मेरा नाम समीर है, मेरी उम्र 24 साल है, में कॉलेज में BSC 3rd ईयर में पढ़ता हूँ,मेरे परिवार में माता पिता है और एक बड़ा भाई है जिसकी उम्र 31 साल है उसकी शादी हो चुकी है और उसे एक बेटा है, भाभी का नाम पूजा है वो 26 साल की है बहोत ही खूबसूरत और प्यारी सी, ये कहानी शरू होती है जब महिला दिवस यानी 8 मार्च का दिन महिला दिवस था, भैय्या मार्केटिंग की जॉब करते है जिसके लिए उन्हें हफ्ते में 2 से 3 दिन दूसरे शहर में जाना होता है,माताजी और पिताजी 2 दिनों के लिए शादी में गए हुए थे भैय्या भी घर पर नही थे केवल मैं ,पूजा भाभी और उनका 3 साल का बेटा रोहन ही थे, सुबह जब मैं नाश्ता करने रूम में गया तो देखा भाभी ने नाश्ता बना कर टेबल पर रखा हुआ था,वो नहा कर तैयार हो चुकी थी, मैं ने भाभी को गुड़ मॉर्निंग बोला और अचंभे से पूछा, भाभी क्या बात है आज तो आप दुल्हन की तरह सझ धज के तैय्यार हुई हो कहीँ जा रही हो या आज आपका Wedding Anniversary है ? भाभी मुस्कुराई और बोली ना तो आज मेरी Wedding Anniversery है ना मैं कहीं जा रही हूँ लेकिन आज एक खास दिन है ? मैंने पूछा ऐसा क्या स्पेशल दिन है के आप दुल्हन की तरह तैय्यार हुई हो? भाभी बोली के आज Womens Day (महिला दिवस) है, मैं ज़ोर से हँसा और बोला भाभी तो इसमें क्या दुल्हन बनने का कोई कॉम्पिटिशन है क्या ? मेरे हंसने पर भाभी की मुस्कुराहट गायब हो गयी, बोली इसमें हंसने की क्या बात थी ? महिला दिवस पर महिलाएँ सजती संवरती है , कई प्रोग्राम और कॉम्पिटिशन होते है ड्रामे प्ले होते है लेकिन आज भी तुम्हारे भैय्या घर पर नही, और तुम मेरा मज़ाक़ बना रहे हो ? मैं शर्मिंदा हो गया और बोला सॉरी भाभी, मैं आपका दिल नही दुखाना चाहता था मुझे इसकी जानकारी नही थी इसलिए गलती हो गयी, भाभी का गुस्सा कम हुआ वो बोली अगर किसी बात की जानकारी नही तो ऐसे मज़ाक़ नही बनाना चाहिए,पहले जानकारी लेनी चाहिए,मैं ने बात खत्म करने कहा ठीक है भाभी, भाभी ने पूछा क्या ठीक है,मैं बोला जो आपने कहा, और हाँ महिला दिवस की शुभकामनाएं, भाभी ने कहा सिर्फ शुभकामनाएं देने से कुछ नही होगा तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी, मैं ने पूछा कौनसी बात मैं तैयार हूँ, भाभी बोली आज महिला दिवस है और में उसे एन्जॉय करना चाहती हूँ, मैं बोला ठीक है भाभी , अचानक भाभी की आँखों मे चमक आई और वो बोली तुम्हे एक महिला बनना पड़ेगा मैं तुम्हे एक औरत की तरह तैय्यार करूँगी और एक महिला की तरह तुम्हें दिन भर रहना होगा, मैं चौंक गया और बोला , भाभी ये कैसे हो सकता है ? मैं एक पुरुष हूँ मैं महिला नही बनना चाहता प्लीज किसी दूसरी तरह एन्जॉय करते है हम बाहर कहीं जाते है या कोई मूवी देखने जाते है, पर भाभी अब ठान चुकी थी के मुझे औरत बनाना है वो बोली तुमने मेरा दिल दुखाया और सारी महिलाओं का अपमान किया है इसके बदले तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी,मैं मना करने लगा पर भाभी नही मानी, कभी प्यार से तो कभी गुस्सा से, आखिर में मैं तैय्यार हो गया और बोला सिर्फ एक 2 घंटे के लिए ही करना और घर पर कोई भी आ सकता है भाभी बोली तुम चिंता मत करो मैं किसी को नही बताऊँगी और कोई