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यह ब्लॉग पूरी तरह काल्पनिक है। किसी से समानता संयोग होगी। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयाँ ((जैसे स्तन वर्धक या हार्मोन परिवर्तन)न लें - यह जानलेवा हो सकता है।— अनीता (ब्लॉग एडमिन)

BeingFaltu | Gender Transition Story | जब ऑपरेशन के बाद शुरू हुई मेरी असली ज़िंदगी

📝 Story Preview:

हेल्लो निशांत?”


“यस, दिस इस निशांत हियर. हु इस स्पीकिंग?”


“अरे निशांत!! मैं चेतना बोल रही हूँ यार!”


“चेतना? कौन चेतना?”


“ओह सॉरी! तू तो मुझे इस नाम से जानता नहीं. यार मैं तेरी रूममेट चेतन.”


“चेतन! अबे साले! तुझे २ साल बाद मेरी याद आई है. कहाँ था तू इतने समय से? और मैंने सुना है कि तूने अपना जेंडर चेंज कर लिया है”


किसी अच्छे दोस्त की तरह निशांत की आवाज़ में भी एक उत्साह था अपने दोस्त से सालों बाद बात करने वाला. उसके उत्साह को सुनकर मेरा भी डर कुछ कम हो गया था अपने पुराने दोस्त से बात करने का. आखिर मैं बदल जो गयी थी.


“हाँ तूने सही सुना है यार निशांत. मैंने जेंडर बदल लिया है. इसलिए तुझे मुझसे कहना है तो साले नहीं साली बोल.”, मैं हँस दी.


“ओह सॉरी. ठीक है मैं तुझे साली बोलूँगा. यार जेंडर के साथ तो तेरी आवाज़ भी बदल गयी है.”, निशांत बोला.


मेरे बारे में इतनी बड़ी बात जानने के बाद भी निशांत मुझसे इतनी नार्मल तरह से बात कर रहा था. यह सुनकर मैं खुश भी थी और थोड़ी भावुक भी. मेरा तो ख़ुशी से गला भर आ रहा था. पर अपनी भावनाओ को संभालते हुए मैं उससे आगे बात करने लगी.


“यार आवाज़ तो बदलनी पड़ेगी न. अब हॉट लड़की जो बन गयी हूँ! तो आवाज़ भी वैसी होनी चाहिए”, मैं उसे तंग करने लगी.


“बात तो तेरी सही है. वैसे यार तू US में रहती कहाँ है? मैं एक हफ्ते पहले ही US आया हूँ. मेरी कंपनी ने आखिर मुझे यहाँ भेज ही दिया.”


“जिस शहर में तू है… वहीँ मैं भी रहती हूँ. तू बता कल सैटरडे मोर्निंग को फ्री है क्या? अपनी मुंबई इंडियन टीम का मैच है. साथ देखेंगे बियर के साथ”, मैं बोली.





“क्या बात कर रही है? तू यहीं है! फिर तो मैं ज़रूर आऊँगा. साथ मैच देखने में मज़ा आएगा पुराने दिनों की तरह. वैसे सिर्फ बियर से काम नहीं चलेगा हाँ. US आया हूँ तो व्हिस्की भी पीकर जाऊँगा महँगी वाली.”


“ठीक है. बिलकुल पुराने दिनों की तरह ही मिलेंगे. पक्का”, मैं बोली पर क्या अब मेरे बदलाव के बाद पुराने दिनों की तरह मिलना संभव था?


“चेतन… एक बात बता. सॉरी… चेतना, ये तो बता की तुझे मेरा फ़ोन नंबर कैसे मिला? ये तो मैंने ४ दिन पहले ही लिया है.”, निशांत ने पूछा.


“अरे वो हमारी बैचमेट रश्मि थी न. उसने बताया”


“रश्मि? वो नकचढ़ी लड़की. उसको कैसे पता?”, निशांत ने पूछा. मैं जानती थी कि वो रश्मि को पसंद क्यों नहीं करता था.


“अरे यार इतनी भी बुरी नहीं है वो. उसको संजय ने तेरे बारे में बताया था. और वो जानती थी कि तू और मैं कॉलेज में रूममेट थे, इसलिए उसने संजय से नंबर लेकर मुझे दे दी.”



“देख तू लड़की बन गयी है तो उसकी तरफदारी मत कर ज्यादा. तुझे पता है न कि कॉलेज में कैसे भाव खाती थी वो. और ये साला संजय भी न.. उसको क्या पड़ी थी जो रश्मि को मेरे बारे में बता दिया.”


“अरे अच्छा हुआ न बताया. वरना मैं तुझसे बात कैसे कर पाती? अच्छा सुन… अभी मेरी मीटिंग है. मैं तुझे अपना एड्रेस भेज दूँगी sms से. तू कल सुबह ९ बजे तक आ जाना पक्का. बाय!”


