गुंजन और अभय: प्यार पागलपन और मुर्गा पनिशमेंट Gunjan & Abhay: Love, Madness, and the Murga Punishments

📝 Story Preview:

📚 Table of Contents – "गुंजन और अभय: सजा, प्यार और परिवर्तन की दास्तान"

Chapter 1: शादी के बाद की पहली शरारत

Chapter 2:अभय की झिझक और गुंजन का गेम

Chapter 3:सीक्रेट साइन: येलो चेन का वादा

Chapter 4:ड्रेस कोड और सजा की पहली रात

Chapter 5:प्यार से इनकार और सख्ती की शुरुआत

Chapter 6:तीन दिन की लगातार सजा

Chapter 7:दूरी में भी प्यार का आदेश

Chapter 8:वीडियो कॉल पर दर्द का सबूत

Chapter 9:जब सजा बनी एक्सरसाइज

Chapter 10:अभय का नया फिटर अवतार

Chapter 11:"Guilt-Free Punishment" – एक अनोखा प्लेटफॉर्म

Chapter 12:पैसे लेकर सजा: नया प्रोफेशन

Chapter 13:छात्र की मदद: दर्द से छुटकारा

Chapter 14:सजा से बना सुधार का रास्ता

Chapter 15:‘द आयरन टीचर’ की पहचान

Chapter 16:टॉर्चर से आतंकियों से सच उगलवाना

Chapter 17:महिलाओं की सुरक्षा की योद्धा बनी गुंजन

Chapter 18:देह व्यापार पर सख्त वार

Chapter 19:जब सजा बना जुनून और अभय का नर्क

Chapter 20:अभय की मुक्ति और गुंजन का अकेलापन

Story credit to Abhay (My friend copied from his telegram account)


### गुंजन और अभय: प्यार, शरारत और एक नया एहसास  


#### शादी के दो दिन बाद...  

गुंजन और अभय की शादी को अभी बस दो ही दिन हुए थे। हनीमून जैसा ही माहौल था – हर पल प्यार, रोमांस और मस्ती से भरा हुआ। उनकी नई-नई शादी की मिठास हर छोटी बात में झलक रही थी। 

उस रात, दोनों अपने कमरे में थे। हल्की रोशनी, धीमा संगीत और चारों ओर बस प्यार का एहसास था। गुंजन अभय के सीने पर सिर रखकर मुस्करा रही थी। अचानक उसके दिमाग में एक शरारती ख्याल आया। 

"अभय, एक गेम खेलते हैं?" गुंजन ने उसकी शर्ट की बटन से खेलते हुए कहा। 

"कैसा गेम?" अभय ने प्यार से उसकी आँखों में झांकते हुए पूछा। 

गुंजन शरारती अंदाज में बोली, "तुम मेरे सामने थोड़ी देर के लिए मुर्गा बन जाओ। बस एक रोमांटिक मज़ेदार गेम के लिए।"  

अभय का चेहरा हैरानी से खुला का खुला रह गया। "क्या? मैं मुर्गा बनूं? ये कैसा गेम हुआ?" 

#### अभय की झिझक  

अभय को ये अजीब लग रहा था। उसे लगा कि ये कुछ ज्यादा ही अटपटा आइडिया है। 

"गुंजन, प्लीज़! ये कैसी डिमांड है?" अभय ने संजीदगी से कहा। 

गुंजन ने उसकी शर्ट पकड़कर प्यार से उसे अपनी ओर खींचा और मीठी आवाज़ में बोली, "प्लीज़ ना... बस थोड़ी देर के लिए। मज़ा आएगा, ट्रस्ट मी। दर्द और प्यार का कॉम्बिनेशन सोचो।"  

अभय अब भी झिझक रहा था, लेकिन गुंजन ने उसकी ठुड्डी पकड़कर उसे गहरी निगाहों से देखा। 

"अगर तुम मुझसे प्यार करते हो, तो मेरी ये छोटी-सी बात मान लो। ये बस एक गेम है, एक मज़ेदार शरारत।" 

अभय ने गहरी सांस ली। वो अपनी पत्नी को ना नहीं कह सकता था, खासकर जब उसकी आँखों में इतनी मासूमियत और शरारत थी। 


#### अभय की हिम्मत और रोमांटिक ट्विस्ट  

थोड़ी देर की झिझक के बाद, अभय ने धीरे-धीरे अपने कान पकड़े और झुक गया। 

गुंजन खुशी से ताली बजाते हुए बोली, "ओह माय गॉड! तुम सच में मान गए! कितना क्यूट लग रहे हो!"  