आ भी गया तो तुम्हे छुपा दूंगी,मैं शर्माते हुए बोला पर भाभी मेरे पास तो महिलाओं के कपड़े नही है, भाभी मुस्कुरा के बोली तुम चिंता ना करो मैं आज तुम्हे भी अपनी तरह सजाऊँगी अपना दुल्हन का ड्रेस पहना कर मेकअप करूँगी, मैं घबरा कर बोला भाभी प्लीज ऐसा मत करो मैं आपका दुल्हन वाला ड्रेस नही पहनना चाहता, आप कोई शलवार सूट पहना कर बात खत्म करो, भाभी बोली आज महिला दिवस है तुम्हे मैं आज पूरी महिला बनाऊंगी, एक दुल्हन बना कर महिलाओं की फीलिंग का तुम्हे एहसास करूँगी, ये कह कर भाभी बोली तुम नहाने चले जाओ मैं अंडर गारमेंट्स लाती हूँ, मैं बाथरूम नहाने चला गया,भाभी वहां आकर बोली अच्छे से शेविंग करो और एक रेड नई पैंटी मुझे देकर बोली नहाने के बाद इसे पहन कर टॉवल लपेट कर मेरे रूम में आजाओ मैं तब तक कपड़े ज्वेलरी और मेकअप का सामान तैय्यार करती हूँ, मैंने अच्छे से शेविंग कर के नहाया फिर जब पैंटी हाथ मे ली तो एक अजीब एहसास हुआ, इतनी छोटी और लाल रंग की पैंटी पहनते हुए मुझे शर्म आने लगी,पैंटी पहन कर टॉवल से अपने बदन को छुपाए मैं भाभी के रूम में गया,जहाँ भाभी सारा सामान तैय्यार कर के बेचैनी से मेरा रास्ता देख रही थी मुझे यूं शर्माते देख वो हँस पड़ी, मैं बोला प्लीज भाभी मुझे जाने दो, वो बोला अभी तो शरू भी नही हुआ, 2 घंटे बाद जाने दूँगी चलो जल्दी आओ कह कर मुझे खींचा और मेरा टॉवल निकाल दिया, मैं शर्मा कर नीचे देखने लगा, भाभी हँसते हुए गयी और कपड़ो से एक रेड ब्रा मुझे देकर बोली इसे पहनो, मैं शर्माकर धीमी आवाज़ में बोला भाभी मुझे ब्रा पहनना नही आता आप हेल्प करो, भाभी बोली इस बार तो मैं हेल्प करूँगी लेकिन अगली बार खुद से पहनना, फिर उन्होंने मुझे ब्रा पहनाई, ब्रा के स्ट्रैप को सेट किया फिर ब्रा के कप में कॉटन डालकर फेक बूब्स बनाए और हँसने लगी, फिर एक रेड पेटीकोट पहनाया और कस के उसे बंधा, फिर भाभी ने दुल्हन वाला रेड ब्लाउज पहनना स्टार्ट किया, ब्लाउज थोड़ा टाइट था पर साइज परफेक्ट फिट आया,क्लीवेज उभर कर दिखने लगे, फिर ब्राइडल लहँगा पहनाया जो बहोत भारी था, उस पर काम भी बहोत सारा किया हुआ था, अब मैं खुद को महिला के टाइट और वेटेड कपड़ो में फील कर सकता था, अब भाभी ने एक लांग हेयर विग लाई और मेरे सर पर इसे फिक्स किया,इसके बाद मेकअप की बारी आई, मेरे चेहरे पर पता नही कौन कौनसे क्रीम लगाने लगी, ऑय ब्रो को सेट किया, काजल लगाया और एक डार्क लाल रंग की लिपिस्टिक होंठों पर लगाई, मैं चुप चाप बैठा रहा, भाभी बहोत खुश लग रही थी अब बारी आई ज्वेलरी की, पहले भाभी ने चूड़ियां और कंगन से कलाइयां भर दी, फिर पाऊँ में भारी पायल पहनाई, उसके बाद कानो में लम्बे (Clipon) झुमके पहनाए क्यों के मेरे कानों में छेद नही थे, फिर भाभी ने हैवी नेकलेस गले मे पहना दिया और कुछ ज्वेलरी बालों से लेकर कान के झुमकों तक पहनाई, फिर दुपट्टा लेफ्ट शोल्डर पे सेट किया, मैं एक दुल्हन बन चुका था,मुझे यकीन नही हो रहा था के ये दुल्हन मैं हूँ, आखिर में भाभी ने मेरी नाक में एक बड़ी से नथनी पहना दी,जिसके चैन मेरे होंठो को टच होकर कान के झुमकों को टच थी,मेरे होंठो पर टच होती नथनी से जैसे एक करंट लग रहा था, मैं हैरानी से बोला