“बाय.. चेतना! वैसे सुन…. मुझे तेरा नाम अच्छा लगा. मैं कल तुझसे मिलने के लिए बेसब्र हूँ. सी यू सून!”, निशांत ने हंसकर कहा.


फ़ोन रखते ही न जाने क्यों मैं शरमाई सी मुस्कुराने लगी. निशांत तो बस मेरा अच्छा दोस्त था. उससे बात करके कितना अच्छा लगा मुझे मैं बता नहीं सकती. जितने भी मुझे पहले से जानने वाले लोग है, वो मुझसे इतनी सहजता के साथ आज बात नहीं कर पाते. सभी के लिए मुझे मेरे नए रूप में देखना मुश्किल था… और निशांत… पता नहीं कल जब वो आएगा तो कैसे रियेक्ट करेगा. उसने तो मुझे कभी लड़की के रूप में देखा तक नहीं था.


उस रात मैं करवटें बदलते सोचती रही मुस्कुराती रही कि निशांत से मिलकर ऐसा होगा, वैसा होगा, हम पुराने दिनों की तरह मौज मस्ती करेंगे बिलकुल जिगरी दोस्तों की तरह. आखिर मेरा जिगरी दोस्त तो था वो. फिर भी २ साल पहले जब मैंने अपना जेंडर चेंज करना शुरू किया था तो मैंने उसे कुछ नहीं बताया था. डर लगता था कि दोस्ती न टूट जाए. यदि वो मुझे समझ न सका तो. पर फिर भी हमेशा से उससे मिलकर सब साफ़ करने की इच्छा थी जो अब पूरी होने वाली थी. आज रात मेरी आँखों में नींद न थी बस सपने थे एक दोस्त के साथ खुशनुमा समय बिताने के.


अगली सुबह मैं जल्दी उठकर खाना बनाने में लग गयी ताकि जब निशांत आये तो दोपहर का खाना तैयार रहे. वैसे भी इंडिया से आये हुए लोगो के लिए भारतीय घर के खाने की कीमत ही कुछ और होती है. खाना बनाने के बाद मैं सोचने लगी कि आखिर कौनसे कपडे पहनू. मेरे डेली वियर के कपडे तो ड्रेस और स्कर्ट वगेरह टाइप के वेस्टर्न कपडे ही है. मैं निशांत के सामने ज्यादा सेक्सी कुछ नहीं पहनना चाहती थी. एक तो मुझे लड़की की रूप में पहली बार देखने वाला था वो, ऊपर से ज्यादा सेक्सी कुछ पहन ली तो उसको शॉक ही लग जायेगा. और फिर मैं उसको जानती भी तो थी… यदि मैंने कोई ड्रेस पहन ली तो ड्रेस में मेरा क्लीवेज देखकर ही पागल हो जाएगा वो! उसकी दोस्त होने के नाते जानती थी मैं कि वो बूब्स के दीवाना है. इसलिए सलवार सूट भी नहीं पहन सकती थी क्योंकि मेरे सभी सूट में फिगर कुछ ज्यादा ही निखरता था.


इसलिए मैंने तय किया कि मैं कोई साड़ी पहनूंगी. वो भी ऐसी जो सेक्सी कम और शालीन ज्यादा लगे. जैसे सिल्क साड़ी… वैसे भी कितना समय हो गया है मुझे साड़ी पहने. औरत बनने के पहले तो साड़ी मेरी पहली चॉइस होती थी. लेकिन US में काम करना हो तो साड़ी पहनकर ऑफिस नहीं जा सकती थी. और फिर घर से बाहर साड़ी पहनो तो लोगो को लगता है कि कोई भारतीय त्यौहार आने वाला होगा और विदेशी औरतें रोककर पूछने लगती है साड़ी के बारे में. तो चलो आज साड़ी ही पहनी जाए और फिर मैं अपने कलेक्शन में साड़ी ढूँढने लगी. आखिर में मैंने एक सॉफ्ट सिल्क साड़ी पसंद की जिसके साथ मैचिंग सिल्क ब्लाउज भी था. अब इससे ज्यादा शालीन औरत कैसे बना जा सकता था ट्रेडिशनल सिल्क साड़ी के अलावा? पर मन ही मन मैं ये भी जानती थी कि साड़ी में सेक्सी न लग पाना लगभग असंभव था. पर इससे ज्यादा और क्या कोशिश करती मैं. साड़ी पहनकर मैं लगभग तैयार थी और बस हाथो में चूड़ियां ही पहन रही थी कि तभी दरवाज़े की घंटी बजी. निशांत ही होगा, मैंने सोचा और आईने में देखकर अपने आँचल को ठीक करके एक आखिरी बार देखा कि कहीं मेरा ब्लाउज खुला तो नहीं दिख रहा. समय भी कितनी तेज़ी से बदल गया था … इसके पहले कभी निशांत के सामने जाने के लिए मुझे यूँ सोचना न पड़ता था. फिर भी मैं इस वक़्त बेहद खुश थी निशांत से मिलने के लिए और मैं दौड़ी दौड़ी दरवाज़े तक चली आई.