अभय ने शर्माते हुए कहा, "बस ज्यादा मत हंसो। और जल्दी खत्म करो।"  

लेकिन गुंजन को तो मज़ा आ रहा था। उसने हल्की-सी छड़ी उठाई और प्यार से अभय की पीठ पर एक हल्का झटका दिया। 

"उफ़्फ़! दर्द और प्यार एक साथ... कैसा लग रहा है?" गुंजन ने उसकी आँखों में देखते हुए पूछा। 

अभय की सांसें तेज़ हो गईं। उसे भी कुछ नया अनुभव हो रहा था – हल्का दर्द, शरारत, और उनकी बढ़ती नज़दीकियाँ। 

गुंजन ने धीरे से उसके कानों में फुसफुसाया, "अब तो समझ आएगा कि मेरी हर छोटी बात माननी चाहिए?"  

अभय ने उसकी ओर देखा, मुस्कराया, और अचानक उसे पकड़कर पलंग पर गिरा दिया। 

"अब मेरी बारी!" अभय ने उसे अपनी बाहों में समेटते हुए कहा। 

गुंजन खिलखिला उठी, और फिर उस रात उनकी नई जिंदगी का एक और हसीन पन्ना जुड़ गया—दर्द, प्यार, और रोमांटिक शरारतों से भरा।



### गुंजन और अभय: प्यार, शरारत और एक अनोखा वादा  


#### गुंजन का जन्मदिन  

गुंजन का आज जन्मदिन था। सुबह से ही वो खुश थी, लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। उसे अभय को मुर्गा बनते देखना बहुत अच्छा लगता था – जैसे कोई शरारती बच्चा स्कूल में सजा पा रहा हो। लेकिन हर बार उसे बहुत रिक्वेस्ट करनी पड़ती थी, मनाना पड़ता था, तब जाकर अभय मानता था। 

अभय को इस बात का एहसास हो चुका था कि उसकी पत्नी को इस खेल में बहुत मज़ा आता है। और आज उसके जन्मदिन पर, उसने एक खास प्लान बनाया। 

रात को डिनर के बाद अभय ने गुंजन को एक खूबसूरत पीली चेन (Yellow Chain) गिफ्ट की। 

गुंजन ने चेन को देखा और उसकी आँखें खुशी से चमक उठीं। "अरे वाह! ये तो बहुत सुंदर है, थैंक यू सो मच!" 

अभय मुस्कुराया और बोला, "ये सिर्फ गिफ्ट नहीं है, ये एक सीक्रेट साइन भी है।"  

गुंजन ने हैरानी से पूछा, "मतलब?"  

अभय ने थोड़ा शरमाते हुए कहा, "जब भी तुम ये येलो चेन पहनोगी और व्हाइट शर्ट, ब्लैक जींस और हाथ में बेल्ट लोगी... मैं बिना किसी बहाने के, बिना किसी नखरे के... खुद ही मुर्गा बन जाऊँगा।"  

गुंजन की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसकी आँखों में शरारत चमक उठी। 

"सच में?" उसने रोमांटिक अंदाज में पूछा। 

अभय ने सिर हिलाया, "लेकिन एक शर्त है... ये बात सिर्फ हमारे बीच ही रहेगी। कोई तीसरा इंसान इसे कभी नहीं जानना चाहिए।"  

गुंजन ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और धीरे से कहा, "डील पक्की!"  

#### पहली बार सीक्रेट गेम  

गुंजन ने तुरंत अपनी येलो चेन पहनी, व्हाइट शर्ट और ब्लैक जींस पहनी, और हाथ में बेल्ट पकड़ ली। 

अभय ने उसे देखा और बिना किसी सवाल के, बिना किसी हिचकिचाहट के, सीधे अपने कान पकड़कर मुर्गा बन गया। 

गुंजन ने उसके चारों ओर घूमते हुए शरारती अंदाज में कहा, "अब तो तुम्हें खुद ही बनना पड़ेगा जब भी मैं इस ड्रेस में रहूँगी!"  

अभय ने हंसते हुए कहा, "हां हां, अब तो जिंदगीभर तुम्हारे हर आदेश पर मुर्गा बनना पड़ेगा!"  

