📝 Story Preview:
मिस्ट्रेस और गुलाम की कहानी
मेरे हाथ अब भी बंधे हुए थे और में कंधे के तरफ से नीचे गिरा था और अब बैलेंस करके में पेट के बल हो गया था
मिस्ट्रेस मेरे पास आआई और मेरे पिछवाड़े पर अपने बूट्स की एक कस कर लात मारी और बोली बहुत स्मार्ट बन रहे हो फिर मेरे पीठ पर एक पैर रख कर खड़ी हो गई और बोली तुझे कहा था ना कुत्ते जब तक पोज देने को नही कहा जाता है तब तक तुझे मेरी दी गई लाइन को रटना है
तो कुत्ते अब तक तू बोल क्यों नही रहा है चल सुरु हो जा और फिर एक सिगरेट जलाई और बोली अगर जरा भी चालाकी की तो ये सिगरेट तेरे पिछवाड़े में लगा कर आग लगा दूंगी समझा और फिर जिंदगी भर कन्फ्यूज रहना के अब सांस कहा से लेना है और पादना कहा से है
में बहुत डर गया था है बोलना शुरू करता पर मेरे से लाइन सही से निकल नही रही थी और जो मिस्ट्रेस के गुस्से को और बढ़ा रहा था अब मिस्ट्रेस ने मेरे बम पर अपने हंटर से मारा
मेरे बम पर एक रेड लाइन बन गई में दर्द से चीख पड़ा
आई आई आई ओह मम्मी
जो आपने अभी पढ़ा, वो तो बस शुरुआत थी कहानी का सबसे रोमांचक हिस्सा अभी बाकी है — पासवर्ड डालिए और जानिए आगे क्या हुआ! 🔓
🌟 Full Story Unlocked:
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दोस्तो सबकी जिंदगी एक जैसे नही होती है कुछ लोग बहुत किस्मत वाले होते है जिन्हे ऊपर वाला सब कुछ बिना मांगे ही दे देता है और कुछ होते है मेरे जैसे फूटी किस्मत के मालिक, जिन्हे कुछ भी आसानी से नही मिलता है
करना कुछ चाहता हूं और हो कुछ और ही जाता है मुझे तो ऐसा लगता है जैसे ऊपर वाला बस मेरे मजे ही ले रहे है में कभी कभी गुस्से में बोल देता हु के है ऊपर वाले और कितना बुरा करोगे और ऊपर वाले इसे चैलेंज की तरह ले लेते है तो जो बुरा चल रहा है उससे भी बुरा करके देखा देते है
चलो में अपनी कहानी बताता हूं इससे पहले के आप भी भाग जाए और मेरी अनकही कहानी अनसुनी ही रहे जाए
मेरा नाम अमित है और में 22 साल का हूं मैने अपना कॉलेज खत्म कर लिया है और अब नौकरी की तलाश में हूं वैसे पढ़ाई में कुछ ज्यादा तीर नही मारा है एवरेज स्टूडेंट हूं ठीक ठाक नंबर आ जाते थे तो कभी फेल नही हुआ
शकल सूरत भी आम सी ही है गरीबों वाली जिससे कभी किसी लडकी से दोस्ती तो दूर कभी बात चीज और हाय हेलो करने का भी मौका नही मिला
पर ऐसा नही है के इस आम जिंदगी को खास बनाने के लिए मैने कोशिश नही की
मैने भी फेयर लवली की एड देख कर गोरा होने की कोशिश की मुल्तानी मुट्ठी टमाटर जूस पपीता फेस पेक और पता नही क्या क्या घरेलू नुस्खे किए पर कोई फायदा नही हुआ में आम आदमी आम ही रहा खास नही हुआ
फिर मैने सोचा जिम करने से शायद कुछ हो एक साल की फीस भी भर दी पर उससे भी कुछ खास हुआ नही
फीस भी गई और सिंगल हड्डियों में मास तो था नही जो शेप लेटी उल्टे जो थोड़े बहुत खुद को अच्छे दिखते थे उससे भी गए
मतलब लंबी कहानी को शॉर्ट में बताऊं तो सब कुछ करके देखा पर कोई फायदा नही हुआ
पर कहते है ना जिसका कोई नही होता उसका ऊपर वाला होता है बस वो आता कभी कभी आता है मदद करने जब आपको उसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है
तो मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ में जिस एप्रटमेंट में रहता हूं मेरे ऊपर वाले फ्लोर पर मेरा स्कूल मेट रोहित रहता था वो भी एवरेज ही था लूजर मुझसे भी बड़ा वाला हम अच्छे दोस्त तो बिलकुल भी नही है पर दुश्मन भी नही थे
एक दिन मां ने मुझे सब्जी वाले से धनिया लाने को कहा में बेमन से लेने गया और जब वापस लौट रहा था तो ऊपर वाला रोहित मुझे रास्ते में मिल गया फिर हम आज कल क्या कर रहे है एक दूसरे से पूछने लगे तो पता चला दोनो बेरोजगार और बेकार एक जैसे ही लूजर है दोनो को ही कोई नौकरी नही मिल रही है हर जगह फेल हो रहे है
रोहित बोला आज उसके घर कोई नई है और मुझे इनवाइट किया के उसके घर आ जाऊ मोबाइल में गेम खेलेंगे वैसे भी मुझे भी कही जाना नही था तो मैने सोचा दिन भर के मां के ताने से सुनने से अच्छा है कुछ देर गेम खेल कर मूड शायद बदले तो मैने भी हां कहे दिया
मां को धनिया दे कर में रोहित के घर आ गया एक डेडीकेटेड कमरा था रोहित के पास स्टडी रूम वो ही उसका था उसी में वो सोता और पढ़ता टीवी भी था उस कमरे में तो शायद वो उसी में सारा दिन टीवी देखता रहता
रोहित के साथ आज पहेली बार मैने बात की उसे जाना अच्छा लड़का था जिंदगी से दुखी मेरी तरह एवरेज होना अपने आप में एक बहुत बड़ी सजा ही है लोग आपको किसी ना किसी से कंपेयर करते और आपको नीचा दिखते रहत है आप को गुस्सा तो बहुत आता है पर कोई फायदा नही होता है
ऐसे ही बातो बातो में रोहित ने मुझसे कहा के अगर संडे को में फ्री होऊं तो एक सेमिनार में चल सकता हूं हाउ 2 स्पीक कॉन्फिडेंटली
मैने पूछा फीस कितनी होगी उसने बोला ज्यादा नही है 100rs है और इसमें ब्रेकफास्ट भी मिलेगा और एक दो घंटा टाइम भी कट जायेगा और कुछ ना कुछ सीखने को भी मिलेगा ही
मैने भी सोचा डील बुरी नही है और हां कहे दिया कुछ देर बाद मां का कॉल आया खाना बन गया था खाना ठूस लूं आ कर क्यों के सारा दिन घर में ही पड़ा रहता था तो ठूसने के लिए ही बुलाया जाता था खाने के लिए नही
मैने रोहित को कन्फर्म कर दिया नेक्स्ट संडे के लिए और फिर अपने घर आ गया
अगले संडे हम टाइम से सेमिनार पहुंच गए और 1 बजे के आसपास फ्री हो गए हमने सोचा घर जाकर ताने खाने से अच्छा है मॉल चलते है कुछ खायेंगे
जब हम मॉल में थे तो हमने सोचा क्यों ना जो सेमिनार में सीखा है वो मॉल में अनजान लोगो पर टेक्नीक्स ट्राई की जाए और इससे पता भी चल जायेगा के वो सच में काम करती भी है या बस किताबी ज्ञान ही है
