ,
दूसरे दिन भाभी ने मुझे जगाया, अरे मोहिनी चलो उठ जाओ सवेरा हो गया है,
मैं उठ कर फ्रेश हुआ तो भाभी बोली, चलो मोहिनी जी, मुझे चाय बना कर पिलाओ, फिर मैं ने चाय बना कर दी और खुद भी पी, उसके बाद भाभी मुझे अपने रूम ले गयी, कौनसी साड़ी पहनोगी मोहिनी ?
भाभी वो पिंक वाली, ठीक है, फिर भाभी ने पिंक साड़ी ब्लाउज और पेटिकोट निकाला, और मुझे नाइटी उतारने को कहा, मैं ने नाइटी उतार दी, अब मैं केवल ब्रा और पैंटी में था, लो ये पहन लो, भाभी ने मुझे पेटिकोट दिया, मैं ने पेटिकोट पहन लिया, फिर भाभी ने ब्लाउज दिया, मैं ने ब्लाउज पहन लिया और सामने से उसके हुक लगा दिए,अब बारी आई साड़ी की, भाभी ने साड़ी मेरे पेटिकोट में डाली और उसे कमर पर लपेटा, फिर पल्लू बना कर मेरे कंधे पर रखा और प्लेट बनाने लगी, मुझे प्लेट बनाना सिखाया, पल्लू बनाना सिखाया, फिर पल्लू से सर को ढकना सिखाया, फिर साड़ी 4, 5 बार मुझे पहनने को कहा, अब मैं साड़ी पहनना सीख चुका था,भाभी बोली जब भी साड़ी पहनो, सब कुछ मैचिंग होना चाहिए, साड़ी ब्लाउज, पेटिकोट, ब्रा, चूड़ियाँ, लिपिस्टिक, तभी ज़्यादा सुंदर लगोगी, फिर भाभी ने मेरा मेकअप किया और मुझे मेकअप करना सिखाया, लाल चूड़ियाँ उतार कर मैचिंग पिंक चूड़ियाँ पहनाई और अच्छी सी हेयर स्टाइल बनाना सिखाया, और मेरे लंबे बालों को खुला रखा,फिर ज्वेलरी के बारे में बताने लगी, जब शलवार सूट पहनो तो कम ज्वेलरी पहनो, जब साड़ी ब्लाउज पहनो तो लाइट वेट ज्वेलरी पहनो, जिससे काम करने में दिक़्क़त ना हो और जब लहँगा चोली पहनो तो हैवी ज्वेलरी पहनो, और भी कई बातें मुझे बताई, मेरा मेकअप पूरा हो चुका था,
मेरा गला खाली था तो मैं ने भाभी से कहा के भाभी मेरा गला खाली है मुझे भी वैसा ही हार पहनाओ जैसा आपने पहना है, माँ भी ऐसा ही हार पहनती है, भाभी हँस पड़ी, अरे पगली ये तो मंगलसुत्र है, अच्छा भाभी मुझे मंगलसुत्र पहनना है, अरे बाबा मंगलसुत्र केवल विवाहित औरतें ही पहनती है, शादी करते समय पति अपने पत्नी के गले मे मंगलसुत्र पहनाता है और मांग में सिंदूर भरता है, तुम को विवाहित बनना है क्या ?
मैं मंगलसुत्र पहनना चाहता था इसलिए मैं ने थोड़ी देर सोचकर कहा के पहले आप मुझे मंगलसुत्र पहनाओ उसके बाद आज का हमारा प्लान बताता हूँ, ठीक है भाभी ने एक लांग मंगलसुत्र लाया, आप ही अपने हाथ से पहना दो, मैं ने कहा, भाभी ने मेरे गले में मंगलसुत्र पहना दिया, अब बताओ क्या प्लान है ?
कल मैं आपकी नंद मोहिनी थी और आज मैं आपकी देवरानी हूँ जेठानी जी, मैं ने कहा तो भाभी ज़ोर से हँस पड़ी, ओ हो, तुम तो बहोत होशयार हो, सच मुच् तुम मेरी देवरानी लग रही हो, देवरजी तो बहोत बेकार है देवरानी तो आज घर के कामो में सहायता करेगी, चलो बहोत सारे काम है,
फिर हम देवरानी जेठानी ने घर की सफाई की, किचन में जाकर लंच बनाया, फिर हम ऐसे ही एक दूसरे से हँसी मज़ाक़ करते रहे, अब भाभी मुझसे कुकिंग करवाने लगी, मुझे कुछ डिशे बनानी आ गयी थी, मैं ने अपना पल्लू कमर में डाला और डिनर तैय्यार किया, फिर डिनर कर के हम ने कुछ देर बातें की , फिर मैं ने साड़ी उतार कर रेड नाइटी पहनी और सो गया,
तीसरे दिन मैं सवेरे जागा, फ्रेश हो कर मैं ने चाय तैय्यार की और भाभी को जगाया, भाभी फ्रेश हो गयी और मेरे हाथ का बना नाश्ता कर के बहोत खुश हुई, आज कौनसा रोल कर रही हो मोहिनी ? भाभी ने पूछा,
आज मैं आपकी बहु हूँ और आप मेरी सासूमाँ हो,मैं ने शर्मा कर धीरे से कहा,
फिर तो आज बहोत मज़ा आएगा, चलो मैं तुम्हें तैय्यार करती हूँ भाभी बोली,
नही, आज मैं खुद अपने हाथों से साड़ी पहन कर खुद मेकअप कर के तैय्यार होती हूँ, कोई कमी रह जाये तो बताना,
ठीक है कौनसी साड़ी दूँ ?