गुंजन ने प्यार से उसकी पीठ पर हल्की सी बेल्ट मारी और कहा, "लेकिन मजा तो आ रहा है ना?"  

अभय ने मुस्कुराते हुए कहा, "जब तुम्हारी खुशी इसमें है, तो मुझे भी मज़ा आता है।"  

और इस तरह उनकी जिंदगी में प्यार और शरारत का एक नया गेम शुरू हो गया—सीक्रेट, सिर्फ उनके बीच!


### गुंजन और अभय: प्यार, गुस्सा और सीक्रेट गेम  


#### रसोई में रोमांस और इनकार  


शाम का समय था। गुंजन किचन में खाना बना रही थी, और अभय पास ही बैठा मोबाइल चला रहा था। हल्की रोमांटिक धुन बज रही थी। अचानक, गुंजन ने मुस्कुराते हुए कहा, 

"डार्लिंग, एक मिनट के लिए मुर्गा बन जाओ ना, बड़ा अच्छा लगेगा!"  

अभय हंस पड़ा और बोला, "सॉरी मैडम, लेकिन ड्रेस कोड पूरा नहीं है!"  

गुंजन ने थोड़ी शरारत से कहा, "अरे, ड्रेस कोड मत देखो, बस मेरी बात मान लो।"  

अभय ने सिर हिलाया, "नियम तो नियम होते हैं, जब तक तुम येलो चेन, व्हाइट शर्ट, ब्लैक जींस और बेल्ट के साथ नहीं होगी, मैं मुर्गा नहीं बनूंगा!"  

गुंजन ने गहरी सांस ली। "अच्छा, मतलब प्यार से समझाने से कुछ नहीं होता?"  

अभय ने मजाक में कहा, "बिल्कुल नहीं, नियम तोड़ना ठीक नहीं!"  

#### गुंजन का गुस्सा और सजा  

गुंजन को थोड़ी देर तक तो कुछ नहीं कहा, लेकिन अंदर ही अंदर उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। उसने खाना बनाया, टेबल सेट किया, लेकिन उसके चेहरे पर एक सख्त टीचर वाला एक्सप्रेशन था। 

थोड़ी ही देर में वह किचन से बाहर निकली, लेकिन अब उसकी वेशभूषा पूरी तरह बदल चुकी थी—व्हाइट शर्ट, ब्लैक जींस, गले में येलो चेन और हाथ में बेल्ट!  

अभय की हंसी गायब हो गई। 

गुंजन ने ठंडी आवाज़ में कहा, "अब तो कोई बहाना नहीं चलेगा। मुर्गा बनो!"  

अभय ने थोड़ा बचने की कोशिश की, "अरे यार, अभी-अभी तो मज़ाक कर रहा था, इतनी जल्दी गुस्सा?"  

गुंजन ने सख्त लहजे में कहा, "अब गुस्सा नहीं, सजा मिलेगी! प्यार की भाषा समझ नहीं आती ना? तो अब टीचर वाली भाषा समझाओंगी!"  

#### तीन दिन तक लगातार सजा  

अभय को कोई और रास्ता नहीं दिखा। उसे धीरे-धीरे कान पकड़कर मुर्गा बनना पड़ा। 

पहले दिन, गुंजन ने उसे 20 मिनट तक किचन में मुर्गा बनाए रखा। जब अभय ने हल्की सी भी हिलने की कोशिश की, 'थाप!' – उसकी बेल्ट हल्के से चल गई। 

"डर मत, ये सिर्फ याद दिलाने के लिए है कि नियम सब पर लागू होते हैं!" गुंजन ने शरारती मुस्कान के साथ कहा। 

अगले दो दिन तक, जैसे ही अभय किचन में आता, गुंजन अपने ड्रेस कोड में तैयार मिलती। 

"अब ड्रेस कोड पूरा है ना? अब बच नहीं सकते!"  

तीसरे दिन के बाद, अभय ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "अब समझ आ गया कि प्यार की भाषा को इग्नोर करना भारी पड़ सकता है!"  

गुंजन ने मुस्कुराते हुए कहा, "अब तुमसे प्यार से जो कहूँगी, वो बिना ड्रेस कोड के भी मानोगे ना?"  

अभय ने सिर झुकाकर कहा, "हाँ मैडम, हां जान!"  