लेकिन जैसे ही हम मॉल में घुसे रोहित के घर से कॉल आ गया के उसके पापा ने कुछ फाइल मंगवाई है और उनका ऑफिस मॉल के पास ही है तो वो बोला तू थोड़े देर यही रुक में जल्दी से घर जाकर फाइल ले आता हूं पापा को देकर यही मिलूंगा
मैने बोला ठीक है उसके जाने के बाद में अकेले बैठ बैठे करता भी क्या थोड़े देर इधर उधर घुमा फिर बोर होने लगा तभी मुझे एक कॉस्मेटिक स्टोर के बाहर
लंबी और पतली हाई हील्स और काले नेल पैंट पर काली शॉर्ट स्कर्ट पहन कर काली लिपस्टिक भी लगाए थी पूरे मॉल में वो सबसे अलग ही थी कॉन्फिडेंट थी जैस वो कोई सुपर मॉडल हो
उसका मेकअप स्टाइल ड्रेस बॉडी लैंग्वेज बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव था मतलब ऐसे मन लो के अगर आप लड़के है तो आप उसे इग्नोर कर ही नही सकते है
हर कोई आते जाते उसे ही एक्सप्लोर कर रहा था हर उमर के लोग उसे बहुत ही उम्मीद भरी और हवस से भरी निगाहों से देख रहा था वैसे उन हवासियो में में भी एक था उसे सके कर पहेली नजर में ही प्यार हो गया वाली फीलिंग आ रही थी मन कर रहा था के काश ये मेरी गर्लफ्रेंड होती काश मुझमें कही से शाहरुख वाला कॉन्फिडेंस आ जाए और में उसके सामने अपनी बहे फैला कर उससे बोल सकू
तेरी आंखों की नमकीन मस्तियां,
तेरी हंसी की बे परवाह गुस्ताखियां,
तेरी जुल्फों की लहराती अंगड़ाइयां
नहीं भूलूंगा मैं
जब तक है जान, जब तक है जान
बुरा लगता है ना अपने एवरेज होने पर इतनी खूबसूरत परी जैसी लड़की सामने खड़ी है और आप कुछ नही कर सकते बस आहे भर सकते हो पर एक हाय भी नही बोल सकते बहुत अजीब है ना तुम्हारे साथ भी कभी ना कभी तो हुआ ही होगा ये
...और फिर, जैसे ही मैं अपने ख्यालों में खोया हुआ था, वो लड़की अचानक मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई। मेरी धड़कनें तेज़ हो गईं। उसने मेरी ओर आते हुए कहा, "हाय, मैं देख रही हूँ कि आप मुझे काफी देर से देख रहे हैं। कुछ कहना चाहते हैं?"
उसके इस अप्रत्याशित सवाल से मैं थोड़ा हड़बड़ा गया। लेकिन फिर मैंने खुद को संभालते हुए कहा, "ओह, नहीं... मैं बस... आपका स्टाइल और आत्मविश्वास देखकर प्रभावित हो गया था।"
उसने हल्की हंसी के साथ जवाब दिया, "धन्यवाद! वैसे, मेरा नाम श्वेता है। और आप?"
"अ... अमित," मैंने घबराते हुए कहा।
श्वेता ने कहा, "अमित, तुम्हारी ये शर्म और घबराहट बहुत क्यूट है। लेकिन अगर तुम थोड़ी और हिम्मत दिखाओ, तो शायद तुम अपने बारे में कुछ और अच्छा महसूस कर पाओ।"
मैंने उसके इस कमेंट पर हल्का सा मुस्कुराया और कहा, "शायद तुम सही कह रही हो।"
उसने कहा, "अगर तुम चाहो तो हम थोड़ा समय साथ बिता सकते हैं। मेरे पास आज का दिन फ्री है, और मैं चाहती हूँ कि हम एक दूसरे को और अच्छे से जानें। क्या तुम मेरे साथ थोड़ा घूमोगे?"
मेरे लिए ये सुनना किसी सपने जैसा था। लेकिन फिर मैंने सोचा, "शायद यही वो मौका है जहां मैं अपनी किस्मत बदल सकता हूँ।"
"हाँ, क्यों नहीं," मैंने उत्साह के साथ जवाब दिया।
हम दोनों मॉल में घूमने लगे, बात करते हुए एक-दूसरे को जानने की कोशिश कर रहे थे। श्वेता ने बताया कि वो एक फैशन डिजाइनर है और उसका यहाँ आना महज़ एक संयोग था। उसने मुझे ये भी बताया कि उसने मेरे बारे में जो कुछ कहा, वो सच था - अगर मैं अपने आत्मविश्वास पर काम करूँ, तो मैं कुछ बड़ा हासिल कर सकता हूँ।
धीरे-धीरे, मैं अपने आप में कुछ बदलाव महसूस करने लगा। श्वेता की बातों ने मुझे आत्मविश्लेषण करने का मौका दिया। शायद मेरे एवरेज होने का कारण मेरी सोच और मेरी खुद पर विश्वास की कमी थी।
शाम होने को आई, और हम दोनों ने कॉफी शॉप में बैठकर अपने दिल की बातें की। इस दौरान मुझे एहसास हुआ कि श्वेता ने मेरे जीवन में वो रोशनी लाई थी जिसकी मुझे लंबे समय से जरूरत थी।
श्वेता ने जाते-जाते कहा, "अमित, ज़िन्दगी हमें चुनौतियाँ देती है ताकि हम खुद को बेहतर बना सकें। तुम्हारे अंदर बहुत कुछ है, बस तुम्हें खुद पर विश्वास करना होगा।"
उसके जाने के बाद मैं वहीं बैठा सोचने लगा कि कैसे एक छोटी सी मुलाकात ने मेरी सोच बदल दी। शायद ये मेरी किस्मत का मोड़ था, और अब मुझे इसे भुनाने की बारी थी।
उस दिन, मैंने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की ठान ली। खुद पर काम करने की कसम खाई , अपने आत्मविश्वास को बढ़ाऊंगा और खुद को साबित करने का मौका दूंगा।
शायद श्वेता मेरी ज़िन्दगी में हमेशा नहीं रहेगी, लेकिन उसने मुझे वो सिखा दिया जो मुझे हमेशा याद रहेगा - खुद पर विश्वास करना और अपनी किस्मत को अपने हाथों से लिखना।
श्वेता जा चुकी थी पर में अब भी वोही टेबल पर बैठा श्वेता के साथ बिताए वो हसीन पल याद कर के खुश हो रहा था के कैसे वो हवा के झोके के तरह मेरे जिंदगी में आया और सब कुछ बदल कर चली गई आज तो मेरी किस्मत ने मेरा क्या साथ दिया मजा आ गया
तभी मैने देखा के श्वेता जल्दी बजी में अपना मोबाइल टेबल पर ही भूल गई है में जल्दी से मोबाइल अपनी जेब में रख लिया और वेट करने लगा के शायद उसका कॉल आए या वो खुद आ जाए कही से फिर उसके साथ थोड़ा टाइम बिताने को मिलेगा
और जैसा मैने सोचा था वैसे ही हुआ कुछ एक घंटे के बाद श्वेता के मोबाइल पर कॉल आया सामने श्वेता ही थी घबराई हुई थी
उसकी आवाज में मोबाइल के खोने का डर साफ सुनाई दे रहा था मैने कहा तुम टेंशन मत लो मेरे पास है तुम्हारा मोबाइल और फिर मैने उसे अपना मोबाइल नंबर दिया के अगर कही उसका मोबाइल बंद हो जाए तो वो मेरे नंबर पर सीधे बात कर सकती है
