मैं अपने बिस्तर जोर जोर से चिल्ला रही थी सपने में दीदी मेरी आवाज सुन कर मेरे कमरे में आई और मुझे कस कर तमाचा लगाया और मेरी आँख खुल गयी मैं पसीने से पूरी तरह भीग गयी थी और मेरी साँस भी बहुत तेज चल रही थी और दिल ज़ोरो से धड़क रहा था दीदी ने मुझे कस कर गले लगा लिया और मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी मेरे तो आंसू ही नहीं रुक रहे थे दीदी ने मिझे चुप कराया फिर गिलास में पानी दिया और तब मेरी थोड़ी साँस आई और फिर बोली क्या हुआ कोई डरावना सपना देखा क्या तो मैंने सब बता या उन्हें तो बोली पगली कितनी बार मना किया है हॉरर शो मत देखा कर मैंने कहा हाँ ठीक है नहीं देखूंगी और फिर मैंने दीदी से कहा आपने मुझे कितनी कस कर थप्पड़ लगाया है गाल लाल हो गया है और अब तक दुःख रहा है तो दीदी बोली तू पता नहीं क्या क्या बोले जा रही थी तो क्या करती तो मैंने कहा मैं शाम को आपकी शिकायत करुँगी जीजू से के आपने मुझे आज थप्पड़ मारा है
तो दीदी बोली जा कर दे मुझे क्या डर पड़ा है तेरे जीजू से वैसे आज शाम को तो उनकी क्लास वैसे भी लगनी है सुबह बहुत डॉयलॉग बोल रहे थे ना तो मैंने कहा बस अभी है नहीं ना तो बाते कर रही हो बहुत जीजू के सामने तो आपकी आवाज भी नहीं नुकलेगी तो बोली शाम को देख लेना मैंने कहा शाम को तो देखूंगी ही पहले ये बताओ अगर आपकी आवाज भी नहीं निकली तो क्या करोगी तो दीदी बोली जो तू बोले कल कर दूंगी तो मैंने कहा ठीक है और फिर दीदी बोली फटाफट नहाकर तैयार हो कर निचे आ जा खाना खाते है मैंने कहा ठीक है और मैं जल्दी से नहाकर कपडे पहन कर निचे खाने के टेबल पर आ गयी बाल गीले थे तो सर पर तौलिया बांध लिया था ताकि कपडे गीले न हो फिर हमने खाना खा या और तब तक बाल भी सुख गए खाने के बाद मैंने दीदी से कहा मैं तो आपके कमरे में लेटूंगी मुझे उसमे डर लग रहा है तो दीदी बोली नहीं उसमे ही चलते है देखे कौन तुझे खा जायेगा पागल डर नहीं समझी और फिर मैं और दीदी गेस्ट रूम यानि मेरे कमरे में आ गए मैंने दीदी से कहा मेरे सर में दर्द हो रहा है प्लीज तेल लगा कर मालिश कर दो तो दीदी बोली ठीक है फिर मैं कुर्शी पर बैठ गयी और दीदी मेरे बालो में तेल डालने लग गयी और मुझे पता नहीं क्या बीमारी है जब भी कोई मेरे सर में मालिश करता है मैं बुरी तरह से सो जाती हूँ और अभी भीं यही हुआ मैं सो गयी काफी देर के बाद जब मेरी आँख खुली तो दीदी वहा नहीं थी मैं कुर्शी पर बैठे हुए ही सो रही थी
दीदी ने मेरे बालो में तेल लगाकर मेरे बालो में दो चोटी कर दी थी जो की दीदी की आदत थी वो जब भी मेरे बाल में तेल डालती है तो हमेसा यही करती है इसमें भी मेरी ही शर्त लगाने की आदत जिम्मेदार है शादी से पहले दीदी और मैं हमेशा लड़ते थे के मैं मालिश के बाद बेहोश हो जाती हूँ और मुझे होश नहीं रहता है और दीदी ने एक दिन ये साबित करने के लिए मेरे बालो में दो छोटी कर दी थी और तब मैं मान गयी के सच में ऐसा ही होता है और तब से हमेशा दीदी यही करती है जो आज किया था और फिर मैं दीदी के पास गयी दीदी टीवी देख रही थी तो मैंने कहा ये मेरे बालो का क्या हाल किया है अपने तो बोली मस्त तो लग रही है क्या बुराई है इसमें। तो मैंने कहा मैं अब बड़ी हो गयी हूँ अब अच्छी नहीं लगती ये दो चोटी पागल लगती हूँ तो दीदी बोली जो है वही तो लगेगी और हँसने लगी और मैं भी फिर मैंने कहा मैं खोल रही हूँ इन्हें दीदी बोली तुझे वो शर्ट याद है जो हम लगते थे तो मैंने कहा हाँ याद है तो दी बोली तो बेटा खुलनी चाहिए ये समझी तो मैंने कहा ठीक है दी नहीं खुलेगी और फिर शाम को मैं और दी इसी हेयर स्टाइल में मार्केट गए और सब मुझे ही देख रहे थे क्यों के मैं ही भीड़ में कुछ अलग दिख रही थी इस hairstyle के बजह से।