और इस तरह, उनकी शादीशुदा जिंदगी में प्यार, रोमांस और सख्ती का यह अजीब लेकिन मज़ेदार खेल चलता रहा – कभी प्यार से, कभी गुस्से से, लेकिन हमेशा एक-दूसरे की खुशी के लिए!


### गुंजन और अभय: दूरियों में भी प्यार और सख्ती  


#### अभय की ट्रेनिंग और दूरियां  

अभय की बैंक की ट्रेनिंग शुरू हो गई थी, और उसे शहर से बाहर जाना पड़ा। पहली बार दोनों इतने दिनों के लिए अलग हो रहे थे। गुंजन को उसकी बहुत याद आ रही थी, लेकिन अब वो सिर्फ एक प्यारी पत्नी नहीं रही थी—वो थोड़ी सैडिस्टिक भी हो गई थी। उसे अभय को मुर्गा बनते देखना अब सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक रिलेशनशिप रूटीन बन चुका था, जिसे वो मिस कर रही थी। 

रात के 10 बजे थे। गुंजन अपने बेड पर लेटी हुई थी और वीडियो कॉल पर अभय से बात कर रही थी। 

#### वीडियो कॉल पर अनोखा आदेश  

गुंजन ने कैमरे में झांकते हुए शरारती अंदाज में कहा, "डार्लिंग, तुम्हें मेरी कितनी याद आ रही है?"  

अभय ने मुस्कुराते हुए कहा, "बहुत ज्यादा! बस ट्रेनिंग जल्दी खत्म हो और मैं वापस आ जाऊं।"  

गुंजन ने अचानक आँखों में चमक के साथ कहा, "तो फिर अभी प्रूफ दो कि तुम सच में मुझसे प्यार करते हो!"  

अभय ने हैरानी से पूछा, "कैसे?"  

गुंजन ने अपने बालों को पीछे किया और हल्की आवाज़ में कहा, "अभी वीडियो कॉल पर मुर्गा बनो!"  

अभय एकदम चौंक गया, "क्या? यहाँ हॉस्टल में हूँ, रूममेट भी हो सकता है!"  

गुंजन ने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा, "कोई बहाने नहीं... तुम्हारी प्यारी टीचर-वाइफ का आदेश है!"  

#### अभय की झिझक और गुंजन का मोटिवेशन  

अभय झिझक रहा था, लेकिन गुंजन की आवाज़ में एक सख्त लेकिन प्यार भरा जादू था। 

"चलो ना डार्लिंग, बस थोड़ी देर... प्लीज़!"  

अभय ने इधर-उधर देखा, फिर कैमरे को सही एंगल पर सेट किया, ताकि कोई और न देख सके। धीरे-धीरे उसने कान पकड़े और मुर्गा बन गया।  

गुंजन की आँखें चमक उठीं। उसने प्यार से एक फ्लाइंग किस दी और धीरे से कहा, "वाह! बहुत अच्छे... लेकिन अभी और थोड़ी देर!"  

अभय ने थोड़ी देर सहन किया, फिर जैसे ही उसने अपने कान छोड़े, गुंजन ने स्क्रीन पर उंगली हिलाते हुए कहा, "नो नो! अभी नहीं, थोड़ी देर और!"  

अभय ने हंसते हुए कहा, "तुम सच में अब बहुत सैडिस्टिक होती जा रही हो!"  

गुंजन ने शरारती अंदाज में कहा, "और तुम्हें ये पसंद भी आ रहा है, है ना?"  

अभय ने मुस्कुराते हुए कहा, "प्यार के लिए कुछ भी!"  

गुंजन ने एक और फ्लाइंग किस दी और धीरे से फुसफुसाई, "बहुत अच्छे... अब मैं चैन से सो सकती हूँ!"  

और इस तरह, दूर रहते हुए भी उनकी नटखट और रोमांटिक बॉन्डिंग बरकरार रही—जहां दर्द और प्यार का अनोखा मेल उनके रिश्ते को और गहरा बना रहा था!


### अभय का नया रूप: जब सज़ा ही रोमांस बन गई!  


#### गुंजन का असर और अभय की नई आदत  

गुंजन की सख्ती और रोमांटिक शरारतों का अब अभय पर गहरा असर होने लगा था। पहले वो सिर्फ प्यार में पड़कर मजबूरी में मुर्गा बनता था, लेकिन अब धीरे-धीरे उसे खुद इसमें मज़ा आने लगा।  

वो महसूस करने लगा कि मुर्गा बनने से सिर्फ उसकी पत्नी खुश नहीं होती, बल्कि उसकी फिटनेस भी बेहतर हो रही थी—पैरों की स्ट्रेंथ बढ़ रही थी, बैलेंस अच्छा हो रहा था, और बॉडी टोन हो रही थी!  