और घबराने की जरूरत नही है मैं उसका मोबाइल उसे लौटा दूंगा फिर मैने हिम्मत करके उसके घर का एड्रेस पूछा जिससे में उसके घर जा सकू और ज्यादा नही तो कभी कभी ही सही उस रास्ते से निकलते हुए क्या पता कभी हम फिर से टकरा जाए ये सोच कर मन ही मन खुश हो रहा था के आज की मुलाकात श्वेता के साथ मेरी अंतिम मुलाकात नही होगी
क्या करूं एवरेज हूं तो जिंदगी में एक मौका आया है उसे इतनी आसानी से कैसे जाने देता फिर श्वेता ने मुझे मेरे नंबर पर कॉल किया और फिर एक एड्रेस दिया और मुझ उसी एड्रेस पर आने को कहा
मेरी खुशी का तो जैसे कोई ठिकाना ही नही था में तो खुशी से पागल हो गया था एड्रेस ज्यादा दूर नही था मैने तुरंत ऑटो को रोका और एड्रेस समझाया और श्वेता के घर की और बढ़ गया ऑटो वाले को पैसे दिए और जब मैने उसके घर की डोर बेल बजाई मै मन में रिहर्सल कर रहा था के कैसे अगर श्वेता की मां ने गेट खोला तो में उन्हे कैसे इंप्रेस करूंगा या उसके पापा या भाई ने खोला तो कैसे रिएक्ट करना है कैसे नॉर्मल बने रहें है ये सब सोच कर में गेट के बाहर बेल बजाकर गेट खुलने का इंतजार कर रहा था
पर आज मेरी किस्मत कुछ ज्यादा ही मेहरबान थी श्वेता ने ही गेट खोला और मुझे देख कर बहुत खुश हो गई और मुझे अंदर आने को कहा मैने उसका मोबाइल उसे रिटर्न किया उसने थैंक्स कहा और में बोला अच्छा तो में चलता हूं श्वेता बोली अरे इतनी क्या जल्दी है में चाय बनाती हूं और पानी लाती हूं और मुझे सोफे पर बैठने को कहा
में सोफे पर बैठ गया और सच बताऊं तो मै भी यही चाहता था के श्वेता मुझे रोक ले और कही जाने ही ना दे काश वो खुद मुझसे आई लव यू बोल दे और मैने तो मन ही मन हमारे दोनो के बच्चो के बारे में भी सोच लिया था के अगर लड़का हुआ तो क्या नाम रखेंगे लड़की हुई तो क्या नाम रखेगे और अगर ट्वींस हुए तो क्या नाम रखेगे
किस स्कूल में पढ़ाएंगे और हमरा हनीमून कहा होगा सारी फैमिली प्लानिंग भी कर ली थी
तभी श्वेता पानी और चाय ले कर पता नही कब आकर मेरे सामने खड़ी हो गई मुझे पता ही नही चला क्यों के मै तो उसके साथ हनीमून मना रहा था अपने सपने में उसे बिना कपड़ो के देखना सपने में भी सपने जैसा ही लग रहा था के आज ओ मेरी किस्मत जैसे मुझ पर इतनी मेहरबान कैसे हो गई समझ ही नही आ रहा था
फिर स्वेता ने मेरे गाल पर एक हल्की सी टपली मारी और में सामने से निकलकर हकीकत की दुनिया में आ गया जहा श्वेता रियल में मेरे सामने खड़ी थी और मुझे देख कर हस रही थी और बोली क्या हुआ जागती आंखो से सामने देख रहे हो और सपने में इतने खोए हो के में इतनी देर से आवाज लगा रही हूं और तुम्हे कोई फर्क ही नही पड़ रहा है
ऐसा क्या देख रहे थे या सोच रहे थे जो इतने को गए थे तो मै उसे कैसे बताता के सपने में में उसके साथ ही हनीमून मना रहा था और सपने में उसके सारे कपड़े उतार कर बिना कपड़ो के देख कर उसकी खूबसूरत बॉडी को अपने बाहों में भरकर बस अपने होने वाले बच्चो को इस दुनिया में आने का इन्विटेशन देने ही वाला था
में उसके सपने वाली बात को सुनकर थोड़ा घबरा गया और बात बनाने के लिए बोल दिया कुछ नही वो मॉल में बताया था न के कैसे में एक एवरेज बाय हु और आज तक किसी लड़की से बात तक नही की मैने अपना कॉलेज भी पूरा कर लिया और मेरा कॉन्फिडेंट कितना गिरा हुआ है के में हाउ 2 स्पीक कॉन्फिडेंटली का सेमिनार अटेंड करने के बाद भी तुम्हे देख कर मॉल में को गया था और तुम्हे हेलो भी बोलने की हिम्मत नई कर पाया
तो श्वेता मुझे मोटिवेट करने लगी और जैसे ही श्वेता मुझे मोटिवेट कर रही थी, उसके एक सवाल ने मुझे चौंका दिया। उसने कहा, "अमित, कभी सोचा है कि अगर तुम खुद को बिल्कुल अलग तरीके से एक्सप्रेस करो, तो तुम्हारा आत्मविश्वास कितना बढ़ सकता है?"
मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "अलग तरीके से? मतलब कैसे?"
श्वेता ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "कभी सोचा है कि अगर तुम किसी और के रूप में खुद को देखो, तो कैसा महसूस होगा? जैसे, अगर तुम मेरे कपड़ों में होते, तो कैसा लगता?"
मुझे उसकी बात सुनकर थोड़ा अजीब लगा, लेकिन उसने इतनी आत्मीयता से बात की कि मैं ना नहीं कह पाया। "तुम्हारा मतलब... तुम्हारे कपड़े पहनने से है?" मैंने थोड़ी झिझक के साथ पूछा।
"हाँ, बिल्कुल! यह सिर्फ एक एक्सपेरिमेंट है, और शायद इससे तुम्हें खुद के बारे में कुछ नया पता चले।"
उसकी बातों में कुछ ऐसा था जिसने मुझे राज़ी कर दिया। उसने मुझे अपने साथ उसके बेडरूम के अंदर चलने का इशारा किया। अंदर पहुँचते ही उसने कुछ कपड़े चुने – एक खूबसूरत काली ड्रेस, ऊँची एड़ी की सैंडल, और कुछ एक्सेसरीज़।
"यह तुम्हारे लिए," उसने मुस्कुराते हुए कहा।
मैंने थोड़ा सकपकाते हुए उसे देखा, लेकिन फिर उसकी प्रेरणादायक बातों को याद करते हुए, मैंने कपड़े लेकर उसके बेडरूम के अटैच्ड वाश रूम में जाने का फैसला किया।
वाश रूम के अंदर,ड्रेस को छूते ही मुझे उसकी मुलायमियत का एहसास हुआ, यह सिल्क का बना था, जो मेरी उंगलियों के नीचे सरसराहट कर रहा था। मैंने धीरे-धीरे उसे पहनना शुरू किया।
ड्रेस की फिटिंग बिलकुल परफेक्ट थी, जैसे यह मेरे लिए ही बनाई गई हो। यह एक स्लिम-फिट, नी-लेंथ ड्रेस थी, जिसमें साइड में एक स्लिट थी जो चलने पर हल्के-हल्के खुलती थी। इसके ऊपर एक नाजुक सा लेस का काम था, जो इसे और भी अधिक आकर्षक बना रहा था। कंधे पर पतली स्ट्रैप्स थीं, जो मेरी स्किन के साथ हल्के से टच कर रही थीं। ड्रेस पहनने के बाद मुझे अपनी चाल और भाव-भंगिमा में एक अलग ही फीलिंग आ रही थी।
