पहले पार्ट का लिंक Part 1
एक दिन मैं पढ़ाई कर रहा था, मेरी बुक पर मेरे बाल गिरे हुए थे, जिन्हे मैं बहुत गौर से देख रहा था, तभी भाभी बोली, इतनी गौर से क्या देख रहे हो, मैने बोला कुछ नही, शायद मेरे बाल झड़ रहे है, भाभी बोली बाल बढ़ा क्यों रखे है, अगर उनकी केयर नही कर सकते, कटा लो, चाहो तो मैं काट देती हूं।
मैं बोला भाभी वो तो आसान काम है, मुश्किल है बढ़ाना और मैनेज करना ,आप सही कहे रही हो, क्या आप मेरी हेल्प करोगे, अपने बालो की केयर करने में,भाभी अगर तुम मेरी ननद होते, तो खुशी से मदद करती, क्यों के बदले में, वो मेरा घर के कामों में, हेल्प करती, पर तुम तो ,मेरा काम ही बढ़ा रहे हो, अब मैं तुम्हारे बालो की भी, टेंशन अपने सिर पर ले लूं तो, एक काम और बढ़ जायेगा, इसलिए सॉरी,नही कर सकती हू कोई हेल्प, कहेकर भाभी चली गई।
मुझे भाभी की बात, बहुत बुरी लगी पर थोड़ा सोचने पर, समझ आया, बात तो सही कहे रही है, फिर मैंने भाभी से पूछा, अगर मैं आपकी ननद होता, मान लो तो, क्या हेल्प कराता, मुझे बताओ, भाभी बोली, बहुत सी हेल्प हो जाती, जैसे मैने कपड़े धो दिए है, जाकर छत पर सुखा देती, मैं बोला , अभी सुखा के आ जाता हूं, और मैं झट से कपड़े, सुखा कर आ गया, कपड़ो में भाभी की, ब्रा पैंटी पेटीकोट साड़ी थे
फिर भाभी बोली ये बर्तन धो देती, जब तक मैं घर में पोछा लगा देती, तो मैं बर्तन धोने लगा, और भाभी पोछा लगाने लगी, फिर खाना बन गया, हमने साथ खाया, भाभी बोली अगर मेरी नंद होती, तो वो बर्तन धो देती, और मैं कुछ देर आराम कर लेती, मै भाभी और मेरे बर्तन किचन में ले गया, और धो दिए, और भाभी अपने कमरे में जाने लगी, और मुझे थैंक्स बोली, फिर मुझे बोली, चलो मैं तुम्हारी पढ़ाई में हेल्प कर देती हूं।
और मुझे एक क्वेश्चन पेपर दिया, और बोली ये पेपर, तुम्हे 2 घंटे में सॉल्व करना है, और 90% मार्क्स लाने है, अगर 90% नंबर नही आए तो, सजा मिलेगी, या गिफ्ट मिलेगा, तुम्हारा टाइम शुरू होता है अब, और मुझे पेपर दे कर अलार्म लगाकर, अपने कमरे में चली गई।
भाभी लगभग 2 घंटे बाद आई, और मेरा पेपर चेक किया, मेरे 70 मार्क्स आए थे, क्यों के भाभी ने, एक घंटा काम दिया था। मैंने भाभी को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नही हुआ। और मुझे भाभी की पुनिशमेंट को मानना पड़ा।
भाभी बोली, तुम्हारी पनिशमेंट आसान है, में हर दिन, एक क्वेश्चन पेपर दूंगी, किसी भी सब्जेक्ट का रैंडमली, और पेपर की डिफीकलटी के बेज पर टाइम दूंगी, तुम्हे 95% या उसे ज्यादा नंबर लाने है, पिछले दिन की सजा को खत्म करने के लिए, अगर तुम 92% से कम लाते हो तो सजा, और घर का काम और अगर ज्यादा लाते हो तो, घर का काम और सजा से बच जाओगे ।
और क्यों के आज पहला दिन है, तो छोटी सी सजा है, फिर भाभी ने मेरे बालो में तेल डाला, और फिर दोनो साइड की दो चोटी बना दी, और हस्ते हुए बोली, अब क्या मेकअप का इंतजार कर रहे हो, जाकर छत से कपड़े ले आओ, सुख गए होंगे
मैंने पूछा मैं ऐसे छत पर कैसे जाऊंगा। कोई देख लेगा तो, इस पर भाभी बोली, हेयरस्टायल देखने के लिए ही होती है, अब जाओ लेकर आओ जल्दी से । में न चाहते हुए भी कपड़े लेने छत पर गया, पर शुक्र है किसी ने मुझे देखा नही।
पर अब मेरे बालो में दो चोटी थी, जैसे मैं कोई छोटी लड़की हूं, बहुत ही अजीब सी फीलिंग आ रही थी, बार बार मन कर रहा था, के खुद को आईने में देखूं, पर भाभी ने ऑर्डर दिया था, पढ़ाई करने का, और कल के लिए चेताया भी था, के अगर कल 95% नंबर नही आए, तो आज तो लड़कियों की हेयर स्टाइल बनाई है कल फ्रॉक भी पहेना देगी।
