Anita ki punishment 37(Didi ka gussa aur ladai)

  शाम को मार्किट से आने के बाद दीदी ने खाना बनाया और मैं मोबाइल में fb चैट और अपने ब्लॉग में लग गयी दीदी ने खाना बना लिया फिर हम टीवी देखते हुए जीजू का इन्तेजार करने लगे और तभी जीजू आ गए । दीदी जीजू के लिए पानी लायी और जीजू को मैंने गुड़ इवनिंग विश किया जीजू ने भी रिप्लाई किया फिर फ्रेश होकर ऑफिस के कपड़ो को बदलकर घर के कपडे पहन कर आ गए तब उन्होंने ने मेरी हैरस्टाइल पर गौर किया और बोले क्या बात है अनु बेक टू स्कूल डे है क्या आज तो मैंने कहा नहीं जीजू ये सब आपकी बीबी की हरकते है और आप तो ऑफिस चले जाते हो आपको पता है आज दीदी ने मेरी पिटाई भी लगाई मुझे थप्पड़ भी मारा तो जीजू हस पड़े और बोले अनु तुम्हे पता है दुनिया में तुम्हारी दीदी सबसे ज्यादा तुम्हे चाहती है फिर मेरा नंबर आता है वो ऐसा नहीं कर सकती है तो मैंने कहा वो तो मुझे पता है पर मैं सच कहे रही हूँ दीदी ने मुझे थप्पड़ मारा है आप दीदी से पूछ लो बस तब तक दीदी भी आ गयी पानी लेकर तो जीजू बनावटी गुस्से में बोले तुमने ठीक नहीं किया आज अनु को थप्पड़ मार कर तो दीदी कुछ बोले जीजू फिर बोले जरा सी बच्ची पर हाथ उठ कैसे जाता है तुम्हारा अब जीजू की आवाज और तेज हो गयी थी दीदी कुछ बोलने ही जा रही थी तब तक जीजू फिर बोले तब तुमने बेचारी के हाथ पैर बांध दिए थे अब थप्पड़ मारा अगर अब दुबारा कभी ये हुआ तो ठीक ना होगा समझ लेना फिर जीजू ने  दीदी के हाथ से ग्लास लेकर पानी पि लिया फिर गुस्से में बोले जाओ खाना लगाओ जाकर दीदी के तो आसु शुरू हो गए थे कुछ बोली नहीं और खाना लगाने चली गयी गुस्से में ।

दीदी के जाने के बाद मैंने जीजू से कहा ज्यादा गुस्सा हो गए आप नहीं लगता आपकी पहले पूरी बात तो सुन लेते फिर मैंने पूरी बात बताई सपने के बारे में और थप्पड़ के बारे में धीमी आवाज में तो जीजू बोले क्या बोल रही हो ये पहले नहीं बताना था वो फूलन देवी मेरी जान ले लेगी अब क्या करू मर गया सुबह भीं गुस्से में थी और अब तो गुस्सा स्क्वायर हो गयी पता नहीं क्या करेगी मेरा फिर धीरे से बोले जो हुआ सो हुआ तुम अब कुछ मत बोलना चुपचाप खाना खा लेते है और जाकर सो जाते है वरना ज्वालामुखी फटेगा तो खाना भी नहीं मिलेगा दीदी ने गुस्से में आवाज लगायी जीजा साली की खुसुरफुसुर खत्म हो गयी हो तो खाना खा लो आकर।

हम सब खाने बैठे जीजू ने जल्दी से खालिया और मैंने भी फिर तुरंत खा कर जाने लगे तो दीदी ने आवाज लगाई रुको कहा चले दोनों जन मैं खा रही हूँ न अभी बैठो यही फिर दीदी कुछ बोलने को हुयी तो जीजू का कॉल आ गया और जीजू उठ कर अपने रूम में और मैं वही फस गयी फिर दीदी बोली हो गयी चुगली तो मैं बोली जीजू झूठमूठ का गुस्सा हो रहे थे आपको चिढ़ाने के लिए और आप सच मान बैठी तो दीदी बोली अच्छा तो ये ड्रामा कर रहे थे तभी इतनी जल्दी खा कर भागे अब बताती हूँ इन्हें और मैंने कहा तो मैं जाऊ तो बोली तुम जाओ अभी तुम्हआरी तो कल क्लास लेती हु और मैं तो बच गयी पता नहीं जीजू जा क्या होगा अब ये सोचते हुए ही रात कटनी थी।

अब मैं थक गयी हूँ आधे घंटे बाद लिखती हूँ आगे ।और दुबारा विजिट जरूर करना ये जानने के लिए के सुबह तक में जीजू का क्या हाल हुआ होगा।

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