इसके बाद, श्वेता ने मुझे एक जोड़ी काले रंग की हाई हील्स दीं। उन्हें पहनते ही मेरी ऊँचाई बढ़ गई, और मेरे अंदर एक नया आत्मविश्वास जागा। शुरुआत में चलने में थोड़ा असहज लगा, लेकिन धीरे-धीरे मैंने खुद को बैलेंस कर लिया। हील्स पहनते ही मेरी चाल में एक अलग ही ग्रेस आ गई थी।
श्वेता ने मुझे फिर से आईने में देखने को कहा। मैंने खुद को देखा तो हैरान रह गया। मैं अपने आपको पहचान नहीं पा रहा था। लेकिन श्वेता की मुस्कान और उसकी आँखों में चमक ने मुझे एहसास दिलाया कि मैं सही दिशा में जा रहा हूँ।
अब बारी थी मेकअप की। श्वेता ने मुझे एक चेयर पर बैठने का इशारा किया। उसने सबसे पहले मेरा चेहरा क्लीन किया और फिर एक हल्का सा फाउंडेशन लगाया। उसकी उंगलियाँ बहुत ही कोमलता से मेरे चेहरे पर चल रही थीं। इसके बाद उसने मेरी आंखों पर आईलाइनर लगाया, जो मेरी आंखों को और भी अधिक डिफाइन कर रहा था। फिर उसने डार्क रेड लिपस्टिक लगाई, जिससे मेरे होंठ और भी उभर कर आ गए।
जब उसने मेरा मेकअप पूरा किया और मुझे आईने में देखने को कहा, तो मैं खुद को पहचान नहीं पाया। यह वही अमित था, लेकिन एक नए रूप में, जिसमें आत्मविश्वास और आकर्षण झलक रहा था।
श्वेता ने आखिर में मुझे कुछ ज्वेलरी दी – एक हल्का सा नेकलेस और छोटे-छोटे इयररिंग्स, जो ड्रेस के साथ पूरी तरह मैच कर रहे थे। जब मैं पूरी तरह तैयार हो गया, तो श्वेता ने कहा, "अमित, अब तुम अपने आप को आईने में देखो और खुद को उस नजर से देखो, जैसा तुम बनना चाहते हो।"
मैंने आईने में देखा, और एक पल के लिए सब कुछ भूल गया। मैं सिर्फ खुद को देख रहा था – एक नया, आत्मविश्वासी और आकर्षक अमित। यह अनुभव मेरे लिए नया था, लेकिन इसने मुझे सिखाया कि हम अपने आप को किस तरह से देखते हैं, और हमें अपनी पहचान को स्वीकार करने की कितनी जरूरत है।
श्वेता ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और मुस्कुराते हुए कहा, "देखो, तुमने खुद को कितनी आसानी से एक्सप्रेस कर लिया। कभी-कभी हमें खुद को पहचानने के लिए अपनी सीमाओं से बाहर निकलना पड़ता है। तुमने यह किया, और तुमने यह बखूबी किया।"
उस पल में मैंने महसूस किया कि यह केवल एक खेल नहीं था। यह एक सीख थी – खुद को समझने और स्वीकार करने की। श्वेता ने मुझे न केवल क्रॉसड्रेसिंग के जरिए एक नया अनुभव दिया, बल्कि मुझे खुद के प्रति एक नया दृष्टिकोण भी दिया।
मैंने धीरे-धीरे वो ड्रेस पहनी, हील्स पहनी और एक्सेसरीज़ लगाए। आईने में जब मैंने खुद को देखा, तो मैं हैरान रह गया। यह पहली बार था जब मैंने अपने आपको इस तरह देखा था, और यह अनुभव पूरी तरह से अलग था।
श्वेता ने मुझे बताया कि यह केवल एक ड्रेस है , लेकिन इस ड्रेस ने मुझे मेरे डर से बाहर निकालने में मदद की। उसने कहा, "अमित, खुद को किसी भी रूप में देखने में कोई हर्ज नहीं है। यह अनुभव तुम्हें सिखाएगा कि तुम्हारे अंदर कितनी ताकत है, बस उसे पहचानने की ज़रूरत है।"
मुझे अपनी आंखो पर विश्वास नही हो रहा था के कैसे एक ड्रेस ने मुझे पूरी तरह से बदल दिया था मुझे कॉलेज के समय से बाला कटवाने में बहुत जोर आता था तो मेरे बाल कंधे तक लंबे थे जिसे श्वेता ने हल्का सा कट दे कर फेमिनिन लुक दे दीया था मैं सच बताऊं तो में थोड़ी देर के लिए भूल गया था के मैं एक लड़का हूं जिसने अभी एक अनजान लड़की के सामने जिसे वो आज पहेली बार मिला है उसके कपड़े पहन रखे है में ये बस आईने के सामने खुद को देख कर सब कुछ भूल बैठा था क्यों के जीवन में पहेली बार मुझे लग रहा था के में कोई आम नही हूं मुझमें भी कुछ खास है और बस थोड़े से बदलाब से ही में आम से खास हो गया
में खुद को देख कर ही खुद के ख्यालों में को गया था मैं श्वेता से भी खूबसूरत लग रहा था पर मेरा सपना टूटा जब मेरा फोन बजा सामने मां थी गुस्सा हो रही थी बोल रही थी के रोहित तो कब से वापस आ गया है और में निक्कम्मा कहा मतरगस्ती कर रहा हूं घर कब आऊंगा बगैर बगैर अब में उन्हे कैसे बताता के में उनकी होने वाली बहु की बहु बन कर उसे खूबसूरती में टक्कर देने में लगा हुआ हूं में कहा में आता हूं थोड़े देर में मॉल से लाइब्रेरी आया हूं पढ़ने के लिए और कॉल काट कर मोबाइल साइलेंट कर दिया
पर जब में मोबाइल साइलेंट कर रहा था श्वेता ने शायद मेरा मोबाइल का पिन देख लिया
अब में श्वेता से बोला क्या अब में चेंज कर लूं तो श्वेता बोली अरे थोड़ी देर तो रुको फिर पता नही हम कब मिले है ना तुम इस छोटी सी मुलाकात में ही अपने से लगने लगे हो तुम मुझे बहुत पसंद आये हो सच में तुम बहुत अच्छे हो
श्वेता के मुंह से मेरी तारीफ सुन कर में तो जैसे सातवे आसमान पर पहुंच गया था में बहुत कुछ कहना चाहता था मेरे अंदर बहुत सी बाते चल रही थी पर मेरे मुंह से कुछ निकल नही रहा था जो हमेशा होता था मैने एक इंट्रोवर्ट था जो अपने आप से ही बाते करता रहता था
श्वेता बोली तुम कुछ बोल क्यों नही रहे क्या तुम्हे मेरी बाते अच्छी नही लग रही में बोला में इंट्रोवर्ट हूं तो मैने कभी किसी लड़की से बात नही की तो में तुम्हारे सामने थोड़ा सा घबरा रहा हूं बोलने में मेरे समझ नही आ रहा है के में क्या कहूं तो श्वेता बोली अगर मेरे सामने बोलने में दिक्कत है तो उसका भी मेरे पास एक इलाज है
और फिर एक काले रंग का स्कार्फ लाई और मुझसे बोली तुम्हे मुझ पर विश्वास है ना अगर हां तो खड़े हो जाओ और कुछ बोलना मत बस जो बोल रही हूं वो करो
