Disclaimer

यह ब्लॉग पूरी तरह काल्पनिक है। किसी से समानता संयोग होगी। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयाँ ((जैसे स्तन वर्धक या हार्मोन परिवर्तन)न लें - यह जानलेवा हो सकता है।— अनीता (ब्लॉग एडमिन)

Anita ki Punishment 38 (Sister lost bet so punishment time)

  सुबह मैं अपनीं आदत के बजह से लेट ही उठी जीजू सुबह ऑफिस जा चुके थे क्यों के मैं सो कर ही 12 बजे उठी थी और मैं तुरंत निचे गयी पर जीजू जा चुके थींऔर दीदी भी खाना बना रही थी मैंने दीदी से गुड़ मॉर्निंग कहा और दीदी ने भी नार्मल सा रिप्लाई किया फिर मैंने ही दीदी से पूछा फिर जीजू क्या बोले रात को तो दीदी बोली कुछ नहीं मैं गयी तो सी चुके थे पता है नाटक कर रहे थे सोने का पर मेरा ही मन नहीं किया बेकार में बात बढ़ने का और वैसे भी सारी करामात तेरी थी मेरा कान पकड़कर दीदी बोली तो मैंने कहा सॉरी दी मैं तो बस आपको शर्त में हराना चाहती थी तो दीदी बोली कौन सी शर्त तो मैंने कहा वही कल दोपहर वाली भूल गयी क्या तो दीदी बोली अरे वो मैं तो भूल ही गयी थी सच में तुझे याद थी क्या तो मैंने कहा हाँ बिलकुल याद है और आप हर गयी हो तो दीदी बोली हाँ बात तो सच है हार तो गयी हूँ चल कोई नहीं बता क्या करना है मुझे तो मैंने कहा वो तो मैंने सोचा ही नहीं चलो आप काम खत्म करो तब तक कुछ सोचती हूँ।  फिर दीदी बोली चाय पिलो और जल्दी से नहाकर आओ फिर मैंने मुह धोया दांत साफ़ किये और तब तक दीदी ने चाय गरम कर दी फिर हमने चाय पी साथ में और फिर मैं अपने कमरे में जाने लगी तो दीदी बोली सो मत जाना अब फिर कल की तरह समझी मैंने कहा ठीक है फिर मैं नहाने गयी और आधे घंटे में तैयार होकर खाने के टेबल पर दीदी भी फ्री हो गयी थी काम से और फिर हमने साथ में खाना खाया।फिर खाना खाने के बाद दीदी बोली हाँ जी मैडम बोलो क्या करना है अब तो मैं बोली कुछ नहीं आज मैं आपके बालो में तेल डाल देती हूँ फिर दीदी बोली ठीक है मैंने दीदी के बालो में तेल डाला और हम बाते करने लगे और बाते करते करते दीदी आज सो गयी बैसे ऐसा कभी नहीं होता है और मैं अभी जस्ट उठ कर आई थी तो मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा बैठे बैठे क्या करू तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया और आज मैंने दीदी की मस्त वाली दो चोटिया बनायीं और आराम से टीवी देखने लगी कुछ एक घंटे बाद दीदी जागी और बोली यार आज तो सुबह से जाग रही थी तो नींद आ गयी सॉरी फिर हर लड़की की आदत होती है सो कर उठने के बाद सबसे पहले अपने बाल ठीक करती है दीदी ने भी वही किया और तब उन्हें पता चला के उनकी नयी hairstyle बनायीं गयी है मेरे द्वारा तो दीदी बोली ये क्या है

 तो मैंने कहा कुछ नहीं है जो कल मैं थी वो आज आप हो बस तो दीदी बोली मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है अनु बन्ने में तो मैंने कहा मुझे भी कोई प्रॉब्लम नहीं है आपकी दीदी बन्ने में तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया और मैं बोली चलो डन रहा फिर आज के लिए आप अनु और मैं आपकी दीदी तो दीदी बोली ठीक है फिर शाम का खाना और सारा काम कर लेना और मैं आराम से टीवी देखूंगी सोच लो तो मैंने कहा ठीक है फिर मैंने दीदी से कहा जाओ साड़ी बदल कर कुछ और पहन को साड़ी के साथ ये hairstyle मैच नहीं होता है तो दीदी बोली हाँ सही कहे रही हो दीदी फिर खुद बोली मुझसे के दीदी आप भी जरा बदल लो ड्रेस आप साड़ी में ही अच्छी लगती हो तो मैने कहा ठीक है फिर दीदी अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने कहा अरे अनु कहा जा रही हो तुम्हारे कपडे तो यहाँ है फिर दीदी बोली अरे हाँ मैं तो भूल गयी थी चलो तुम अपने कमरे में जाओ चेंज करके आओ फिर मैं दीदी के रूम में गयी और दीदी की रोजाना यूज़ की ही सड़ी पहनी उनकी जैसी hairsttyle की और लाइट मेकअप किया और निचे आ गयी दीदी तो कब से तैयार हो कर टीवी देख रही थी फिर मैंने दीदी से कहा अनु टीवी ही देखती रहोगी क्या चलो कही मार्किट चलते है दीदी बोली मार्किट वो भी ऐसे कभी नही तो मैंने कहा अनु हुआ अच्छी लग रही हो तो दीदी बोली पागल लगूंगी तो मैंने दीदी का ही डाइलोग नहीं बोला पर कहा अच्छी लग रही हो दी शर्माओ मत और बैसे भी आपके गेटअप में जोकर तो मैं लग रही हूँ नयी लड़की को डोकरी बना दिया  है फिर हम दोनों लोग हँसने लगे फिर दीदी कुछ सोच कर बोली चल ठीक है तू भी क्या याद रखेगी और दीदी ने स्टाल से मुह बांध लिया और मैने पल्लू से मुह ढँक लिया अब अगर कोई दूर से देखे तो कोई हमें हम नही समझेगा बल्कि दीदी को अनु और मुझे दीदी ही समझेगा दीदी और मै मार्किट में पहुँच गए मैंने तो अपना पल्लू हटा दिया और नार्मल हो गयी पर दीदी ने अभी भी दुप्पटा बांध ही रखा था और तभी मुझे एक आईडिया आया मैंने जानबूझ कर दीदी से कहा चलो गोलगप्पे खाते है और उसकी स्टाल की तरफ चल पड़ी दीदी भी आ गयी अब कोई ऑप्शन तो था नही दीदी को मुह  खोलना ही पड़ा और मैंने दीदी से दुपट्टा ले कर अपने गले में डाल लिया और फिर वहा से आगे चले तो दीदी ने दुपट्टा माँगा तो मैंने मना कर दिया और बोली क्या अनु मस्त लग रही हो वैसे सच में दीदी अच्छी लग रही थी उन्होंने ऊपर काली टॉप और निचे मीडियम मतलब घुटनो से थोड़ी लंबी स्कर्ट और सैंडल पहने थे और वालो की बजह से काफी छोटी लग रही थी अपनी उम्र से ।

थोड़ी देर के बाद दीदी भी नार्मल हो गयी और सच में अपने लुक को एन्जॉय करने लगी।

आगे क्या हुआ एक घण्टे बाद बताती हूँ अब थक गयी हूँ।

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