भाभी ये तो आपने कमाल कर दिया, कोई मुझे देख कर कह नही सकता के मैं एक महिला नही पुरुष हूँ, भाभी मुझे निहार रही थी और कुछ सोच रही थी, मैं खुद को बार बार आईने में देख रहा था, मेरे हाथों की चूड़ियां खनखन कर रही थी, मेरे पाऊँ की पायल छनछन कर रही थी, मेरे लंबे बाल पीठ पर लहरा रहे थे, कानों के झुमके गले के नेकलेस अपना एहसास दिला रहे थे, सब कुछ बदला बदला सा लग रहा था, तभी भाभी के बेटे रोहन के रोने की आवाज़ आयी तो भाभी ने उसे झूले से बाहर निकाला और उसे चुप कराने लगी, अब तक वो सो रहा था, नाश्ते के बाद नहाने और तैय्यार होने में करीब 2 घंटे हो गए थे अब भूख लगने लगी थी भाभी रोहन को गोद मे लिए बोली चलो नानंदजी किचन में चलते है,मैं तो शर्म से लाल हो गया एक हाथ से लहँगे को उठाये मैं भाभी के पीछे किचन में जाने लगा, मुझे चलने में दिक़्क़त हो रही थी, पायल के घुंगरू की आवाज़ चूड़ियों की आवाज़ से मुझे अब आनंद आने लगा था, किचन में पहोंच कर भाभी बोली आज दोपहर का खाना हमारी ननंद पकाएगी, रोज़ हमारे हाथ का पकाया खाना खाती हो आज अपने हाथों से पका कर हमें खिलाओ नानंदजी ये कह कर भाभी खिल खिला कर हंसने लगी, मैं धीमी आवाज़ में बोला मुझे खाना पकाना नही आता भाभी, अचानक भाभी गुस्से से बोली, बहु रानी को खाना पकाना नही आता ?क्या माता पिता ने कुछ सिखाया नही ऐसे ही ससुराल भेज दिया, मैं परेशान होकर बोला भाभी ये क्या कह रही हो ? भाभी बोली महिलाओं को ऐसे ही ताने दिए जाते है, मैं जब घर मे आयी थी सब काम करने के बावजूद तुम्हारी माताजी और मेरी सासूमाँ ऐसे ही बातें सुनाती थी, क्या अब एहसास हो रहा है के एक महिला को क्या क्या सहन करना पड़ता है ? मैं सर झुकाए चुप खड़ा रहा , भाभी बोली मैं जैसे जैसे बताऊँ वैसे कर के खाना बनाओ, मैं चुप चाप वही करने लगा जैसे भाभी कह रही थी, मुझे काम करने में बहोत दिक़्क़त आ रही थी, कभी मेरे लंबे बाल चेहरे पर आते, हाथों की चूड़ियों पाऊँ की पायल की आवाज़ से लग रहा था के कोई महिला काम कर रही है, खाना तैय्यार होने के बाद मैंने टेबल पर खाना लगाया, भाभी खाने खाते हुए बोली ये कैसा घटिया खाना है ? अब तक खाना बनाना नही सीखा ? अब मुझे एहसास हो रहा था के महिलाओं को क्या कुछ सहना पड़ता है मैं चुप था, खाना खाने के बाद भाभी ने मुझसे बर्तन धुलवाए अब 4 बजने को थे, मैं चाहता था के मैं ऐसे ही रहूँ पर डर रहा था के भाभी क्या सोचेगी, मैं भाभी से बोला के मुझे इजाज़त दें, अब मैं अपने पुरुष के रूप में आना चाहता हूँ, भाभी बोली अभी नही आज तो तुम्हें ऐसे ही रहना है मैं एन्जॉय करना चाहती हूँ, चाय बना कर लेकर आओ फिर रात का खाना भी बनाना है, मैंने चाय बना कर लायी, फिर कुछ देर हम गपशप करने लगे, भाभी बोली के तुम बहोत खूबसूरत लग रही हो तुम्हारा नामकरण करना होगा, फिर कुछ सोच कर बोली मेरे बेटे का नाम रोहन है तुम्हारा नाम आज से रोहिणी होगा, मैं शर्मा गया भाभी हँस कर बोली शर्माओ मत कोई दूसरा नाम पसंद हो तो वो रख दूँ ? मैं चुप रहा, भाभी बोली खाना बना लो खाना खाने के बाद मैं तुम्हे एक कम्पलीट महिला बना दूँगी, मैं ने पूछा भाभी आपने तो मुझे एक दुल्हन बना दिया है अब क्या कमी है मुझमे ?