अब हालत ये थी कि छोटी-छोटी गलतियों पर भी अभय खुद ही बिना कहे मुर्गा बन जाता।  

#### गुंजन की हैरानी और खुशी  

एक दिन गुंजन सुबह उठी और देखा कि अभय बिना किसी सजा के ही खुद कान पकड़कर बैठा था। 

"अरे! ये क्या कर रहे हो?" गुंजन ने चौंककर पूछा। 

अभय ने मुस्कुराते हुए कहा, "कल रात तुम्हारे बिना एक दिन गया था, तो सजा दे रहा हूँ खुद को!"  

गुंजन हंस पड़ी, "मतलब अब तुम्हें मेरी जरूरत भी नहीं? खुद ही मुर्गा बनने लगे?"  

अभय ने आँख मारते हुए कहा, "अब तो तुम्हारी ये सजा मुझे रोमांस से भी ज्यादा पसंद आने लगी है!"  

#### हर दिन कोई न कोई बहाना!  

अब तो गुंजन और अभय के बीच रोज़ का नियम बन गया था—चाहे गलती हो या न हो, कोई न कोई बहाना निकालकर मुर्गा बनाने का सिलसिला चलता रहता।  

- ब्रश करना भूल गया? – 10 मिनट मुर्गा!  

- किचन में प्लेट नहीं उठाई? – 15 मिनट मुर्गा!  

- गुंजन को सुबह गुड मॉर्निंग विश करना भूल गया? – 5 मुर्गा राउंड!  

- फोन में ज्यादा बिजी? – मुर्गा बनो और स्क्रीन टाइम कम करो!  

अब गुंजन को सजा देने का बहाना नहीं ढूंढना पड़ता, बल्कि अभय खुद मांगने लगा था!  

#### अभय का फिटर और रोमांटिक अवतार!  

अब अभय की बॉडी भी बदलने लगी थी—उसकी जांघों की मसल्स स्ट्रॉन्ग हो गई थीं, बैलेंस बेहतर हो गया था और स्टैमिना भी बढ़ने लगा था।  

एक दिन गुंजन ने उसकी मसल्स को देखकर कहा, "अरे वाह! अब तो तुम सच में फिट होते जा रहे हो!"  

अभय ने शरारती अंदाज में कहा, "तुम्हारी सज़ा ही मेरी एक्सरसाइज है!"  

गुंजन ने मुस्कुराते हुए बेल्ट उठाई और कहा, "तो फिर आज की एक्सरसाइज शुरू करें?"  

अभय ने बिना किसी सवाल के कान पकड़े और बोला, "ऑर्डर मिले बिना भी कर सकता हूँ!"  

गुंजन हंस पड़ी, "अब तो तुम परमानेंट मुर्गा एडिक्ट बन चुके हो!"  

और इस तरह, जो कभी मस्ती और सजा का खेल था, वो अब प्यार और फिटनेस का नया अंदाज बन चुका था!


### गुंजन का नया आइडिया: गिल्टी लोगों की सजा और कमाई का नया जरिया  


#### एक नया सोशल प्लेटफॉर्म  

गुंजन अब सिर्फ अभय को ही सजा देने में नहीं, बल्कि इस आइडिया को बिजनेस में बदलने के बारे में सोचने लगी थी। उसे एहसास हुआ कि बहुत से लोग अपनी गलतियों का बोझ लिए घूमते हैं, और अगर उन्हें कोई सजा देकर उनका गिल्ट कम किया जाए, तो वो खुद को हल्का महसूस कर सकते हैं। 

यही सोचकर उसने एक ऑनलाइन सोशल प्लेटफॉर्म बनाया—"Guilt-Free Punishment"  

यहाँ पर कोई भी गिल्टी इंसान आकर अपनी गलती बता सकता था और गुंजन उसे उसकी गलती के हिसाब से मुर्गा बनने की सजा देती थी। 

#### पहले क्लाइंट और गिल्ट रिलीफ  

पहले ही हफ्ते में एक आदमी ने मैसेज किया—  

*"मैंने ऑफिस में अपनी पत्नी से झूठ बोला कि मैं मीटिंग में हूँ, लेकिन असल में दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था। मुझे बहुत गिल्ट हो रहा है।"* 

गुंजन ने जवाब दिया, "अगर गिल्ट से छुटकारा पाना है, तो 30 मिनट तक मुर्गा बनो, और हर 5 मिनट में जोर से कहो—'मैं झूठा हूँ, अब कभी झूठ नहीं बोलूँगा!'"  