में चुपचाप खड़ा हो गया फिर श्वेता ने मेरे आंखो पर स्कार्फ बांध दिया अब सब कुछ ब्लैक आउट हो गया था कुछ भी दिखाई नही दे रहा था पर में कुछ बोला नही वो जो कर रही थी वो सब कुछ मेरे लिए नया था में जिसे एक नए आयाम में था उसने मेरी आंखो पर काली पट्टी बांध दी और मुझे बोली बताओ कितनी उंगली है में गैस किया पर वो गलत ही होना था क्यों के मुझे सच में कुछ भी दिखाई नही दे रहा था
फिर श्वेता ने मेरे कंधे का हल्के हल्के मसाज करना शुरू कर दिया मेरी बॉडी रिलैक्स फील कर रही थी बोली कैसा लग रहा है में बोला बहुत अच्छा लग रहा है फिर उसने मेरे हाथ का मसाज करना सुरु कर दिया और में आंखे बांध किए उसके हाथ के मूवमेंट्स को फील कर रहा था और एंजॉय कर रहा था
श्वेता मेरे हाथो का मसाज करते हुए उन्हे स्ट्रेचिंग करते हुए मेरे हाथ मेरी पीठ के पीछे ले गई और अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे उसने मेरे दोनो हाथ मेरी पीठ के पूछ बांध दिए थे में तो बॉडी रिलैक्स कर रहा था और बस दिमाग शांत करने पर फोकस कर रहा पर पर उसने मेरे हाथ क्यों बंधे समझ नही आया मुझे मैने पूछ भी श्वेता मेरे हाथ क्यों बंधे है
पर वो कुछ बोली नही कमरे में एक दम सन्नाटा था शांति थी में श्वेता की सेक्सी ब्लैक ड्रेस में विथ मेकअप एंड ज्वेलेरी कमरे में बीचों बीच खड़ा था मेरे दोनो हाथ मेरी पीठ के पीछे बंधे हुए थे मेरी आंखो पर स्कार्फ बांधा हुआ था मेरे पैरो में श्वेता की हाई हील्स थी और कमरे में बिलकुल सन्नाटा था
मैने श्वेता को तीन चार बार आवाज लगाई पर कुछ रिस्पॉन्स नही आया मैने उससे कहा मुझे बहुत डर लग रहा है तुम्हे मेरे हाथ क्यों बंधे है शुक्र है मुझे श्वेता के पैरो की हल्की सी आवाज सुनाई दी मैने उसे पूछा श्वेता क्या हुआ कहा हो प्लीज कुछ तो बोलो
तुम ये क्या गेम खेल रही हो और अब ये गेम मुझे लगता है गलत हो रहा है प्लीज कुछ बोलो
फाइनली श्वेता की आवाज आई अरे डर गए क्या क्यों के डरने की जरूरत तो अब है तुम्हे असली खेल तो अब शुरू होगा अभी तो कुछ हुआ ही नही है तुम्हारे साथ
मैने डरते हुआ पूछा क्या मतलब है तुम्हारा
तो श्वेता बोली तुम्हारी मां बहुत स्ट्रिक्ट लगती है और तुम्हारी उनके सामने आवाज बिलकुल बंद हो जाति है हर बात में हा हा कर रहे थे और डर तुम्हारे चेहरे पर दिख रहा था तो अब सबसे पहले तुम्हे अपने इस डर से बाहर निकालना होगा उसके लिए जो में कहूंगी वो तुम करोगे नही अपनी खुशी से इसलिए सबसे पहले थोड़ा सा फोटो शूट करते है
तो सबसे पहले अपने फोन का पिन नंबर बताओ अगर खुद से बता दोगे तो तुम्हारे लिए ही अच्छा होगा वरना में फॉर्सफुली फोन तो ओपन कर ही लूंगी और में चाहती हूं के तुम्हारे फोटो इस खूबसूरत ड्रेस मेकअप और हील्स में तुम्हारे फोन में ही रहे अगर मेरे फोन में होंगे तो हो सकता है कल इंस्टाग्राम पर भी हो तो अब जल्दी से पिन कोड बताओ अपने फोन के अनलॉक करने का
में कुछ बोला नही तो श्वेता बोली अच्छा तो तुम गेम खेलना चाहते हो और सोच रहे हो के पिन नही बताओगे है ना
मैं दूसरा रास्ता अपनाती हूं फिर श्वेता मेरे पास आई मेरा टॉप नीचे किया और मेरे निप्पल पर कस कर चकोटी कटी श्वेता के लंबे नाखूनों में मेरे छोटे छोटे निप्पल दर्द का अंदाजा लगाना भी मुश्किल था जैसे उसने अभी लेफ्ट साइड के निपल्स को कस कर अपने नाखूनों में दबा रखा था में दर्द से चीख रहा था पर उसकी पकड़ तेज होती जा रही थी और दर्द बढ़ता जा रहा था फिर श्वेता ने मेरे दोनो निप्प्स को अपने नाखूनों में दबा लिया और दबाने लगी में दर्द से चीख रहा था और जब मुझसे दर्द नही सह गया मैने उसे पासवर्ड देने के लिए हां कहे दिया
श्वेता हस्ते हुए बोली ये काम पहले ही कर लेते इतना दर्द नई सहना पड़ता
और फिर मेरे पिन से मेरा मोबाइल ऑन करके मेरे फोटो खींचने लगी
थोड़ी देर बाद बोली अरे तुमने तो इसमें फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनो ही ऑन कर रखा है सही है
वैसे तुम्हारे दोस्त तुम्हे इस ड्रेस में देखने तुम्हारे फैन हो जजाएंगे है ना तो क्यों ना में तुम्हारे इस ब्लाइंड फोल्ड पोज में की फोटो फेसबुक पर डाल दूं
में डर गया और बोला प्लीज श्वेता ऐसा मत करना में बर्बाद हो जाऊंगा मेरी इज्जत लूट जायेगी मेरे फेसबुक में मेरे सारे रिलेटिव और असली फ्रेंड्स है वो मेरी रियल प्रोफाइल है मेरे फोटो को अपलोड मत करना में तुमसे भीख मांगता हूं
श्वेता बोली हां पर तुम्हारी इज्जत है कहा जो जायेगी और तुम्हारी इज्जत रहे या जाए मेरा क्या फायदा है
मैंन बोला श्वेता प्लीज आप जो कहेगी में करने को तैयार हूं आपकी हर बात को मानूंगा पर प्लीज मेरे ऐसे लेडीज ड्रेस में फोटो मत पोस्ट करो
श्वेता : इतनी जल्दी तुम से आप पर आ गए अच्छा है इंप्रूव कर रहे हो पर में चाहती हूं के तुम मुझे श्वेता के जगह मिस्ट्रेस कह कर बुलाओ और खुद को मेरा गुलाम समझो
अमित : में कुछ समझा नही मिस्ट्रेस में क्या करूं में आपका गुलाम हूं मिस्ट्रेस आप मुझे हुकुम दीजिए के में में क्या करूं
श्वेता : इंप्रेस कर दिया बहुत जल्दी सिख गए मैने सोचा नही था पर इंप्रेस्ड चलो अब तुम इतनी रिक्वेस्ट कर ही रहे हो तो सुनो में तुम्हारी आंखे खोल रही हूं और में चाहती हूं के तुम मेरे लिए जरा हस्ते हुए कुछ सेक्सी मॉडल वाले पोज दो डर मत में कही पोस्ट नही करूंगी आखिर अपने स्लेव की कुछ तस्वीर याददस्त के लिए होनी चाहिए ना आखिर बुढ़ापे में जब ये चमड़ी सिकुड़ जायेगी हाथ पैर काम नही करेंगे तो ये ही सब देख कर तो दिन काटूंगी
तो ठीक है में आंखे खोलूंगी और तुम्हे पोज देंगे है बोलो पोज दोगे या फिर में अपने तरीके से तुम्हे पोज देने के लिए मनाऊं
पोज तो तुम्हे देने ही होंगे मर्जी तुम्हारी है तुम किस तरीके से मानोगे