भाभी मुस्कुरा कर बोली थोड़ी देर में पता चल जायेगा,
रात का खाना खाने के बाद भाभी ने रोहन को सुलाया और मुझसे बोली, मैं आवाज़ दूँगी तब आ जाना, ये कह कर मुझे बाहर जाने को कहा मेरे बाहर आने के बाद दरवाज़े को अंदर से बंद किया, मैं सोचने लगा के पता नही भाभी अब क्या करना चाहती है, कुछ देर बाद भाभी की आवाज़ आई रोहिणी, आ जाओ, अंदर जा कर देखा तो मैं हैरान रह गया, भाभी ने अपने कपड़े चेंज कर लिए थे इस समय वो भैय्या के कोट पैंट में थी, अपने लंबे बालों को छुपा कर बॉयज कट हेयर स्टाइल बनाई हुई थी, वो एक पुरुष लग रही थी और अपने पलंग को उन्हों ने फूलों से सजाया था, खुशबू आ रही थी, भाभी के हाथ मे एक प्लेट थी जिसमे एक डिब्बी और मंगलसूत्र रखा हुआ था, मैं हैरानी से बोला, भाभी ये सब क्या है ?
भाभी मुस्कुरा कर बोली यही सरप्राइज है, मैं एक मर्द की तरह हूँ और तुम्हें अपनी पत्नी बना कर तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा, अभी तुम एक लड़की हो, और लड़की से औरत बनाने के लिए पहले मैं तुम्हारी माँग में सिंदूर भरूँगा और तुम्हारे गले मे मंगलसूत्र पहनाऊंगा, उसके बाद सुहागरात होगी तभी तुम एक औरत बनोगे, यही मुझे तुमसे महिला दिवस पर गिफ्ट चाहिए के तुम मेरी पत्नी बनो, मैं हैरान व परेशान था, अंदर से मेरा मन हां और ना कर रहा था, आखिर भाभी आगे आई डिब्बी खोली और मेरी मांग में सिंदूर भर दिया, फिर मेरे गले मे अपने नाम का मंगलसूत्र पहना दिया, मंगलसूत्र पहनते ही मुझे जैसे करंट लगा, ऐसा लगा जैसे अब से मैं किसी और दुनिया का वासी हूँ, भाभी बोली अपने पति का आशीर्वाद लो, मैंने आशीर्वाद लिया, भाभी बोली जाओ किचन से हमारे लिए दूध का ग्लास लाओ, मैं झट से किचन की ओर चला गया, मैं अब खुद को एक औरत और भाभी की पत्नी मान चुका था, मैं ने कमरे में जाकर शर्माते हुए दूध का गिलास देकर बोला, पीजिए ना, भाभी बहोत खुश हुई और आधा गलास दूध पीकर मुझे पीने को कहा, मैं ने दूध पी लिया, अब वो बोले रोहिणी मेरी रानी ज़रा करीब तो आओ, मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था, सांसें तेज़ी से चलने लगी,मैं ने घूंघट बना कर अपना चेहरा छुपा लिया, वो करीब आकर बोले कब तक मुझसे छुपोगी आज तो सुहागरात है करीब आओ कह कर प्यार से घूंघट हटाया, फिर मेरे रसीले होंठों को चूसना शरू किया, मैं दिल से खुश था ऊपर से बचाव का नाटक करने लगा, वो होंठो को चूसने लगे फिर मेरा दुपट्टा निकाल दिया, फिर हौले हौले मेरा ब्लाउज के ऊपर से बूब्स को प्रेस करने लगे,मेरे neck पर किस करने लगे कभी मेरे बैक पर किस करने लगे, मेरी आहें निकलने लगी आह, आह, अब उन्हों ने मेरा ब्लाउज उतारा और मेरा लहँगा और पेटीकोट उतार दिया, अब मैं केवल लाल ब्रा और पैंटी में था, उन्हों ने मेरे सारे जेवेलेरी को भी उतार दिया केवल चूड़ियां और मंगलसूत्र रहने दिया, अब वो मेरे सारे शरीर को किस करने लगे, नाभि को और बूब्स को प्रेस करने लगे, मैं ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहा था आह, आह, अहा, ऐसे ही वो 2 घंटों तक मेरे साथ करते रहे अब हम दोनों थक चुके थे वो उठे और अलमारी से पिंक नाइटी देकर बोले इसे पहन कर सो जाओ अपने रूम में, मुझे नींद आ रही है, मैंने वो सेक्सी पिंक नाइटी पहनी और अपने रूम में जा कर सो गया,
सुबह नींद देर से खुली, कुछ अजीब लग रहा था, फिर अपने फेक बूब्स और ब्रा की टाइटनेस से कल का दिन याद आया तो मैं एक झटके से उठ बैठा, मैं अभी भी पिंक नाइटी में लाल चूड़ियां और गले मे मंगलसूत्र पहने हुए था