और दरवाज़ा खोलते ही अपने दोस्त निशांत को देखते ही ख़ुशी के मारे मैं उसके सीने से लग उससे लिपट गयी. मारे ख़ुशी के मैं उसे छोड़ना ही नहीं चाह रही थी और उसने मुझे दूर भी नहीं किया. और फिर जब मैंने उसे जी भर कर गले लगा लिया तो मैं ही खुद अलग होकर उसकी बांहों को पकड़ कर बोली, “तो निशांत जी… हमारी मुलाक़ात हो ही गयी.”



निशांत के लिए मैंने आज एक सिल्क साड़ी पहनी थी.

पर निशांत के चेहरे से तो जैसे होश उड़े हुए थे… जैसे उसने कोई भुत देख लिया हूँ. उसे ऐसा देखकर मेरे चेहरे से भी ख़ुशी चली गयी. निशांत भी आखिर दुसरे लोगो की तरह निकला.


“कम ऑन निशांत! तू भी अब ऐसे ऑकवर्ड बिहेव करेगा… मैंने तुझसे ऐसी उम्मीद नहीं की थी. सोची थी कि तू मेरा अच्छा दोस्त है… कम से कम तू तो मुझे ऐसे नहीं देखेगा कि मैं ऐसे कैसे बदल गयी हूँ.”, मैं दुखी होकर पलटने लगी.


पर तभी उसने मेरी बांह पकड़कर मुझे रोका और बोला, “क्या यार… पागल हो गयी है क्या तू?”


“छोड़ दे मेरा हाथ. पागल ही तो हूँ जिसने लड़का होते हुए भी लड़की बनना तय किया.”, मैंने झुंझलाकर कहा.


“पगली. तुझे पता है न कि मैं २४ साल का सॉफ्टवेर इंजिनियर हूँ! आज तक किसी लड़की से गले लगना तो दूर मैंने किसी लड़की से हाथ भी मुश्किल से मिलाया है. और तू दरवाज़ा खोलते ही मुझसे ऐसे लिपट पड़ी. अब हक्का बक्का तो रह जाऊँगा न ऐसा कुछ हो तो!”, और वो हँसने लगा. और मैं भी हंसकर उसकी ओर फिर पलट गयी.


“वैसे सच कहूं तो जैसे सोचा था उससे कहीं ज्यादा अच्छा लगा एक लड़की को गले लगाकर. उसके लिए थैंक यू!”, निशांत बोला.


“अच्छा अच्छा अब बातें मत बना. अन्दर आजा. और प्रॉमिस कर मुझसे वैसे ही बर्ताव करेगा जैसे पहले मेरे दोस्त होते हुए करता था. वैसे मैच शुरू होने वाला है.. तू टीवी ऑन कर मैं बियर लेकर आती हूँ.” मैंने उसके सीने पर प्यार से अपने हाथ से वार करते हुए कहा.


“हाय! तू तो मेरा दिल चुरा लेगी चेतना.”, निशांत ने नाटक करते हुए कहा और मेरे पीछे पीछे अन्दर आ गया. मुझे पता नहीं था कि वो मेरे पीछे मेरे पल्लू को पकडे अन्दर चला आ रहा है. मैं फ्रिज की ओर बढ़ने लगी तो मेरा पल्लू उसके हाथ में होने की वजह से खिंचाने लगा.


मैंने पलट कर देखा तो वो हँस रहा था. “सॉरी यार.. मेरा बरसो से सपना था कि किसी लड़की की साड़ी का पल्लू खींचू.”


“तेरे नाटक बंद हो गए हो तो मैं बियर लेकर आऊँ?”, मैं मुस्कुराकर बोली. मैं तो हमेशा से जानती थी कि निशांत हंसमुख था, थोडा नटखट था पर दिल का बहुत अच्छा भी था. उसकी शरारतो में कभी किसी के लिए कोई बुरे विचार नहीं होते थे. मैं जब बियर निकाल रही थी तब तक उसने टीवी चालू कर दिया और मुझे आवाज़ देकर बोला, “चेतना.. तू सीरियसली चाहती है कि हम पुराने दोस्तों की तरह रहे?”


“हाँ. क्यों?”, मैंने किचन से ही कहा.


“तो ठीक है. तुझे एक बात बताना था. पता है इस कमरे में एक बहुत हॉट लड़की है. यार कसम से उसकी ऐस बड़ी सेक्सी है! और ब्लाउज में दिखती उसकी पीठ … बाय गॉड.. कमाल की है!”

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