अमित : मिस्ट्रेस में जो आप कहेंगी में करूंगा पर प्लीज कई भी पोस्ट मत कीजिएगा
श्वेता : ठीक है रुको पहले तुम्हारा थोड़ा मेकअप ठीक कर दूं टच अप जरूरी होता है
( श्वेता ने मेरे होठों पर लिपस्टिक का शेड थोड़ा सा डार्क किया फेस पर मस्कारा का टच अप किया और और फिर मेरे दोनो पैरो की एक दूसरे के साथ करके एक पतली सी तार जैसी किसी चीज से मेरे हील्स की स्ट्रैप्स को एक दूसरे से बांध दिया और जब वो ये कर रही थी बोली ये जरूरी है कही तुम भाग ना जाओ ये मेरी फेवरेट ड्रेस है तुम ड्रेस ले कर भागो ना इसलिए सेफ्टी के लिए है या तुम मुझे किक ना मार सको वो क्या है ना के बॉलीवुड मूवी तो में भी देखती हूं
अमित : में लड़कियों पर हाथ नही उठाता ये मेरे मां बाप ने संस्कार नही दिए है समझी मिस्ट्रेस
श्वेता : अच्छा सच में वो हम आगे देखने ठीक है चलो अब जब आंखे खोल दूं उसके बार रोना मत के हाथ खोल दूं घर जनहै कोई बकवास नही करनी है इसलिए रूल सेट करते है
में आंखे खोलूगी पोज देने को कहूंगी पोज देना है और जब पोज नही दे रहे होगे तो अब जो नीचे लाइन है वो रतनी है जो मुझे सुनाई देनी चाहिए अगर उसके अलावा कुछ भी तुम्हारे मुंह से निकाला तो समझ लेना पनिशमेंट मिलेगी
समझ गए होगे जो समझे हो वो कन्फर्म करो अपनी प्यारी मिसट्रेस को
अमित : मिस्ट्रेस जब आंखें खोलेगी तो जो पोज देना है सिर्फ कुछ भी एक्स्ट्रा नही बोलना है और जो लाइन मिस्ट्रेस बोलने को कहेंगी वो लाइन ही बोलनी है उसके अलावा कुछ भी नही बोलना है
श्वेता : सुनो लाइन
चाचा के चौड़े चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला।
समझ गए चलो अब रटना शुरू करो जब एक सांस में 5 बार सही बोल दोगे फिर आंखे खोलूंगी
अमित :
चाचा के चौड़े चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
चाचा के चौड़े तबुचरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
चाचा के चौड़े चील ने चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
श्वेता : कोशिश करते रहो हो जायेगा गुड गोइंग ट्राई करते रहो
(श्वेता अपने अंदाज में मुझे मोटिवेट करके चुप हो गई शायद मोबाइल चलने लगी या शायद सुन रही हो या शायद सो गई पर मुझे उसकी कोई आहट नही सुनाई नही दे रही थी
वो कमरे में है भी या नही वो भी नही पता चल रहा था
मन तो कर रहा था के रटना बंद कर दूं पर पता नही कहा हो अगर सामने ही बैठी हो
और फिर से मेरे निपल में तलवार जैसे नाखून घुसाने लगे डर भी लग रहा था क्या करूं)
थोड़ी देर के बाद कमरे में मुझे बूट की आवाज सुनाई दी जो धीमे धीमे बढ़ रही थी
ठक
ठक
ठक
ठक
धीमे धीमे आवाज की फ्रीक्वेंसी बढ़ रहे थी और मेरी धड़कने भी मुझे अजीब सा डर लग रहा था
जो उस आवाज के साथ बढ़ रहा था जैसे अब जो होना है वो बहुत बुरा होना है
फिर श्वेता की जनीपहेचनी आवाज मेरे कानो में सुनाई दी अमित मेरे हाथ में अभी एक सुई और एक रिंग है अगर अब अगली 5 बार तुमने ये लाइन एक भी बार गलत बोली में तुम्हारे निप्पल को पियर्स करके उसमे ये रिंग पाहेना दूंगी समझे तो दिमाग पर फोकस करो जो काम मिस्ट्रेस ने दिया है वो पूरी सिद्ध से करना है बिना किसी आनाकानी या नाटकबाजी के
क्या तुम्हे मेरी बात समझ में आ गई अमित
अमित : जी मिस्ट्रेस
और जब श्वेता मेरे बिलकुल नजदीक थी एक बहुत ही सेक्सी सी फ्रेशली लगाए हुए परफ्यूम की खुशबू जैसे मुझे मदहोश कर रही थी मैने एक लंबी सांस ली जिससे में ज्यादा से ज्यादा उस परफ्रम की खुशबू को अपने अंदर ले सकूं
मैने आराम आराम से पर सही सही मिस्ट्रेस की दी हुई लाइन को बोलना शुरू किया में कोई रिस्क नही लेना चाहता था
चाचा के चौड़े चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
चाचा के चौड़े चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
चाचा के चौड़े चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
चाचा के चौड़े चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
चाचा के चौड़े चबूतरे पर चील ने चूहे को चोंच से चबा डाला
फिर मिस्ट्रेस ने मेरे आंखो से स्कार्फ हटाया मुझे सब कुछ अंधेरे से अचानक आंखो पर जब रोशनी पड़ी तो आंखे चौंधिया गई और धीमे धीमे सामने खड़ी मिस्ट्रेस दिखाई दी
श्वेता ने अपने कपड़े चेंज कर लिए थे वो एक सेक्सी ब्लैक लेदर ड्रेस में थी हाथो में लेदर के ग्लोब्स थे और पैरो में घुटनों तक लंबे बुक्स तक हाथ में एक हंटर जैसी कोई चीज थी
स्वेता मेरे सामने बैठी थी सोफे पर और में उसके सामने उसी की ड्रेस में बांधा हुआ खड़ा था
श्वेता इस ड्रेस में सच में ही मिस्ट्रेस लग रही थी उसका डार्क ब्लैक आई मेकअप ब्लैक लिपस्टिक उसे कुछ अलग ही बना रहे थे वो जो सुबह मॉल में दिखी थी उससे कही ज्यादा खूंखार और एग्रेसिव
मैने अपने किसी भी फैंटेसी ड्रीम में भी ये नही सोचा था के में कभी अपने जीवन में इस सिचुएशन में पडूंगा जहा में ऐसे लड़कियों के ड्रेस पहिने हाथ पीछे बंधवाए खड़ा होऊंगा और एक खुबूसरत सेक्सी लड़की ऐसे लेदर के टाइट कपड़े पहिने हाथ में हंटर लिए मुझे ऑर्डर कर रही होगी
श्वेता अपनी जगह से उठी और मेरे पास आई
ठक
ठक
ठक
ठक
और मेरे पास आकर मेरे गाल पर एक कस कर तमाचा मारा में लगभग गिरते गिरते बचा पर शायद वो मेरी बड़ी गलती थी
क्यों के गिरने से बचने की सजा थी एक और थप्पड़ और उसके बाद मेरे पिछवाड़े पर एक लात
अब इतना कुछ खाने के बाद ये समझ आ गया था के ये चुड़ैल चाहती है के में गिर जाऊं तो मैने भी गिरना ही सही समझा और खुद को जिस एंगल से सबसे काम चोट लग सकती है वो देख कर मै नीचे गिर गया
मेरे हाथ अब भी बंधे हुए थे और में कंधे के तरफ से नीचे गिरा था और अब बैलेंस करके में पेट के बल हो गया था