आप थोड़ी देर आराम करें माँ जी मैं तैय्यार हो कर आती हूँ मैं ने कहा और भाभी के रूम में साड़ी देखने लगा,
मैं ने एक ब्लू साड़ी निकाली जिस पर गोल्डन बॉर्डर थी और ब्लाउज पर भी गोल्डन बॉर्डर से डिज़ाइन बना था, फिर मैचिंग ब्लू पेटिकोट निकाल कर मैं ने नाइटी उतारी और पेटिकोट पहना, फिर ब्लाउज पहन कर सामने से उसके हुक लगाए, और साड़ी की प्लेट बनाई, पल्लू को कंधे पर सेट किया, फिर मैं ने अपना मेकअप स्टार्ट किया, डार्क लिपिस्टिक लगाई, क्रीम लगाई, मेकअप किट से मेकअप किया, फिर मैचिंग चूड़ियां पहनी, अच्छा सा हेयर स्टाइल बनाया, कानो में झुमके पहने, फिर गले मे लंबा मंगलसुत्र पहना, अब मैं तैय्यार थी, जब मैं भाभी के सामने गयी तो भाभी की आँखें हैरान रह गयी,
इतने कम समय मे साड़ी ब्लाउज पहन कर तुमने मेकअप भी कर लिया, वो भी परफेक्ट भाभी बोली,
मैं तो आपकी बहु हूँ, आपसे ही सब कुछ सीखा है मैं ने मुस्कुरा कर कहा,
भाभी की तो हँसी ही नही रुक रही थी,
चलो बहु मेरे पैर में दर्द है उसे दबाव कह कर भाभी अपने रूम के बेड पर लेट गयी, जी माँ जी, कह कर मैं ने भाभी के पाऊँ दबाना शुरू किया,
बहु रानी कितनी बार कहा है घूँघट बना कर सर को ढका करो, जी माँ जी मैं ने कहा, कुछ देर मैं ने पैर दबाए फिर भाभी ने खाना लाने कहा, मैं ने किचन जाकर लंच बनाया, फिर हम दोनों खाना खाने लगे,
खाना खा कर मैं ने बर्तन धोए और किचन में रखे, फिर हम बातें करने लगे, 
भाभी बोली, तेरा पति तेरा ध्यान तो रखता है ना ?
जी माँ जी, मेरी नज़रें झुकी हुई थी,
अब इतनी सुंदर पत्नी का ध्यान तो रखेगा ही, जब से तू आई है मेरा बेटा तो हमसे ज्यादा बात भी नही करता अपनी पत्नी के साथ ही समय बिताता है, ऐसे ही हँसी मज़ाक़ में दो दिन गुज़रे, अब दूसरे दिन सभी वापस आने वाले थे, मैं बहोत उदास था, भाभी ने मेरे उदास चेहरे को देख कर पूछा, क्या बात है बहु, बीमार हो क्या ?
नही माँ जी, बीमार तो नही पर मैं परेशान हूँ और उदास भी,
क्यों क्या हुआ ?
कल सब घर वापस आएंगे उसके बाद फिर से वही बोर लाइफ जीनी पड़ेगी, सच कहूँ तो इन 4 चार दिनों में मुझे बहोत आनंद आया, मेरी तो इच्छा हो रही है के मैं जीवन भर ऐसे ही साड़ी ब्लाउज में रहूँ, मुझे चूड़ियों की खनखन और पायलों की छनछन की आदत हो गयी है, अब मेरा जीवन फिर से फीका हो जाएगा,
क्या तुम्हें ऐसे रहना अच्छा लगा,
जी हाँ भाभी, मैं कभी इतना खुश नही रहा जितना इन 4  दिनों में, और ये सब आपके कारण हुआ, आप ना होती तो ये सब संभव ना होता, मुझे इतने दिन खुश रखने के लिए आप का मैं आभारी हूँ, थैंक यू भाभी,
बस कर पगली, क्या तू चाहती है के आगे भी मैं तेरा साथ दूँ तो थैंक यू बोलना बंद कर वरना मैं तुझसे नाराज़ हो जाऊँगी,
प्लीज भाभी ऐसे मत करना, मुझे आगे भी ड्रेसिंग करने में आपकी हेल्प लगेगी, क्या आप हेल्प करोगी ?
हाँ मैं अपनी ननद, देवरानी ,बहु को हमेशा हेल्प करूँगी, चलो अब सो जाओ, 
पर भाभी अब मुझे अपने पुरुष वाले कपड़े पहनने पड़ेंगे, क्या आप मुझे हेल्प करोगी जब घर पर केवल हम दोनों ही हो,
बिल्कुल करूँगी, जाओ अब सो जाओ मुझे नींद आ रही है,
ठीक है भाभी, अब आपकी नंद/देवरानी, और बहू कुछ दिनों के लिए अपने मायके जा रही है कुछ समय बाद इसे बुला लेना, गुड नाईट,
फिर मैं ने अपने रूम आकर सारे कपड़े ज्वेलरी उतार कर अपने पुरुष वाले कपड़े पहने और भाभी का सारा सामान दे कर सो गया,
दूसरे दिन सारे घर वाले आ गए, मेरा जीवन फिर से वैसा ही फीका फीका से हुआ, मैं बार बार उन बीते हुए 4 दिनों को याद कर के खुश हो जाता,
कभी कभी जब घर पर कोई नही होता तो भाभी Cd में मेरी हेल्प करती है,

Disclaimer

All the Character and events in this blog are imaginary. They are related to any living or dead person or incident. If the relation is found then it will be a coincidence. Do not use any medicine(Like breast enhancer or Harmons change) without doctor's prescriptions , it may be dangerous and cause blood cancer or other sexual disorder. With Love Anita Blog admin