और जब तक मेरे 95% नही आए, तब तक पिछली सजा चलती रहेगी, आज तो किस्मतअच्छी थी, किसी ने नहीं देखा, पर अगर कही फ्रॉक पहेन्नी पड़ गई, तो क्या होगा मेरा और तब कैसे छत पर जाऊंगा। में ये सब सोच ही रहा था।तभी भाभी ने मुझे अपना फोन दिया, जिसमे वीडियो कॉल पर मां थी, मेरी मौसी के साथ ।
वो दोनो मेरी हेयराटाइल देख कर, जोर जोर से हसने लगे, और मां ने पूछा ये कैसे बाल बना रखे है, तो मैने, भाभी का नाम लेकर कहा के, भाभी ने किया है, तो भाभी हस्ते हुए बोली तो और क्या करती मैने पेपर सॉल्व करने को दिया था, 70 नंबर भी नही ला पाए, हजार बार समझाया मोबाइल और रील से दूर रहो, पर जब देखो तब कांच के सामने पोज दे कर, सेल्फी लेकर पोस्ट करनी है, तो मैंने ये कर दिया, अब लो सेल्फी और करो पोस्ट।
मां और मौसी दोनो एक साथ बोली सही किया, मेरी तो एक बात नही सुनता था, हमारी तरफ से पूरी छूट है, अगर पढ़ाई ना करे तो, जो मर्जी हो वो सजा दो, मुझे कोई परेशानी नही है। और फिर भाभी और मां आपस में बात करने लगे और मैंने खुद को फोकस करके पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया
ये एक लंबी कहानी है जो पार्ट्स में आयेगी, इसमें सब कुछ है, क्रोस्ड्रेसिंग, बॉन्डेज रस्सी से चैन से दुप्पटे से , इमोशन रोमांस , रेवेंज और प्यार। आपके कॉमेंट्स ही मेरा मोटिवेशन है।
पूरे घर में पोछा लगाते हुए, आराम चाहिए था पर जाति कहा, आराम करने, अब तो मेरे कमरे में लॉक था, तो टीवी के सामने लगे सोफे पर, जहां पर पूरा दिन काटती थी, हिम्मत नही हो रही थी बैठने की, मां कही इसी बात पर कोई ताना न मार दे, और मां ने शायद मेरी आंखों में पढ़ लिया, और बोली खड़ी क्या है, मेरे पास आ, और में जब उनके पास गई, मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सोफे के साइड में नीचे बिठा दिया, और बोली अपनी हालत देख, सोफे पर बैठ कर सोफे को गंदा करेगी क्या, कितनी गंदी साड़ी कर रखी है, और तुझे बोला था ना पल्लू सिर पर होना चाहिए, मुझे अचानक याद आया के आंटी ने हटाया था, मैंने बोला ही था के आंटी ने, तभी मां बोली क्यों तेरे हाथ टूटे है, दुबारा पल्लू डाल नही सकती थी, अच्छा तो तुझे शर्म आ रही होगी ना पल्लू डालने में।
मुझे अब अपने गुस्से से काबू खत्म हों रहा था, मां ने ये बात नोट कर ली, और पता नही, कब वो मेरे सामने से मेरे पीठ के पीछे आई, और मेरे दोनो हाथ मेरी पीठ के पीछे पास ही पड़े एक डुप्पट्टे से बांध दिए, और बोली रस्सी जल गई पर बल नही गया, गुस्सा अभी भी नाक पर ही है, पर में देखती हूं कब तक, और फिर पता नही क्या चैन सी लाई, मेरे गले में पहिना दिया, और मुझे जैसे मैं कोई जानवर होऊं, ऐसे मुझे मेरे कमरे में लेकर गई, और घर की छत पर लगे हैंगर से मेरे गले की सांकड़ को बांध दिया, अब मैं चाह कर भी, ज्यादा दूर नहीं जा सकती, और न बैठ सकती थी, बस खड़े रहे सकती थी, हाथ अब भी पीछे ही बांधे हुए थे, मां मुझे ऐसे ही बांध कर कमरे से बाहर चली गई, और थोड़ी देर बाद एक और चैन लेकर आई, और मेरे हाथो को, मेरी पीठ के पीछे से मेरे गले की साकड़ से जोड़ कर लॉक कर दिया, और फिर मेरा हाथ का दुप्पटा खोल दिया, मेरे कमरे का गेट खुला ही था पर मैं बंधी हुई थी ।
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