मिस्ट्रेस मेरे पास आआई और मेरे पिछवाड़े पर अपने बूट्स की एक कस कर लात मारी और बोली बहुत स्मार्ट बन रहे हो फिर मेरे पीठ पर एक पैर रख कर खड़ी हो गई और बोली तुझे कहा था ना कुत्ते जब तक पोज देने को नही कहा जाता है तब तक तुझे मेरी दी गई लाइन को रटना है
तो कुत्ते अब तक तू बोल क्यों नही रहा है चल सुरु हो जा और फिर एक सिगरेट जलाई और बोली अगर जरा भी चालाकी की तो ये सिगरेट तेरे पिछवाड़े में लगा कर आग लगा दूंगी समझा और फिर जिंदगी भर कन्फ्यूज रहना के अब सांस कहा से लेना है और पादना कहा से है
में बहुत डर गया था है बोलना शुरू करता पर मेरे से लाइन सही से निकल नही रही थी और जो मिस्ट्रेस के गुस्से को और बढ़ा रहा था अब मिस्ट्रेस ने मेरे बम पर अपने हंटर से मारा
मेरे बम पर एक रेड लाइन बन गई में दर्द से चीख पड़ा
आई आई आई ओह मम्मी
मिस्ट्रेस बोली अभी से रो रहे हो अभी तो पार्टी शुरू हुई है
फिर अपना मोबाइल निकाला और कैमरा ऑन करके बोली चलो अब मेरे बूट पर नाक रगड़ते हुए पोज दो
में ऐसे पोज नही देना चाहता था क्यों के अगर मैने ऐसे किया तो ये मेरे फोटो को वायरल कर सकती थी इसलिए में उसकी बात सुन कर भी इग्नोर कर रहा था तभी अरे बम पर जहा पर हंटर पड़ा था और दर्द अब भी चिलचिला रहा था उसी जगह पर मिस्ट्रेस में अपना पैर रख दिया और कस कर दबा दिया
में दर्द से तड़प उठा हाथ पैर में जैसे करेंट लग रहा हो में दर्द से पागल हो रहा था अपनी पूरी दम लगा कर चीख रहा था बता नई सकता के कैसा दर्द था
मिस्ट्रेस बोली अरे चीख क्यों रहे हो क्या तुम चाहते हो के में अपने से भी खतरनाक अपनी सहेलीयो को बुला लूं और फिर उन सबसे तुम्हारा टॉर्चर कराऊं
हां ये सही रहेगा क्यों के तुम्हे मेरी बाते समझ ही नही आ रही मैने कहा बूट पर नाक रगड़ पर कुत्ते तुझे सुनाई काम दे ता है शायद साले लगता है तू मुझे मिस्ट्रेस स्लेव कंपीटीशन में हरवा कर ही मानेगा और फिर गुस्से में अपना हंटर मेरे बम को लाल करने के लिए उठाया पर वो मेरी बम पर पड़ता मैं पहले ही उसके बूट पर नाक रगड़ने लगा
श्रुति हसने लगी और बोली स्माइल प्लीज और में स्मार्ट बन रहा था फेस ना दिखाई दे इस तरह से उसके पैरो पर नाक रगड़ रहा था पर श्रुति कोई छोटी बच्ची नही थी उसने एक दो तीन बार मुझे मौका दिया अपनी गलती को सुधारने का पर में समझ नही पाया
और मुझे अपनी गलती समझ में से आ गई जब मेरी पीठ पर एक हंटर पड़ा और मेरी चीख निकली
आई आई आई ओह मम्मी
मिस्ट्रेस बोली तुम्हे पता है ना के तुम क्या गलती कर रहे हो जब तुम्हारे हाथ में कुछ नही तो जो कहा जा रहा है वो चुपचाप करो अपना घटिया दिमाग लगा ही क्यों रहे हो
और फिर इससे पहले के मुझे और इनाम मिलता मैने चुपचाप नाक रगड़ते हुए पोज दिए स्माइल के साथ
फिर मिस्टर का ऑर्डर आया गुड बाय चलो अब मेरे जूते चाटो जस्ट लाइक डॉग
और इतना कहकर मेरे कुछ रिएक्ट करने का वेट भी नही किया हंटर ऊपर आया और मेरे बम पढ़ने ही वाला था पर इस बार मैने कोई मौका नही दिया और मैं बच गया
श्रुति ने मेरे अलग अलग पोज में उसके जूते चाटते हुए जूते पर नाक रगड़ते हुए फोटोज क्लिक किए और फिर जब थक गई तो एक कटोरे में पानी ले कर आई और बोली पानी पीने को माना करने का ऑप्शन था नही तो जो ऑप्शन था वोही किया जीभ से चाट चाट कर पानी पिया वैसे भी उसक जूते चाटने से मुंह में सब अजीब सा ही लग रहा था पानी पीने से कुछ तो आराम आया
फिर उसने मेरे सामने एक कटोरे में दूध रखा और उसमे कुछ रोटियां डाली मतलब रोटी के टुकड़े करके और मेरे से बोली मिस्ट्रेस को शुक्रिया करो के तुम्हे रोटी तोड़ कर दे रही हूं समझे
मैने मिस्ट्रेस को शुक्रिया कहा के आप अपने गुलाम का इतना ध्यान रखती है फिर मुझे रोटी और दूध खाने का ऑर्डर दिया जीभ से चाट चाट कर और साथ ही हुकुम्य भी था के उसकी ड्रेस पर एक भी दाग नही लगाना चाहिए दूध गिरने का और ना ही कटोरी पलटनी चाहिए जिससे उसका फर्श गंदा हो अगर ऐसा हुआ तो जमीन चाट चाट कर साफ करनी पड़ेगी जीभ से साफ कराएगी इंस्ट्रक्शन दिया और बोली थक गए होगे चलो अपना खाना खत्म कर लो उसके बाद तुम रेस्ट कर लेना थोड़ी देर के लिए ऑर्डर दे कर गई के वो जब तक वापस आए कटोरी खाली हो जानी चाहिए अगर मुझे हंटर खाने की इच्छा ना हो
मैने कहा जी मिस्ट्रेस
वो वहा से गई और मैने अपना सारा ध्यान खाने पर लगाया क्यों के वो जन बुझ कर अपने कमरे में बैठी बैठी पैर पटक रही थी जिससे मुझे ऐसा लगे के वो आ रही है और में जल्दी जल्दी खाने पर फोकस करने लगता में उसने दुख में चीनी भी नही डाली थी सिर्फ दूध और रोटी कौन खाता है मुझे तो बॉमिट जैसा फील हो रहा था पर कर क्या सकता था तो बस अपनी फूटी किस्मत समझ कर जैसे तैसे खा लिया क्यों के पीठ और बम में बहुत दर्द हो रहा था
मैने जल्दी जल्दी खाना खत्म किया और पीठ नीचे और हाथ नीचे और पेट ऊपर इस तरह से लेट गया और हाथ को खोलने की कोशिश करने का प्लान बनाया क्यों के अगर हाथ खुल गए एक बार तो ये सोकॉल मिस्ट्रेस घर में अकेली ही है जिसे में आराम से मैनेज कर लूंगा बस किसी तरह से हाथ खूल जाए फिर इसको ऐसे ऐसे जगह लाल करूंगा जो इसकी सात पीढ़ी याद रखे और ये सब सोच कर में लेट कर आंखे बंद करके हाथ खोलने की कोशिश करने लगा और थोड़ा थोड़ा सा ऐसा लग भी रहा था जैसे में सक्सेस फुल भी हो रहा हूं
में फोकस करने के लिए आंखें बंद करके कोशिश कर रहा था और पता नही कब श्रुति आ गई और उसने मेरे गले में एक चैन बांध दी और उसमे ताला लगा दिया और उस चैन का एक सिरा सोफे के पैर से डाल कर लॉक कर दिया फिर मेरे सिर पर हाथ फिराकर बोलती मेरा प्यारा गुलाम कितने आराम से सो रहा है थक गया लगता है