उस आदमी ने ऐसा किया और फिर गुंजन को मैसेज किया, "मैम, अब सच में हल्का महसूस कर रहा हूँ। धन्यवाद!"  

#### गुंजन की कमाई और बढ़ती पॉपुलैरिटी  

धीरे-धीरे गुंजन का प्लेटफॉर्म पॉपुलर होने लगा। लोग अपनी गलतियाँ बताते, और गुंजन उन्हें लाइव वीडियो कॉल पर मुर्गा बनवाकर सजा देती।  

इसके लिए उसने मेंबरशिप फीस रखना शुरू कर दिया: 

- Basic Package: 15 मिनट की सजा – ₹500 

- Standard Package: 30 मिनट की सजा – ₹1000 

- Premium Package: 1 घंटे की कड़ी सजा – ₹2500 

अब गुंजन सिर्फ अपने मज़े के लिए नहीं, बल्कि प्रोफेशनली लोगों को मुर्गा बनाकर उनके गिल्ट को दूर कर रही थी—और इससे उसकी अच्छी कमाई भी हो रही थी! 

#### अभय की प्रतिक्रिया  

जब अभय को इस बारे में पता चला, तो उसने हंसते हुए कहा, "मतलब अब तुमने इसे करियर बना लिया?"  

गुंजन मुस्कुराई, "हाँ, और अब तुम मेरे पहले फ्री क्लाइंट नहीं रहे, अब तुम्हें भी चार्ज देना पड़ेगा!"  

अभय ने मजाक में कहा, "मतलब अब सजा भी पैसे देकर लेनी पड़ेगी? तब तो मुझे मेंबरशिप लेनी पड़ेगी!"  

गुंजन ने शरारती अंदाज में बेल्ट उठाई और कहा, "तुम्हारे लिए आज का सेशन फ्री!"  

और इस तरह, जो कभी सिर्फ एक रोमांटिक खेल था, वो अब एक सक्सेसफुल ऑनलाइन बिजनेस बन चुका था, जहां लोग दर्द के जरिए अपने गिल्ट से मुक्ति पा रहे थे, और गुंजन एक सख्त लेकिन क्यूट टीचर की तरह अपना नाम कमा रही थी!


### गुंजन की सबसे कड़ी सजा: जब गिल्ट मिटाने के लिए दर्द जरूरी हो गया  


#### एक छात्र की मदद की गुहार  

गुंजन के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म *"Guilt-Free Punishment"* पर रोज़ लोग आते थे, लेकिन इस बार एक 24 साल का छात्र गुंजन से पर्सनल मीटिंग की मांग कर रहा था। 

उसका मैसेज आया— 

"मैम, मेरी बहुत बुरी आदत है। मैं जब भी पढ़ाई करने बैठता हूँ, तो ध्यान भटक जाता है और मैं अडल्ट चीज़ें देखने लगता हूँ। मैं इस आदत से छुटकारा पाना चाहता हूँ, लेकिन खुद को रोक नहीं पाता। प्लीज, आप मुझे कड़ी से कड़ी सजा दें। मुझे जितना भी रुला लो, लेकिन मुझे इस लत से बाहर निकाल दो! मैं आपको 5000 रुपये तक देने को तैयार हूँ, बस मेरी मदद करो!"  

गुंजन ने मैसेज पढ़ा और कुछ देर सोचने के बाद जवाब दिया— 

"तुम्हें सिर्फ सजा नहीं, बल्कि एक सही सीख भी मिलेगी। कल शाम को मेरी क्लासरूम में आ जाओ, तुम्हारी सबसे कठिन परीक्षा वहीं होगी!"  

#### सबसे कठिन सजा की तैयारी  

अगले दिन शाम को छात्र गुंजन के पास आया। वो पहले से ही व्हाइट शर्ट, ब्लैक जींस और हाथ में बेल्ट लिए तैयार थी। छात्र को अंदर बुलाया और कड़ाई से बोली— 

"तुम्हें सच में इस लत से छुटकारा पाना है?"  

