बस यही सोच सोच के दिमाग ख़राब हो रहा था एक मन कर रहा था के कॉल करूँ और एक कर रहा था के कॉल नहीं करूँ और फिर मैंने सोचा के कॉल करूँगी या नहीं ये बाद की बात है और मैं सो गयी सोचते सोचते |अगला दिन हुआ सुबह नार्मल ही थी दोपहर में मम्मी ने कहा के वो मार्किट जा रही है और् मैं घर में अकेली थी तो सोचा चलो कॉल कर ही लेती हूँ और जैसे कॉल करने को हुई पापा आ गए उन्हें खाना पर्सा और वो खाना खा कर फिर से चले गए और मैंने सोचा छोड़ा कॉल आराम करूँ और मैंने दोपहर में सो गयी शाम को दीदी को कॉल आया और जीजू से भी बात हुई और वो उन्होंने मुझे बताया के मैं अगले दिन ही डेल्ही आ जाऊं और मेरी टिकेट मेल पर भेज दी है तो मैंने कहा पर मैं कैसे आ सकती हूँ अचानक तो दीदी तो बोली कोई बहाना नहीं चुपचाप आ जाओ समझी तो मैंने बहाना बनाया के मेरे पास कपडे भी नहीं है नए मैंने कैसे आउ तो बोली तू आ आजा नए दिला दूंगी तो मैंने कहा ठीक है तो आ जाती हूँ |
और फिर अगले दिन डेल्ही जाने की ख़ुशी में सब भूल गयी और अगले दिन मैंने डेल्ही की ट्रेन बोर्ड की और मैंने डेल्ही आ गयी |दीदी और जीजू स्टेशन पर मुझे बोर्ड करने आ ये थे और मैं उनके साथ घर गयी घर पहुँच कर मैंने दीदी से पूछा इतनी क्या जल्दी थी अचानक बुला लिया मुझे कुछ शौपिंग भी नहीं कर पाई ढंग से तो दीदी बोली बस ऐसे से काफी दीन हो गए थे मन कर रहा था मिलाने का तो बुला लिया तो मैंने कहा हाँ तो भी कोई बात तो होगी ना तो दीदी ने बोला वो मुझे लग रहा था के तुम लास्ट टाइम जो हुआ था उसकी बजह से नाराज हो शायद और वैसे तो आओगी नहीं तो जीजू बोले लास्ट टाइम मतलब तो दीदी बोली कुछ नहीं तो जीजू बोले कुछ तो बात है तो मैंने भी कहा कुछ नहीं ऐसे ही वो मेरी और दीदी वाली बात थी तो बोले तो कोई बात नहीं है और तुम दोनों मुझसे बाते छुपाने लगे हो सही है तो मैने कहा जीजू सच में कोई बात नहीं है तो जीजू बोले ठीक है तो मेरे सर की कसम खाओ के कोई बात नहीं है तो मैं कुछ बोली नहीं तो दीदी बोली क्या आप भी जिद पकडे बैठे है तो बोले अगर कोइ बात नहीं है तो बात जो है सच बताओ अभी इसी वक़्त तो दीदी बोली बात बस इतनी सी है के लास्ट टाइम जब अनु आयी थी तो आपने उसे सल्फोने दिलाया था तो जीजू बोले हाँ दिलाया था तो उसका क्या तो मैंने कहा दीदी रहेने दो क्यूँ बेकार में तो जीजू बोले अनु बात बताओ छुपाओ मत जो भी है मुझे पता होनी चाहिए तो दीदी बोली तो क्या कुछ नहीं अनु सारा दिन गेम खेलते रहेती थी तो मैंने गुस्से में अनु के हाथ और पैर कपडे सुखाने वाली रस्सी से बांध दिए थे और वो बहुत टाइट बांध गए थे तो खुल नहीं रहे थे तो बेचारी को कुछ ६ घंटे तक बंधे रहना पड़ा था बस इतनी सी बात थी तो जीजू बोले ६ घंटे दिमाग ठीक है तो दीदी बोली करना क्या है अब जो हो गया सो गया तो जीजू बोले ऐसे कैसे तुमने मेरी साली को पनिश किया है जो के गलत है
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