थोड़ी देर आराम कर लो अभी तुम्हे बहुत मेहनत करनी है जागने के बाद तुम्हे कुत्ते के फेस वाला मुखौटा और ड्रेस भी पहननी है उसके लिए तुम्हारा पूरी तरह से आराम करना बहुत जरूरी है क्यों के अगर तुम थके हुए होगे तो ठीक से फॉक्स नही कर पाओगे
वैसे तो में जगा रहा था पर मैने ऐसे नाटक किया जैसे मै बहुत गहरी नींद में सो रहा हु फिर जब वो चली गई मैने अपने गले में लगी चैन को देखा उसमे एक मोटा सा तला लगा था चैन भी लोहे की थी और जिस तरह से लॉक थी मै अपना गला उस चैन से बिना तला खोले नही निकल सकता था ये फाइनल हो गया था
अब मेरे पास दो ऑप्शन थे हाथ खोलने पर फिक्स चालू रखूं और अगर हाथ खुल जाए तो इस गले की चैन का ऑप्शन देखूं जो की मुझे मिल भी गया क्यों के सोफा वैसे तो भरी था पर अगर में अपनी पूरी ताकत लगा दूं तो चांस है के सोफा के पाए से में चैन के दूसरे छोर को निकाल भी लूं और चैन को हाथ में पकड़ कर में इस चुड़ैल पर हमला करूं तो कुछ काम बन भी सकता है
पर तभी मुझे याद आया के मेरे पैर भी मेरे हील्स के साथ एक दूसरे से बंधे हुए है मतलब पहले हाथ खोलना होगा फिर पैर और फिर पूरी ताकत से सोफे को ऊपर करके चैन को बाहर निकालना अहि और फिर इस चुड़ैल को बांध कर इससे अपने पैरो पर नाक रगड़वानी है फिर घर जाना है
में लेटे लेते मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहा था के ये कर लूंगा वो कर लूंगा और ये हाथ खोलने की कोशिश करूंग पर पता नही में कब सो गया और जब जगा तो बहुत अजीब सी बदबू आ रही थी आंखो पर स्कार्फ फिर से बांधा हुआ था हाथ पीछे के बजाय अब मेरे गले में पड़ी चैन के साथ अटैच करके लोहे के हैंडकफ से बंधे हुए थे
में कुछ बोलने की कोशिश कर रहा था और श्रुति को आवाज लगाकर बुलाना चाहता था के मुझे होश आ गया है और मुझे कहा बांध रखा है पर जैसे ही मैने मुंह खोलने की कोशिश की में मुझे लगा जैसे मेरे दोनो हाथ एक दूसरे से चिपक गए है और मेरा मुंह पूरी तरह से बंद था में डर गया था हाथ भी गले से बंधे लग रहे थे ज्यादा स्पेस नही था हिलाने डुलाने का तो पैर भी मुझे लगा जैसे किसी चीज से बंधे हो तो वो भी हिल नही सकते थे
थोड़ी देर खुलने की नाकाम कोशिश करने के बाद मुझे एक बात समझ आ गई थी के में भाग नही सकता हूं और कोई फायदा नही अपनी एनर्जी बेस्ट करने का तो में चुपचाप खड़ा हो गया फिर मुझे श्रुति की आवाज सुनाई दी और बोली ओह मेरा प्यारा गुलाम जाग गया क्या
तुमसोच रहे होगे के तुम्हे ऐसे क्यों बांध रखा है और ये थोड़ी सी स्टिकिंग वाली बदबू आ रही होगी है ना
वो क्या है कुछ गेस्ट आने वाले हैं इसलिए मैने तुम्हे अपने स्टोर रूम के वाशरूम में बांध रखा है तो इसमें कुछ डरने की बात नही है
तुम सोच रहे होगे के में तुम्हारी आंखे और मुंह क्यों बंद किया है वो क्या है बेसमेंट काफी दिन से बंद है और ये वाशरूम कई दिन से साफ नही हुआ वो कोई उसे नही करता ना और बारिश में थोड़े बहुत लीकेज से इसमें पानी गया था तो थोड़ी सी बदबू है पर तुम मुझे उम्मीद है मैनेज कर लोगे
और वो मुंह पर एक खास लोशन लगाया है इससे तुम्हारे हाथ आपस में चिपक गए है पर तुम डर मत मेरे पास उसका सॉल्व्वेंट है उससे होंठ अलग हो जाते है तुम्हे डरने की जरा भी जरूरत नही है
और तुम्हारे पैर मैने एक खास तरीके से लॉक किए है वो अपनी जगह से हिल नही पाएंगे वो क्या है काक्रोच चूहे छिपकली यहां घूमते रहेंगे कही तुम भूल से उन्हे डरा या उन्हे नुकसान पहुंचा सकते हो तुम्हे इस बात का खुला रखना चाहिए के तुम उनके घर में कैद हो वो तुम्हारे घर में नही है
एक लास्ट बात तुम यह अगले 2 घंटे तक ऐसे ही लॉक रहेने वाले हो और इसके पीछे का कारण है तुमने खुद को खोलने की कोशिश की और जो की तुम्हे नही करना चाहिए था तुम अपने आप को ये बात याद दिलाओ के तुम अब कही जाने वाले नही हो अब तुम हमेशा हमेशा के लिए मेरे प्यारे गुलाम बन कर रहोगे और मेरी हर बात को मानना ही तुम्हारे जिंदगी का एक मात्र फर्ज है
दुबारा अगर भागने की कोशिश की तो 24 घंटे यही बांध कर रखूंगी समझे अगले दो घंटे बाद मिलेंगे वैसे जाने से पहले तुम्हारे एंटरटेनमेंट में कोई कमी ना हो इसलिए में इस वाशरूम में पी करने जा रही हूं तुम सोचो तुम्हारी मिस्ट्रेस तुम्हारे सामने पी कर रही है क्या तुम अपनी मिस्ट्रेस को थैंक्स नही बोलना चाहिए बोलो और फिर मैने जल्दी से हां में सिर हिला दिया और फिर मुझे पानी के गिरने की आवाज सुनाई दी मतलब ये कुटिया मेरे सामने मूत रही है और ये क्या इसने फ्लैश भी नही किया मुझे अभी से बदबू आने लगी में उसे पानी डलने के लिए बोलने की कोशिश करने लगा पर कोई फायदा नही हुआ बस उसके जाने की आवास सुनाई दे रही थी यह बहुत गर्मी थी एसी या पंखा कुछ नही था
इस कुटिया के जाते ही थोड़ी ही देर में मुझे समझ आ गया के यहां 2 घंटे काटना पनिशमेंट क्यों है
यह बहुत अजीब सी बदबू है वाशरूम है और चूहे के इधर उधर भागते होने की आवाज भी आ रही है
तभी मुझे एक आवाज सुनाई दी 1 घंटा 50 मिनट बाकी
फिर मुझे मेरे कान में कुछ सुनाई दिया श्रुति की आवाज थी डर तो नही लग रहे मेरे गुलाम उम्मीद है तुम अपनी कैद का पूरा मजा ले रहे होगे अगर तुम्हे कुछ ही परेशानी लगे जोर जोर से चीखने की कोशिश करना मुझे मजा आएगा पर मदद तो दो घंटे बाद ही आयेगी
अब तुम आराम से दो घंटे सोचो के आखिर तुम्हारे साथ ये सब क्यों हो रहा है और आगे तुम्हारे साथ और क्या होना बाकी है
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