छात्र ने झुककर कहा, "हाँ मैम, मैं बहुत कोशिश कर चुका हूँ, लेकिन खुद को रोक नहीं पाता। मुझे एक झटका चाहिए ताकि मैं हमेशा के लिए सुधर जाऊँ।"  

गुंजन ने ठंडी आवाज़ में कहा, "ठीक है, तो फिर अब से हर बार जब तुम्हारा दिमाग भटकेगा, तो तुम्हें यह सजा याद आएगी!"  

#### सजा की शुरुआत: सबसे कठिन परीक्षा!  

गुंजन ने उसे आदेश दिया— 

"पहले 30 मिनट तक बिना हिले-डुले मुर्गा बनो!"  

छात्र ने कान पकड़े और बैठ गया। 10 मिनट बाद ही उसके पैरों में जलन होने लगी, लेकिन गुंजन की सख्त निगाहें उसे हिलने नहीं दे रही थीं। जैसे ही उसने हल्की भी हरकत की— *'थाप!'* – बेल्ट हवा में लहराई और हल्का वार उसके पैरों पर पड़ा। 

गुंजन ने गुस्से से कहा, "कहा था बिना हिले रहो! ये सजा तुम्हारी भटकती सोच को काबू में करने के लिए है!"  

छात्र ने दर्द से आँखें बंद कर लीं लेकिन कुछ नहीं बोला। 

#### मुर्गा राउंड: स्टैमिना की परीक्षा!  

गुंजन ने अगला आदेश दिया— 

"अब 5 मुर्गा राउंड लगाओ, हर राउंड 50 मीटर का!"  

छात्र ने जैसे-तैसे उठकर पहले राउंड में दौड़ लगाई, लेकिन तीसरे राउंड तक उसके पैर कांपने लगे। पसीना टपक रहा था, सांस फूल रही थी, लेकिन गुंजन की कड़ी निगाहें उसे रुकने नहीं दे रही थीं।  

"अब आखिरी राउंड में हर कदम के साथ जोर से बोलो— 'मैं अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं करूंगा, मैं अपना भविष्य सुधारूंगा!' "  

छात्र ने कांपती आवाज़ में यह दोहराया, लेकिन हर शब्द के साथ उसका गिल्ट कम हो रहा था। आखिरी राउंड पूरा होते ही वो घुटनों के बल बैठ गया। 

#### गुंजन का आखिरी सबक  

गुंजन ने उसके पास जाकर बेल्ट सामने रख दी और कड़क आवाज़ में कहा— 

"आज का दर्द तुझे जिंदगी भर याद रहेगा। अगली बार जब भी तेरा मन भटकेगा, तो यह सजा याद आएगी।"  

छात्र की आँखों में आँसू थे, लेकिन इस बार यह दर्द के नहीं, बल्कि सच्चे पछतावे और बदलाव के आँसू थे।  

वो हाथ जोड़कर बोला, "मैम, मुझे अब यकीन है कि मैं इस आदत से बाहर आ सकता हूँ। आपका धन्यवाद!"  

गुंजन मुस्कुराई और कहा, "अब जाओ और जिंदगी को सही दिशा में ले जाओ। अगली बार तुम्हें मुर्गा नहीं, टॉपर बनते देखना चाहती हूँ!"  

#### नतीजा: सजा जिसने जिंदगी बदल दी!  

उस छात्र ने बाद में मैसेज किया— 

"मैम, आपकी सजा के बाद मैं सच में सुधर गया हूँ। जब भी भटकने का मन करता है, मैं आपकी दी हुई सजा याद कर लेता हूँ और तुरंत पढ़ाई पर ध्यान लगा देता हूँ। आप मेरी लाइफ चेंजर हैं!"  

गुंजन ने खुद से कहा, "मेरा मकसद सिर्फ सजा देना नहीं, बल्कि लोगों को सही रास्ते पर लाना है!"  

और इस तरह, गुंजन का प्लेटफॉर्म सिर्फ एक सजा देने की जगह नहीं, बल्कि जिंदगी सुधारने का माध्यम बन गया!


जो आपने अभी पढ़ा, वो तो बस शुरुआत थी कहानी का सबसे रोमांचक हिस्सा अभी बाकी है — पासवर्ड डालिए और जानिए आगे क्या हुआ! 🔓


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